Monday, 26th May 2025

मेडिकल छात्रा आत्महत्या मामला : इंडेक्स कॉलेज के चेयरमेन सहित दो पर केस दर्ज

Sat, Jul 7, 2018 7:40 PM

सुसाइड नोट में छात्रा ने कॉलेज प्रबंधन द्वारा परेशान करने की बात लिखी थी।

इंदौर। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज की एनेस्थीसिया विभाग की फाइनल ईयर की छात्रा डॉ. स्मृति लाहरपुरे द्वारा आत्महत्या के मामले में पुलिस ने कॉलेज के चेयरमेन और विभागाध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 11 जून की रात छात्रा ने कॉलेज के हॉस्टल में इंट्रा कैथ केजरिये एनेस्थीसिया का हाई डोज इंजेक्ट कर आत्महत्या कर ली थी। छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में कॉलेज प्रबंधन द्वारा परेशान करने की बात लिखी थी। वहीं आत्महत्या के बाद छात्रा के पिता ने आरोप लगाया था कि कॉलेज प्रबंधन ने बेटी को फीस जमा करने के लिए 9 लाख 90 हजार रुपए का नोटिस थमाया था। इसके बाद से बेटी तनाव में रहती थी, इसीलिए उसने यह कदम उठाया। पुलिस ने मामले की जांच के बाद इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के चेयरमेन सुरेश भदौरिया, एचओडी खान और एक अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है।


- खुड़ैल थाना के अनुसार इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के पीजी होस्टल में रहने वाली 32 वर्षीय स्मृति पिता किशोर कुमार लाहरपुरे निवासी भोपाल ने 11 जुन 2018 को एनेस्थीसिया की दवाओं का मिक्स हाई डोज लेकर आत्महत्या की थी। घटना के दिन छात्रा शाम 6 बजे तक कॉलेज में ड्यूटी पर थी। ड्यूटी खत्म कर वह मरीजों को लगाने वाली इंट्रा कैथ लेकर होस्टल के कमरे में पहुंची। मोबाइल पर किसी से काफी लंबी बातचीत और चैटिंग करने के बाद रात रात 1.15 बजे आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने स्मृति के कमरे से 12 पेज का सुसाइड नोट बरामद किया था।


फीस के लिए थमाए 9.9 लाख के नोटिस से तनाव में थी बेटी : पिता
डॉ. स्मृति लाहरपुरे द्वारा आत्महत्या के मामले में पिता ने आरोप लगाया था कि कॉलेज प्रबंधन ने बेटी को फीस जमा करने के लिए 9 लाख 90 हजार रुपए का नोटिस थमाया था। इसके बाद से बेटी तनाव में रहती थी। इसीलिए उसने यह कदम उठाया।


- पिता किशोर कुमार ने बताया वे सेंट्रल बैंक में मैनेजर हैं। जून 2016 में बेटी पीजी कोर्स के लिए सिलेक्ट हुई थी। बेटी ने इंडेक्स कॉलेज में एडमिशन लिया तो उसे पता चला कि कॉलेज का एफिलिएशन नहीं था। प्रबंधन ने इसे प्राइवेट यूनिवर्सिटी बना लिया था। बेटी ने स्टूडेंट्स को एकजुट कर हाई कोर्ट में केस लगाया था, जिसका फैसला पक्ष में आया था। इस पर कॉलेज प्रबंधन को कोर्ट के निर्णय के आधार पर फीस व अन्य सुविधाएं छात्रों को देना पड़ी थी। आत्महत्या के कुछ दिन पहले बेटी के साथ केस लगाने वाले स्टूडेंट्स प्रबंधन के लोगों से मिले तो बेटी को प्रबंधन के लोगों ने अपमानित किया था। इस वर्ष अचानक डेढ़ लाख रुपए फीस भी बढ़ा दी थी। इसी से वह काफी तनाव में रहने लगी थी।

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