भोपाल/इंदौर. मानसून ने बुधवार को भोपाल-इंदौर समेत पूरे प्रदेश को कवर कर लिया है। भोपाल में यह तय समय 13 जून से 14 दिन बाद पहुंच सका। चार साल बाद मानसून यहां इतना लेट हुआ है। इससे पहले 2014 में मानसून 7 जुलाई को भोपाल पहुंचा था। बुधवार को राजधानी समेत पूरे प्रदेश में बारिश हुई। देवास जिले के सोनकच्छ में साढ़े चार इंच पानी बरसा। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला के अनुसार भोपाल में बारिश का सालभर का कोटा 109 सेमी है। 2017 में यहां 72 सेमी (34 फीसदी कम) बारिश हुई थी। अनुमान है कि इस बार 100 फीसदी बारिश होगी। उन्होंने बताया कि अगले दो-तीन दिन भोपाल समेत पूरे प्रदेश में तेज बारिश हो सकती है।
ये तीन सिस्टम बने, कराएंगे मूसलाधार
- ओडिशा के समुद्री और बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में हवा में 7.6 किमी तक चक्रवात बना है।
- राजस्थान से उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक 1.5 किमी ऊपर ट्रफ लाइन बनी है।
- गुजरात व मप्र में 2.1 से 4.5 किमी ऊपर चक्रवात बना है। तीनों सिस्टम का असर होगा। तेज बारिश के आसार।
अब तक बारिश
- प्रदेश में 8.59 सेमी होनी थी 9.46 सेमी
- भोपाल में 5.85 सेमी होनी थी 10.15 सेमी
श्योपुर में नदी के बीच चट्टान पर बैठे थे दो दोस्त, अचानक बाढ़ आ गई, 3 घंटे बाद रेस्क्यू कर बचाया
श्योपुर में दो दोस्त आरिफ और प्रेम बुधवार को मोरडूंगरी नदी में घूमने गए। नदी में अचानक बाढ़ आ गई। दोनों तीन घंटे तक नदी के बीच चट्टान पर बैठे रहे। प्रशासन ने दोपहर 3 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और उन्हें सकुशल निकाला।
राजधानी में पहली मानसूनी बारिश, उमस से राहत
भाेपाल में बुधवार को पहली मानसूनी बारिश हुई। शाम तक 1.24 सेमी पानी बरसने से उमस से राहत मिली। बारिश होने से दिन का तापमान सामान्य से 3 डिग्री कम हो गया। दिन का तापमान 30.0 डिग्री दर्ज किया गया। इसमें 0.3 डिग्री की गिरावट हुई। यह इस बार जून का सबसे ठंडा दिन रहा। रात के तापमान में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। यह 24.0 डिग्री दर्ज किया गया।
बगैर बरसात इंदौर में मानसून घोषित
शहर में बगैर बरसे ही मानसून का आना मान लिया गया है। बूंदाबांदी हुई, लेकिन तेज पानी नहीं बरसा। वैसे 1 जून से अब तक चार इंच बारिश हो चुकी है। हालांकि देर रात शहर के कई इलाकों में तेज बारिश हुई। मौसम विभाग दो-तीन दिन में जोरदार बारिश होना बता रहा है। इंदौर की जरूरत का अधिकांश पानी जुलाई में बरस जाता है। जुलाई में होने वाली बारिश से बोरिंग चालू हो जाते हैं, प्रमुख तालाबों में पानी आ जाता है। इस महीने में किसी एक दिन पांच से आठ इंच तक पानी गिर जाता है जिससे पानी की स्थिति एकदम सुधर जाती है।
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