रायपुर।जोगी कांग्रेस में जाने वाले तीन विधायकों की सदस्यता खत्म करने को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव की स्पीकर को लिखे पत्र के मामले में मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। तीन विधायक अमित जोगी, आर के राय और सियाराम कौशिक कांग्रेस का दामन छोड़कर जोगी कांग्रेस में शामिल हुए थे। वहीं रेणु जोगी को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाए जाने के मामले में भी पक्ष और विपक्ष की तीखी बहस हुई। इन सब हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
- शून्यकाल में बीजेपी के वरिष्ठ विधायक शिवरतन शर्मा ने मामले को उठाते हुए कहा कि ये स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए कि किन कारणों से सदस्यों की सदस्यता खत्म करने के लिए नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने पत्र लिखा है।
- इस पर संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने शिवरतन शर्मा का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में वरिष्ठ सदस्य रेणु जोगी को नहीं बुलाया जाता। समाचार पत्रों में ऐसी खबरें छपी हैं। मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा कि प्रदेश जानता है कि कांग्रेस से विभाजित होकर जेसीसी का गठन हुआ है।
- मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय के इस वक्तव्य पर पीसीसी चीफ भूपेश बघेल ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि विभाजन नहीं हुआ है कांग्रेस का। निष्कासन के बाद उन्होंने पार्टी बनाई है। इस पर प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा कि रेणु जोगी उस परिवार की सदस्य हैं इसलिए उन्हें विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया जाता।
- मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि किसी सदस्य का अपमान पूरे सदन का अपमान है। रेणु जोगी का कांग्रेस पार्टी लगातार अपमान कर रही है। बृजमोहन अग्रवाल की इस टिप्पणी पर नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव भड़क गए। उन्होंने कहा कि जब सदस्या खुद कह रही हैं कि वह कांग्रेस की सदस्य हैं, तो फिर बार बार सत्तापक्ष ऐसी टिप्पणी कर उनका अपमान कर रहा है।
- इसके बाद स्पीकर गौरीशंकर अग्रवाल सदस्यों को शांत कराया और कहा कि रेणु जोगी को विधायक दल की बैठक की सूचना दी गई या नहीं ये कांग्रेस पार्टी का आंतरिक मामला है। उन्होंने अमित जोगी, आर के राय और सियाराम कौशिक की सदस्यता खत्म किए जाने के मामले में व्यवस्था देते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष के इस पत्र पर मैं व्यवस्था दूंगा।
बाबाजी ! चुनाव है कल, आप आज कर रहे हो 'दल-बदल ' ?
- नेता प्रतिपक्ष की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को दल-बदल कानून के तहत तीन विधायकों की सदस्यता खत्म करने की 50 पन्ने की चिठ्ठी को मरवाही विधायक अमित जोगी ने हास्यास्पद बताया। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा कि बाबाजी ! चुनाव है कल और आप आज लेके बैठे हैं दल- बदल। सदस्यता खत्म करने की चिट्ठी एक वर्ष या दो वर्ष पूर्व लिखी जानी चाहिए थी। चुनाव के चार महीने पहले वो भी आखरी सत्र में चिट्ठी लिखना केवल स्वयं की विफलता की खीझ उतारना है और कुछ नही।
- जोगी ने कहा कि दरअसल ये कांग्रेस पार्टी का चुनाव पूर्व नर्वसनेस है। 50 पन्ने की चिट्ठी खीझ और बौखलाहट को दर्शाती है। पिछले दो वर्षों से कांग्रेस ने भाजपा के संग मिलकर हर संभव प्रयास किया तीनों विधायकों को रोकने का लेकिन पूरी तरह असफल रहे। जनहित के हर मुद्दे को हम तीनों विधायकों ने जमकर उठाया। हमने सीजी की बात की और कांग्रेस केवल तीन वर्षों से सीडी बजा रही है।
सदस्यता रद्द हुई तो नहीं कराना पड़ेगा उप चुनाव
- नेता प्रतिपक्ष के पत्र का विधानसभा अध्यक्ष परीक्षण करेंगे। बताया गया है कि यदि विधानसभा अध्यक्ष चाहें तो तीनों की विधायकी जा सकती है, लेकिन इसके लिए यह भी ध्यान रखना होगा कि चुनाव में कितना समय है।
- विशेषज्ञों का कहना है कि यदि चुनाव आचार संहिता लगने में छह महीने से ज्यादा समय शेष हो आैर ऐसे में किसी विधायक की विधायकी जाती है तो वहां फिर से चुनाव कराना होता है। लेकिन आचार संहिता लगने में दो से ढाई महीने का समय ही शेष है। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष अपने विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए उनकी सदस्यता समाप्त कर सकते हैं।
हम कानूनी रूप से मजबूत हैं, हमारा कुछ नहीं बिगड़ेगा: राय
- इस मामले में विधायक आरके राय का कहना है कि कानूनी रूप से हम काफी मजबूत हैं। आज तक के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि विधानसभा या लोकसभा अध्यक्ष किसी चुने हुए जनप्रतिनिधि को किसी मांग के आधार पर निष्कासित कर दें। हमने व्हिप का कहीं उल्लंघन नहीं किया है।
- विधानसभा के बाहर हम कुछ भी बोलें, कुछ भी करें इससे व्हिप का कोई संबंध नहीं है। हम दो साल से चिल्ला रहे हैं कि हमें पार्टी से निकाल दो। लेकिन कुछ नहीं कर पाए तो विधानसभा में कार्रवाई की मांग की गई है। इससे हम तीनों का कुछ नहीं बिगड़ने वाला।
मैं कांग्रेस विधायक हूं: रेणु जोगी
- इसके साथ ही कांग्रेस विधायक रेणु जोगी के भविष्य को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। रविवार को विधायक दल की बैठक में न बुलाए जाने से पार्टी के भीतर से यही संदेश निकला है। वहीं उनके पति और पूर्व सीएम अजीत जोगी कई बार कह चुके हैं कि रेणु उनसे बाहर नहीं जाएंगी। रेणु ने कहा मैं वर्तमान में कांग्रेस की विधायक हूं आैर आगे क्या होगा मुझे नहीं पता? मुझे ज्यादा राजनीति नहीं आती।
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