Friday, 18th July 2025

सरकार की सख्ती के बाद व्हाट्सएप ने भेजा संदेश, स्पैम फैलना ठीक नहीं है

Thu, Jul 5, 2018 7:26 PM

नई दिल्ली। जल्द ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड किए जाने वाले मैसेज साफ तौर पर वास्तविक और मास स्पैम में अलग किए जा सकेंगे। दुनिया के सबसे बड़े और लोकप्रिय मैंसेजर सर्विस ने फर्जी खबरों को रोकने के लिए कई पहल शुरू की हैं। देशभर में मास लिंचिंग की घटनाओं को देखते हुए सरकार के निर्देशों पर सोशल मीडिया कंपनी ने यह पहल शुरू की है।

फर्जी खबरों को अपने प्लेटफार्म से फैलने के मामले में व्हाट्सएप घिरी हुई है। कंपनी ने कहा कि उसने अपने प्लेटफार्म के दुरुपयोग रोकने के लिए ग्रुप चैट्स में कई अपडेट्स दिए हैं और फर्जी खबरों को रोकने के लिए वह कई और कोशिश कर रही है।

सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बुधवार को कंपनी को चेतावनी देते हुए कहा कि उसे इस खतरे को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। इस पर कंपनी ने साफ किया है कि वह सरकार कि चिंता पर ध्यान दे रही है। व्हाट्सएप ने कहा कि वह लोगों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की आजादी पर ध्यान दे रही है। हम नहीं चाहते हैं कि हमारी सेवा का इस्तेमाल नुकसान पहुंचाने वाली और गलत सूचनाओं के प्रसार के लिए किया जाए।

 

दरअसल, पिछले कुछ दिनों में व्हाट्सएप पर तेजी से वायरल होने वाले इन फेक मैसेज के कारण कई लोगों की जान गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक व्हाट्सएप और फेसबुक पर तेजी से वायरल हो रहे मैसेज के कारण पिछले दो हफ्तों में लगभग 27 लोगों की जान गई है। ये हत्याएं अलग-अलग राज्यों में हुई हैं।

व्हाट्सएप पर अफवाह फैलने के बाद भीड़ द्वारा निर्दोष लोगों को निशाना बनाए जाने का पहला मामला झारखंड में आया था। मई 2017 में बच्चाचोरी की आशंका में सात लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मृतकों में दो भाई भी थे।

 

सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई तो होगी गिरफ्तारी

सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले सावधान हो जाएं। अब उनके खिलाफ केस दर्ज हो सकता है और जेल की हवा खाना पड़ सकती है। गुजरात में ऐसा ही हुआ है।

 

यह पहला मौका है जब सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में किसी शख्स को गिरफ्तार किया गया हो। पुलिस ने सुरेश प्रजापति के खिलाफ केस किया है, जिसने अहमदाबाद में बच्चा चोरी गैंग सक्रिय होने का झूठ फैलाया था।

एडि. कमिश्नर पुलिस अशोक यादव के मुताबिक, जिस समय पुलिस ने आरोपी को पकड़ा, उस समय वह कुछ लोगों को इकट्ठा कर कथित बच्चा चोर गैंग का वीडियो दिखा रहा था। उस पर आईपीसी की धारा 505 के तहत केस किया गया है।

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