----- भोपाल के युवा पत्रकार रहे प्रशांत कुमार की आज 23 जून को 16 वी पुण्य तिथि है । परिवार के सदस्य और मित्र तथा भोपाल के पत्रकार साथी उसे प्यार से अन्नू भी कहते थे । सोलह साल बीत गए उसे हमसे दूर हुए, लेकिन उसके होने का अहसास आज भी बना रहता है । हो भी क्यो न, उसका मिजाज ही कुछ ऐसा था कि लोग उससे प्रभावित हुए बिना नही रहते । बिंदास, मनमौजी, शरारती और हर हाल में मस्त रहना उसकी पहचान थी । खुद समस्याओं से घिरे रहने के बावजूद दूसरों की समस्या का हल उसके पास रहता । मित्रो की अच्छी खासी जमात का वो सिकन्दर था । इंटेलीजेंट इतना कि जितने एक्जाम दिए सबमे हमेशा पास हुआ सिवाय जिंदगी के । मैं तो हमेशा कहता कि तुम अपना दिमाग किसी बड़ी पोस्ट के लिए होने वाली प्रतियोगिता में लगाओ तो उसका उत्तर एक इंच की मुस्कान में होता । लगभग 25 साल हम मित्र रहे , लेकिन उसकी जिंदगी की रफ्तार कभी रुकी नही । कभी रिश्तेदारों , परिवार के काम तो कभी दोस्तो के । लेकिन उसके नेचर में कभी बदलाव नही आया । सही मायने में उसका व्यक्तित्व "थ्री इडियट" के रेंचो जैसा था । इस फ़िल्म का यह गाना उस पर बिल्कुल सटीक बैठता है..... "बहती हवा से था वो, उड़ती पतंग सा था वो, कहाँ गया उसे ढूंढो.........इस गाने को जब भी मै सुनता हूँ तो अपने अन्नू की यादों और उसके साथ बिताये पलों में खो जाता हूँ, जब कभी आप भी ये गाना सुने तो मेरी बातों से अवश्य सहमत होंगे--प्रलय श्रीवास्तव
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