Friday, 23rd May 2025

पुलिस परिवारों के समर्थन में पहुंचा नक्सली समर्थक गिरफ्तार, गिरौदपुरी दर्शन कराने का झांसा देकर ग्रामीणों को लाया

Tue, Jun 26, 2018 8:07 PM

पुलिस पूछताछ में हुआ खुलासा, धरना स्थल पर एक गाड़ी में बड़ी संख्या में ग्रामीणों को देख हुआ संदेह

रायपुर।पुलिस परिवारों के आंदोलन का फायदा उठाने में नक्सली भी जुट गए हैं। उन्होंने सरकार पर पुलिस के जवानों की प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए परिवारों को समर्थन देने की बात कही है। इसी बीच पुलिस ने सोमवार को परिवारों के आंदोलन के समर्थन में पहुंचे एक नक्सली समर्थक आरोपी वीरेंद्र कुर्रे को गिरफ्तार किया है। उसके साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण भी पकड़े गए हैं। आंदोलन में भीड़ बढ़ाने और समर्थन देने के लिए नक्सल आरोपी वीरेंद्र कुर्रे दल्ली राजहरा से 40-50 ग्रामीणों को लेकर पहुंचा हुआ था। पुलिस ने एक साथ इतने ग्रामीणों को देखा और पूछताछ की तो सारा मामले का खुलासा हुआ।

- पुलिस ने वीरेंद्र कुर्रे को ग्रामीणों के साथ आंदोलन स्थल के पास गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार महिलाओं को गिरौदपुरी दर्शन कराने का झांसा देकर दल्ली राजहरा से लाया गया था। उनकी गाड़ी शाम को धरनास्थल से थोड़ी दूर पर खड़ी थी। एक ही गाड़ी में इतने सारे ग्रामीणों को देखकर पुलिस को शक हुआ और फिर जब कड़ाई से पूछताछ हुई तो मामले का खुलासा हुआ।

- वीरेंद्र कुर्रे वर्ष 2013 में पुलिस हमला और ग्रामीणों को भड़काकर जेके लक्ष्मी में आगजनी की घटना का आरोपी है। वो महिलाओं को यह कहकर लाया था कि वो उन्हें गिरौदपुरी घुमाकर लाएगा। दल्लीराजहरा की ये महिलाएं झांसे में आ गई। बताया जा रहा है कि पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए गाड़ी में गिरौधपुरी धाम चलो लिखा बैनर और झंडा लगा रखा था।

एक महीना पहले ही जमानत पर छूटा

- जेके लक्ष्मी सीमेंट प्लांट में आगजनी, पुलिस वालों पर हमला, थाने में आग लगाने, और जनसुरक्षा अधिनियम समेत कुर्रे के खिलाफ 9 मामले दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने दावा किया था कि वीरेंद्र कुर्रे के घर से नक्सली साहित्य और बम बनाने को लेकर दस्तावेज मिले थे। दस्तावेजों में बम बनाने की विधि लिखी गई थी।

- वीरेंद्र एक महीना पहले ही जमानत में रिहा हुआ था। जेल में बंद रहने के दौरान कैदियों के साथ मिलकर भूख हड़ताल किया था। वीरेंद्र कुर्रे के पिता पुलिस विभाग में अफसर थे। वहीं वीरेंद्र कुर्रे भिलाई स्टील प्लांट में नौकरी के दौरान स्टील प्लांट के टीए प्रशिक्षुओं के आंदोलन को समर्थन देने के साथ ही आंदोलन का नेतृत्व भी किया था।

- वीरेंद्र पर नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का हिस्सा होने का आरोप है। 2013 में शहरों में 2 लाख नक्सली मेंबर बनाने के सबूत भी मिले थे। उसे चार साल की सजा मिली थी। लेकिन जेल से छूटने के बाद वो पुलिस परिवार के आंदोलन को समर्थन दे रहा था।

नक्सलियों ने भी दिया है समर्थन

- छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ पुलिस जवानों के परिवार वालों के आंदोलन को नक्सलियों ने भी समर्थन दिया है। कथित नक्सली संगठन ने बीजापुर में प्रेस नोट जारी कर पुलिस जवानों के परिवार वालों के आंदोलन को समर्थन दिया है।

- नक्सलियों ने पुलिस जवानों को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने का आरोप भी सरकार पर लगाया है। पुलिस परिवार के इस आंदोलन को उचित ठहराते हुए नक्सलियों ने इस आंदोलन को और मजबूत और विस्तार करने की बात कही है।

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