पेशावर. पाकिस्तान के पेशावर में मंगलवार देर रात एक आत्मघाती हमलावर ने चुनावी रैली को निशाना बनाया। धमाके में 20 लोगों की मौत हो गई। 50 से ज्यादा लोग घायल हैं। मारे गए लोगों में एक अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के नेता हारून बिलौर भी शामिल हैं। बिलौर पेशावर शहर की पीके-78 सीट से उम्मीदवार थे। वे यहां दूसरे नेताओं के साथ मुलाकात के लिए रुके थे। जैसे ही स्टेज पर पहुंचे हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। बिलौर को काफी चोटें आईं। उन्हें जल्द ही अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बम निरोधक दस्ते के प्रमुख शौकत मलिक ने कहा कि घटना में करीब 8 किलो डायनामाइट का इस्तेमाल किया गया था। राहत और बचाव कार्य के लिए कई टीमें मौके पर जुटी हैं। सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं। 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव से पहले पाकिस्तान में ये दूसरा बड़ा आतंकी हमला है। इस महीने की शुरुआत में भी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के तख्तीखेल में एक धमाके में 7 लोग घायल हुए थे। इनमें मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल पार्टी का एक उम्मीदवार भी शामिल था।
चुनाव आयुक्त ने की घटना की निंदा:चुनावी रैली के दौरान बम धमाके की घटना पर पाकिस्तान के चुनाव आयुक्त सरदार मुहम्मद रजा ने गुस्सा जताया। उन्होंने कहा, “ये हमारे सुरक्षा संस्थानों की कमजोरी दिखाता है। साथ ही ये पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया के खिलाफ एक साजिश है।” सोमवार को पाक की नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी (नाक्टा) ने सीनेट कमेटी को बताया था कि कुछ नेताओं को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। इनमें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के मुखिया इमरान खान, मुंबई ब्लास्ट के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेटा और एएनपी के नेता वली खान का नाम भी शामिल है।
आत्मघाती हमले में गई थी बिलौर के पिता की जान:हारून बिलौर एएनपी के पूर्व नेता बशीर अहमद बिलौर के बेटे थे। बशीर की मौत भी 2012 में एक पार्टी मीटिंग में हुए आत्मघाती हमले में हुई थी। तब हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली थी। एएनपी पाकिस्तान की मुख्यधारा की पार्टियों में शामिल है। इसके अध्यक्ष अस्फन्दयार वली खान हैं, जो पाकिस्तान के राष्ट्रवादी नेता अब्दुल गफ्फार खान के बेटे हैं। एएनपी खैबर पख्तूनख्वा में 2008 से 2013 तक शासन में रह चुकी है। इस दौरान पार्टी ने उत्तर-पश्चिमी इलाकों में तालिबान के कई ठिकानों पर ऑपरेशन को मंजूरी दी। इसी के चलते तालिबान ने कई मौकों पर पार्टी के बड़े नेताओं को निशाना बनाया है।
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