बैंकॉक. थाईलैंड की थाम लुआंग गुफा में अपने कोच के साथ फंसी फुटबॉल टीम के बाकी 9 सदस्यों को निकालने के लिए बचाव कार्य सोमवार सुबह 11 बजे (भारतीय समयानुसार) से दोबारा शुरू कर दिया गया है। रविवार शाम तक गुफा से 4 बच्चों को निकाल लिया गया था। इस बीच खिलाड़ियों के माता-पिता ने कहा कि उनके बच्चे बहुत बहादुर हैं। वे जल्द ही गुफा से बाहर आ जाएंगे। फिलहाल गुफा से निकाले गए चारों बच्चों को अस्पताल में रखा गया है।
16 दिन से फंसी है फुटबॉल टीम : बचाव अभियान के प्रमुख नारोंगसाक ने बताया कि "इस वक्त रविवार जैसे ही हालात हैं, जो काफी अच्छा है। कल बारिश हुई थी, लेकिन उससे गुफा में जलस्तर नहीं बढ़ा।' थाम लुआंग गुफा में जूनियर फुटबॉल टीम व उसके कोच 16 दिन से फंसे हुए हैं। रविवार को करीब 12 घंटे तक चले अभियान में 18 गोताखोरों ने 4 बच्चों को बाहर निकाल लिया था। इनकी लोकेशन पटाया बीच के करीब है। थाईलैंड के अलावा अमेरिका, चीन, जापान, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के 90 गोताखोर बचाव कार्य में लगे हुए हैं। करीब एक हजार जवान और एक्सपर्ट्स इस अभियान में मदद कर रहे हैं। यह फुटबॉल टीम 23 जून को गुफा देखने गई थी। बारिश से आई बाढ़ में फंस गई। इन लड़कों की उम्र 11 से 16 साल के बीच है।
दो गोताखोरों ने दिखाई काबिलियत : ब्रिटिश गोताखोर जॉन वोलेंनथन और रिक स्टैटन रेस्क्यू ऑपरेशन के हीरो हैं। दोनों ने ही गुफा में फंसे बच्चों को सबसे पहले खोजा। ये बच्चे कीचड़ के बीच एक छोटी सी चट्टान पर बैठे मिले थे। जॉन ने जब उनसे पूछा था कि आप कितने लोग हो? तो अंदर से आवाज आई- थर्टीन। जॉन और रिक दुनिया के सबसे माहिर गोताखोर हैं। 2004 में दोनों ने ब्रिटेन की बुकी होल गुफा की गहराई में जाकर रिकॉर्ड बनाया था। रिक फायर ब्रिगेड विभाग से रिटायर्ड हैं और जॉन आईटी सलाहकार हैं। रिक ने 2004 में मैक्सिको में आई बाढ़ में फंसे 6 सैनिकों को बचाया था। सैनिक 9 दिन से गुफा में थे। रिक ने 9 घंटे में उन्हें निकाल लिया था। इसके अलावा 2010 में फ्रांस की गुफा में फंसे फ्रेंच गोताखोर एरिक एस्टाबिले की जान भी इन्होंने बचाई थी। वह ऑपरेशन 8 दिन चला था। हालिया मामले के बाद थाइलैंड नेवी ने जैसे ही इनसे संपर्क किया, दोनों
तत्काल राजी हो गए और 27 जून को मौके पर पहुंचकर मिशन शुरू कर दिया।
गोताखोरों से लिपट गए बच्चे: अधिकारियों के मुताबिक, स्वस्थ बच्चों को सबसे पहले बाहर निकाला गया। बच्चों को बाहर आते ही चियांग राई अस्पताल ले जाया गया। जैसे ही बच्चे सतह पर आए, गोताखोरों ने उन्हें गले से लगा लिया। शनिवार शाम से शुरू हुई बारिश रविवार को दिनभर होती रही। ऐसा लग रहा था कि यह अड़चन बन सकती है, लेकिन इसका उतना असर नहीं हुआ।
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