रायपुर. कमजोर मानसून की वजह से राज्य के 13 जिलों, खासकर मैदानी इलाकों में जहां बंपर पैदावार होती है, वहीं धान की खेती 10 से 15 दिन पिछड़ने के आसार हैं। रायपुर और दुर्ग समेत इन जिलों में जून से जुलाई के पहले हफ्ते तक सामान्य से काफी कम बारिश हुई है। इसलिए किसान अब तक बोनी नहीं कर पाए हैं। राज्य के कृषि विभाग के आंकड़े भी बता रहे हैं कि 36 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसल बोई जानी है, लेकिन अब तक केवल 8.86 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हो सकी है। बाकी किसानों को अब भी मानसून के ताकतवर होने का इंतजार है।
मौसम विभाग के आंकड़े बता रहे हैं कि कमजोर मानसून की वजह से कुछ जिलों में सामान्य से 80 फीसदी तक कम पानी गिरा है। पूरे छत्तीसगढ़ में बारिश अब तक 33 फीसदी तक कम है। कम बारिश के बावजूद जिन जिलो में बुवाई हो चुकी है, वहां रोपाई प्रभावित होने की आशंका है। सामान्य से बहुत कम बारिश वाले जिलों में सुकमा, नारायणपुर, बीजापुर, धमतरी, दुर्ग और बेमेतरा शामिल हैं। रायपुर समेत करीब 12 जिलों के अधिकांश किसानों ने अभी बोनी तक नहीं की है।
औसत ही 33 फीसदी कम :राज्य में मानसून की पहली बारिश 9 जून को हुई थी। उसके बाद से अब तक 194.5 मिमी बारिश हो पाई। इस दौरान 230.9 मिमी हो जाना था। सामान्य से 33 फीसदी कम बारिश है। राज्य के 27 में से 13 जिलों में स्थिति खराब है। इनमें बस्तर कांकेर, कोंडागांव, गरियाबंद, महासमुंद, राजनांदगांव, रायपुर, जांजगीर, कोरबा, कोरिया ,जशपुर और सरगुजा शामिल हैं। वहीं, बलरामपुर और रायगढ़ जिलें में अब तक 92 मिमी बारिश हो पाई है।
खाड़ी में सिस्टम ही नहीं :मौसम विज्ञानियों के अनुसार मध्य और दक्षिण छत्तीसगढ़ में बारिश बंगाल की खाड़ी में बनने वाले सिस्टम पर निर्भर करती है। अभी खाड़ी के बजाय अरब सागर में सिस्टम बन रहे हैं। दूसरी तरफ पाकिस्तान और पश्चिमी राजस्थान में आमतौर पर मार्च तक कम दबाव का क्षेत्र बनता है। यह इस बार जून में भी बन रहा है। इसलिए उत्तर और पश्चिमी भारत में भारी बारिश हो रही है लेकिन मध्य और दक्षिण भारत में कम बारिश के हालात हैं। क्लाइमेटोलाजिस्ट डा. एएसआरएएस शास्त्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अब तक मानसून का वितरण असामान्य है।
इन शहरों में अब तक हुई बारिश
शहर | कितनी कम हुई बारिश |
बलरामपुर में 63 मिमी | -73% |
सरगुजा में 172.4 मिमी | -41% |
रायगढ़ में 92.85 मिमी | -61% |
गरियाबंद में 122.3 मिमी | -49% |
जांजगीर-चांपा में 120.9 मिमी | -48% |
शपुर में 159.4 मिमी | -35% |
कोरबा में 171.8 मिमी | -39% |
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