Monday, 26th May 2025

बुराड़ी: सीसीटीवी में दिखा- घर की दो महिलाओं ने फंदे पर चढ़ने के लिए स्टूल खरीदे थे, बच्चे लाए थे तार

Thu, Jul 5, 2018 6:40 PM

  • 1 लोगों की मौत के मामले की जांच सामूहिक सुसाइड पर आकर ठहर गई है
  • अभी इस मामले में हत्या का केस दर्ज

 

नई दिल्ली.बुराड़ी के संतनगर में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इसमें परिवार के कुछ सदस्य 30 जून की रात 10 बजे स्टूल की खरीदारी करते दिख रहे हैं। पुलिस ने बताया कि इस फुटेज में परिवार के सदस्य भुवनेश की पत्नी सविता और ललित की पत्नी हैं। इसके कुछ देर बाद उनके बच्चे बिजली के तार लेकर घर में जाते दिखे। फंदे पर लटकने के लिए ऐसा ही तार इस्तेमाल किया गया था।

क्राइम ब्रांच के अफसरों ने बुधवार को उनके घर की फिर से तलाशी ली। पुलिस का मानना है कि दंपती ललित और टीना ने परिवार के बाकी सदस्यों के हाथ-पैर बांधे होंगे। पिछले दो महीने तक की फुटेज की जांच की जा रही है।

इन फुटेज में दंपती की गतिविधियां संदिग्ध मिली हैं। 23 से 30 जून के बीच ललित और टीना धार्मिक क्रियाओं में इस्तेमाल विभिन्न सामान ले जाते दिखे हैं। 27 जून के एक फुटेज में ललित पॉलिथीन में डॉक्टर टेप और काली चीज ले जाता दिखा। पूछताछ में पता चला है कि ललित या परिवार का कोई अौर सदस्य कभी खुद सामान लेने नहीं जाते थे। घर में काम करने वाला पप्पू ही सामान लेने जाता था। ऐसे में ललित खुद क्या और क्यों लेकर आ रहा था, इसकी जांच की जा रही है।

वैज्ञानिक सबूतों को पुलिस बनाएगी सुसाइड का आधार :पुलिस की जांच सामूहिक आत्महत्या के एंगल पर ही आगे बढ़ रही है। कड़ियां जोड़ने के लिए पुलिस वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सबूत जुटा रही है। कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश करने के लिए पुलिस पोस्टमार्टम, एफएसएल, बिसरा, साइको ऑटोप्सी रिपोर्ट को आधार बनाएगी। पुलिस सूत्राें का कहना है कि घटनास्थल से मिले नोट्स को मनोचिकित्सक एक्सपर्ट के पास भेजने की तैयारी है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि अभी इस मामले में हत्या का केस दर्ज है। जांच में हत्या के संकेत नहीं मिले हैं। उधर, पुलिस को घर में किसी बाबा की फोटो नहीं मिली है। केवल तीन रजिस्टर मिले हैं। पुलिस ने 20 रजिस्टर होने की बात से इंकार किया है।

मार्च के बाद लिखी गईं मोक्ष की ज्यादा बातें:रजिस्टरों से पता चला है कि मार्च से पहले तक मोक्ष और हवन के बारे में ज्यादा नहीं लिखा गया। मार्च के बाद ही मोक्ष, हवन के बारे में काफी लिखा गया। अब पुलिस जनवरी से घटना वाले दिन तक ललित की कॉल डिटेल्स को खंगालने की कोशिश कर रही है।

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