Monday, 26th May 2025

शिवराज सरकार मीसा बंदियों को देगी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा, लाड़ली लक्ष्मी योजना पर बनेगा कानून

Tue, Jun 26, 2018 8:02 PM

विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा दिन भी हंगामेदार होने के आसार जताए जा रहे हैं।

भोपाल.सरकार की ओर से विधानसभा में पेश सात में से दो विधयकों पर विवाद शुरू हो गया है। सरकार आपातकाल के दौरान जेल गए मीसा बंदियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा देने जा रही है। वहीं दूसरे विधेयक में लाड़ली लक्ष्मी योजना को कानूनी रूप देने जा रही है। विधानसभा की आज के कामकाज सूची के अनुसार आज इन दोनों विधेयकों को पारित कर दिया जाएगा। वहीं लंच से पहले अनुपूरक बजट पास कर दिया गया है।

मंगलवार को भी हुई सदन की हंगामेदार शुरुआत

- विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा दिन की शुरुआत हंगामें से हुई। सदन के शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने आज शाम मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित मीसा बंदियों के सम्मान के विरोध में जमकर नारेबाजी की।

- नारेबाजी थमती न देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। आज अनुपूरक बजट पर चर्चा होनी है। सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी या नहीं इसपर अभी अध्यक्ष ने कोई फैसला नहीं लिया है।

क्या हो रहा है सदन में

- मानसून सत्र के दूसरे दिन इमरजेंसी को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच जमकर हंगामा हो रहा है। सदन शुरू होते ही कांग्रेस विधायक आसंदी तक पहुंचकर नारेबाजी करने लगे।

- भाजपा विधायक आपातकाल को देश के इतिहास में सबसे काले दिन के नारे लगा रहे थे। वहां कांग्रेस के विधायक मीसा बंदियों के सम्मान किए जाने का विरोध कर रहे थे।

- नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का कहना है सत्तापक्ष की मंशा पांच दिन के सत्र को भी बीच में खत्म करने की है। अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस को बसपा का साथ मिला है।

- बसपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक सत्यप्रकाश ने कहा कि बीजेपी सरकार की नीतियों के खिलाफ बसपा विधानसभा में कांग्रेस का साथ देगी।

- इससे पहले अंतिम सत्र में होने वाले विधायकों के फोटो सेशन को आज रद्द कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायकों ने इसका विरोध किया था। क्योंकि अबतक जितने भी सत्र हुए हैं उनमें फोटो सेशन सत्र के आखरी दिन होता है।

क्या होता है जब पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सदन में कार्यवाही नहीं होती

- विधानसभा के शुरू होते ही कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होती है। सदन में कामकाज कैसे होगा इसमें तय किया जाता है।

- सत्र शुरू होने से के एक दिन पहले विधायकों के पास अगले दिन सदन में होने वाले कामकाज की सूची भेजी जाती है।

- ध्यानाकर्षण के लिए विधायकों को सुबह साढ़े सात बजे से पहले विधानसभा सचिवालय को सूचना देनी पड़ती है।

- जब सदन में विधायकों की नारेबाजी या अन्य किसी वजह से कोई काम नहीं होता तो विधानसभा सचिवालय की ओर से जो दिनभर के कामकाज का जो लेखाजोखा लिखित रूप से तैयार किया जाता है।

- हंगामे की स्थिति में उसे सदन की कार्यवाही में शामिल हुआ मान लिया जाता है। सदन के पूरे कामकाज को शाम को विधायकों को दे दिया जाता है।

- विधायक जो प्रश्न विधानसभा में पूछते हैं, उनके उत्तर भी एक पुस्तक के रूप पहले ही छपवा लिए जाते हैं। जिन्हें सदन शुरू होते ही विधायकों दे दिया जाता है।

- विधानसभा में कार्यवाही हो या नहीं हो लेकिन इसका एजेंडा पहले से तैयार रहता है। अगर कार्यवाही सुचारू रूप से चलती है तो उस पर चर्चा होती है। अगर कार्यवाही किसी कारण से नहीं चलती तो उस एजेंडे को याथावत मान्य किया जाता है।

 

पहले दिन क्या हुआ था

- सत्र के पहले दिन सोमवार को सरकार अपने ही विधायकों से घिर गई। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच जमकर तीखी नोकझोंक हुई, जिससे सदन की कार्रवाई दोपहर में मंगलवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले कांग्रेसी विधायकों ने मंदसौर गोलीकांड की रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने की मांग को लेकर नारेबाजी की। कांग्रेस की आपत्ति के बाद मंगलवार को होने वाला फोटो सेशन स्थगित कर दिया गया है।

कांग्रेस सदस्यों के हंगामे पर विस दी गई स्थगित

- सोमवार को मानसून सत्र की हंगामेदार शुरुआत हुई। हंगामे के चलते विधानसभा कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए विधानसभा के अंदर घुसे और मंदसौर गोलीकांड के पर्चे लहराने लगे। कांग्रेस नेताओं ने मंदसौर गोलीकांड की रिपोर्ट को लेकर सवाल खड़े किए।

- हंगामे के बीच ही सदन में कांग्रेस विधायक राम निवास रावत ने शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया और आसंदी से अनुमति मांगी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष की सूचना पर प्रस्ताव को चर्चा में लेने पर विचार होगा।

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