Monday, 26th May 2025

महाराष्ट्र: धुले में बच्चा चोरी के शक में 5 लोगों को 1 किमी तक पीटते हुए लाई थी भीड़, हत्या के बाद शव जलाने पर आमादा थी

Thu, Jul 5, 2018 6:43 PM

इस घटना में मारे गए लोग खानाबदोश नाथ गोसावी समाज के थे।

 रविवार को जहां घटना हुई, वहां बाजार लगता है, जिसमें 20 गांवों के लोग आते हैं
- अब तक 23 को गिरफ्तार किया गया, बाकियों की पहचान के लिए 5 पुलिस टीमें बनाई गईं

धुले. एक जुलाई को बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने रानीपाड़ा गांव में 5 लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। पुलिस का कहना है कि भीड़ इतनी आक्रोशित थी कि वह शव भी मौके पर ही जलाना चाहती थी। पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो वहां करीब 3 हजार लोगों की भीड़ जमा थी। भीड़ ने काकरपाड़ा गांव में इन लोगों पर हमला किया और करीब एक किलोमीटर तक पीटते हुए रानीपाड़ा गांव तक लाई थी।

पुलिस ने बताया कि मारे गए लोग महाराष्ट्र के खानाबदोश नाथ गोसावी समाज के थे। वे 30 जून की रात को धुले पहुंचे थे और अगले ही दिन इलाके में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाने के लिए पुलिस के पास जाने वाले थे।

भीड़ ने पुलिस से भी हाथापाई की : इस घटना के कुछ वीडियो भी वायरल हुए हैं, जिसमें इन पांच लोगों ने एक 6 साल की लड़की से बात कर रहे थे और इसी के बाद उन पर लोगों ने हमला कर दिया था। पुलिस को घटना की सूचना 11 बजे मिली और वह 40 किलोमीटर की दूरी तय कर 12 बजे मौके पर पहुंची थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि भीड़ इतने गुस्से में थी कि शवों को कस्टडी में नहीं लेने दे रही थी और पुलिसबल के साथ भी हाथापाई की। भीड़ सभी मृतकों के शवों को वहीं जलाना चाहती थी।

भीड़ में मौजूद युवाओं ने भड़काया:एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "जब पांचों लोगों को रानीपाड़ा लाया गया तो गांववालों ने उनसे पूछताछ करने की कोशिश की। इसके बाद इन लोगों को पंचायत दफ्तर ले जाया गया। यहां उनसे पिछली जिंदगी के बारे में पूछा गया और ये भी कि वे बच्चों के साथ क्या करते हैं। बुरी तरह पिटाई होने से वे बेहोशी की हालत में थे। भीड़ में मौजूद कुछ युवाओं ने कहा कि ये लोग जो कुछ भी कहें, उस पर भरोसा मत करना। इसके बाद भीड़ ने दरवाजा तोड़ दिया और बुरी तरह पिटाई करने लगे। किसी भी युवा ने शराब नहीं पी थी। जिन युवकों ने हत्या के लिए उकसाया, वे रानीपाड़ा के थे।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery