Monday, 26th May 2025

ईरान की भारत को धमकी- अगर तेल का आयात कम किया तो इसके नुकसान उठाने होंगे

Wed, Jul 11, 2018 6:31 PM

चाबहार प्रोजेक्ट भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच रणनीतिक समुद्री रूट है।

  • अमेरिका ने भारत को दी थी ईरान से तेल का आयात बंद करने की चेतावनी
  • इराक-सऊदी अरब के बाद ईरान से ही सबसे ज्यादा तेल का आयात करता है भारत

नई दिल्ली. चाबहार बंदरगाह परियोजना पर वादे के मुताबिक निवेश न करने पर ईरान ने भारत की आलोचना की है। साथ ही धमकी दी कि अगर भारत, ईरान से तेल आयात कम करता है और सऊदी अरब, इराक, रूस और अमेरिका जैसे देशों से तेल खरीदने की कोशिश करता है, तो वो खुद को मिलने वाला विशेष लाभ खो सकता है। ईरान के उपराजदूत मसूद रेजवानियन राहाघी ने एक सेमिनार में कहा, "ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत चाबहार बंदरगाह के विस्तार के लिए किए गए निवेश के वादे को पूरा नहीं कर रहा है।"

अमेरिका की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों का जिक्र करते हुए राहाघी ने कहा कि उनका देश तेल के क्षेत्र में हमेशा से भारत का भरोसेमंद सहयोगी रहा है। ईरान ने हमेशा ही भारत को उचित कीमतों पर तेल बेचा है, ताकि दोनों देशों के हित सुनिश्चित रहें। राहाघी ने इस मामले में भारत को सोच-समझकर कदम उठाने की नसीहत भी दी।

 

अमेरिका की भारत को दो टूक:पिछले महीने ही अमेरिका ने भारत समेत कुछ और सहयोगी देशों को चेतावनी दी थी कि वे 4 नवंबर तक ईरान से तेल का आयात बंद कर दें। ऐसा न करने वाले देशों पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाने की बात भी कही। इस मामले में भारत और चीन को खासतौर पर जानकारी भी दी गई। ईरान चीन को सबसे ज्यादा तेल निर्यात करता है, जबकि भारत, इराक और सऊदी अरब के बाद सबसे ज्यादा तेल ईरान से ही आयात करता है। मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी सभी देशों को ईरान से 4 नवंबर तक तेल आयात बंद करने के लिए कहा।


तीन देशों के लिए फायदेमंद साबित होगा चाबहार प्रोजेक्ट: चाबहार बंदरगाह को भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच नया रणनीतिक रास्ता माना जा रहा है। इस पोर्ट के जरिए भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच कारोबार में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। हाल ही में भारत ने पहली बार इस पोर्ट से गेहूं की बड़ी खेप अफगानिस्तान भेजी थी। इस पोर्ट के जरिए भारत, पाकिस्तान से गुजरे बिना अफगानिस्तान, रूस और यूरोप से जुड़ सकेगा। अभी तक भारत को पाकिस्तान होकर अफगानिस्तान जाना पड़ता था। भारत और ईरान दोनों ही चाहते हैं कि चाबहार का काम तय वक्त से पहले पूरा हो जाए।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery