Friday, 23rd May 2025

नोएडा में सैमसंग ने बनाई दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री, मोदी और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति आज करेंगे उद्घाटन

Mon, Jul 9, 2018 8:54 PM

करीब 5 हजार करोड़ रुपए में तैयार हुआ सैमसंग का ये प्लांट 35 एकड़ में फैला है।

- सैमसंग का दावा है कि नई फैक्ट्री से वह साल में 6.7 करोड़ की मौजूदा क्षमता से बढ़कर 12 करोड़ स्मार्टफोन बनाने लगेगी

- 35 एकड़ में फैली फैक्ट्री में सैमसंग ने करीब पांच हजार कराेड़ रुपए का निवेश किया है

नई दिल्ली.दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून-जे-इन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को मोबाइल कंपनी सैमसंग के नोएडा स्थित नए प्लांट उद्घाटन करेंगे। कंपनी का दावा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट होगा। नोएडा के सेक्टर 81 में बना यह प्लांट 35 एकड़ में फैला है। करीब 5 हजार करोड़ रुपए में तैयार हुआ है। फिलहाल कंपनी भारत में 6.7 करोड़ स्मार्टफोन बनाती है। इस प्लांट में प्रोडक्शन से इनकी संख्या बढ़कर करीब 12 करोड़ सालाना हो जाएगी।

मून रविवार को दिल्ली पहुंचे। यह उनका पहला भारत दौरा है। उनके साथ पत्नी किम जुंग-सुक, कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य, अधिकारी और 100 उद्योगपति भी आए हैं। सैमसंग प्लांट के उद्घाटन के पहले मून भारत-कोरिया बिजनेस फोरम की बैठक में हिस्सा लेंगे। इसके बाद वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ गांधी मेमोरियल जाएंगे। 10 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत होगा। फिर वे हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इस दौरान रक्षा क्षेत्र और साइबर सिक्योरिटी में करार होने की उम्मीद है। इसके अलावा दोनों नेता कारोबार, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर साझा हितों से जुड़े विषयों पर चर्चा करेंगे। दोनों के बीच अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर पर भी बात हो सकती है।

1990 में कंपनी ने देश में पहली यूनिट शुरू की थी:फिलहाल कंपनी के देश में दो मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नोएडा और श्रीपेरुंबदूर में हैं। इसके अलावा देश में पांच रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर हैं। देश में कंपनी के 1.5 लाख रिटेल आउटलेट हैं। कंपनी का 2016-17 में मोबाइल बिजनेस रेवेन्यू 34,400 करोड़ रुपए और कुल बिक्री 50,000 करोड़ रुपए रही। सैमसंग के जरिए 70 हजार लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

मून ‘थ्री पी’ एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहते हैं:मून की यात्रा से रणनीतिक साझेदारी का दूसरा दौर शुरू हुआ है। शुरुआत मोदी की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति से 2015 में हुई थी। भारत दोनों कोरियाई देशों को महत्व देता है। इसी कारण मून नई दक्षिण नीति के तहत ‘थ्री पी’ एजेंडे पर आगे बढ़ना चाहते हैं। थ्री पी में पीपुल्स यानी लोगों की अावाजाही से संबंध बढ़ाना, प्रॉसपेरिटी(समृद्धि) यानी साझेदारी निर्माण और पीस यानी शांति से है। भारत में दक्षिण कोरिया की सैमसंग, एलजी, हुंडई समेत 500 से ज्यादा कंपनियां हैं। वह भारत की महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया के साथ ही करीब 70 हजार करोड़ रुपए जुटाने में मदद कर रहा है। ऐसे में भारत चाहेगा कि कोरिया इन परियोजनाओं में भूमिका और बढ़ाए।

द. कोरिया से 1.36 लाख करोड़ रुपए का कारोबार:दक्षिण कोरिया, भारत का बड़ा ट्रेड पार्टनर है। पिछले साल उसने 1.36 लाख करोड़ रुपए का कारोबार किया। 10 साल में उसने भारत में 47 हजार करोड़ रुपए का निवेश भी किया है। वह भारत के साथ आने वाले सालों में कारोबार को 2.5 लाख करोड़ तक पहुंचाना चाहता है। दक्षिण कोरिया के पास उन्नत टेक्नोलॉजी और पर्याप्त पूंजी है तो भारत के पास बड़ा बाजार और कच्चा माल है लेकिन बुनियादी ढांचे की कमी है।

फोगट परिवार को मून दंपती ने चाय पर बुलाया: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून-जे-इन ने हरियाणा के नामी पहलवान फोगाट परिवार को चाय पर बुलाया है। मून और उनकी पत्नी फोगाट बहनों पर बनी फिल्म दंगल से प्रभावित हैं। इसलिए उन्होंने फोगाट परिवार से मिलने की इच्छा जताई।

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