सिंगापुर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बीच बहुप्रतिक्षित मुलाकात के बाद ट्रंप और किम जोंग उन ने सिंगापुर समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके ठीक बाद मीडिया में आई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि किम ने बैठक के दौरान ट्रंप से कोरियन पेनसुएला में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण का वादा किया है।
समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद उत्तर कोरियाई तानाशाह ने इस मुलाकात को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि दुनिया जल्द बड़ा बदलाव देखेगी। वहीं राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि हमारे बीच एक विशेष बॉन्ड तैयार हुआ है और यह समिट सभी की उम्मीद से कहीं ज्यादा बेहतर रही।
जब ट्रंप से पत्रकारों ने पूछा कि क्या वो किम जोंग उन को व्हाइट हाउस आने का निमंत्रण देंगे तो उन्होंने कहा बिलकुल।
इससे पहले सुबह पहली बार किम और ट्रंप ने 50 मिनट तक अकेले वन-टू-वन मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच डेलिगेशन लेवल की बातचीत हुई। काफी देर चली यह बातचीत खत्म हो चुकी है और इसके बाद दोनों ही नेताओं ने साथ में लंच किया।
दूसरे दौर की मुलाकात के बाद ट्रंप ने मीडिया के सामने आकर कहा कि यह मुलाकात उम्मीद से कहीं बेहतर थी। वहीं किम जोंग उन ने कहा कि पूरी दुनिया आज इस पल को देख रही है। कई लोगों के लिए तो यह किसी साइंस-फिक्शन फिल्म के फैंटसी सीन की तरह होगा।
खबरों के अनुसार भारतीय समयानुसार दोपहर 1.30 बजे इस बात का खुलासा हो पाएगा की दोनों के बीच क्या बात हुई और उसका क्या नतीजा निकला।
इससे पहले सुबह हुई मुलाकात के बाद मेरिकी राष्टपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह बातचीत अच्छी रही। दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों की शुरुआत है। यह मुलाकात 50 मिनट तक चली।
इससे पहले आज सुबह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन सिंगापुर के सेंटोसा आइलैंड पर स्थित कैपेला होटल में मिले। पहली मुलाकात में दोनों ने हाथ मिलाया और इस दौरान किम और ट्रंप के बीच कुछ शब्दों का आदान-प्रदान भी हुआ।
पहली बार हाथ मिलाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह बेहद शानदार है और अच्छी बातचीत के दम पर दोनों देशों के बीच संबंध बेहतरीन होंगे। वहीं किम ने कहा कि यह मुलाकात इतनी आसान नहीं थी। बीच में कई अड़चनें आईं लेकिन हम उनसे उबरते हुए यहां मिल रहे हैं।
मालूम हो, दोनों नेता रविवार को ही सिंगापुर पहुंच चुके हैं। 1950-53 के कोरियाई युद्ध के बाद से दोनों देशों के शासनाध्यक्षों की यह पहली मुलाकात है। इस बीच दोनों राष्ट्र प्रमुखों ने फोन पर भी बात नहीं की है।
बात नहीं बनी तो कड़े कदम
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि किम को अपने देश में शांति और समृद्धि लाने का ऐसा मौका मिला है। कूटनीतिक तरीके से समस्या का समाधान नहीं निकला तो फिर प्रतिबंध और कड़े किए जाएंगे।
वार्ता का उद्देश्य
बातचीत का उद्देश्य उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार के जखीरे के कारण ट्रंप और किम के बीच बनी खाई को पाटना है। उत्तर कोरिया की परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल महत्वाकांक्षा ने दुनिया की पेशानी पर बल डाल रखा है।
मुख्य भूमिका निभा रहे भारतीय मूल के दो मंत्री
सिंगापुर में भारतीय मूल के दो मंत्री विवियन बालकृष्णन और के. षणमुगम वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सिंगापुर के विदेश मंत्री 57 वर्षीय बालकृष्णन ने हाल के दिनों में वॉशिंगटन, प्योंगयांग और बीजिंग की यात्राएं की हैं। वह सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी से हैं। षणमुगम कानून एवं गृह मामलों के सिंगापुर के मंत्री हैं।
खाने में पुलाव, चिकन करी भी
शिखर वार्ता को कवर करने दुनियाभर से करीब 3000 पत्रकार सिंगापुर पहुंचे हैं। उनके लिए 45 व्यंजन तैयार किए गए हैं, जिनमें मशहूर भारतीय व्यंजन पुलाव और चिकन करी भी शामिल हैं। स्थानीय एवं अन्य देशों के पत्रकारों को ध्यान में रखकर व्यंजन सूची तैयार की गई है। पुलाव, चिकन करी, चिकन कोरमा, दाल और पापड़ जैसे भारतीय व्यंजन "एफ1 पिट बिल्डिंग" में परोसे जाएंगे। "एफ1 पिट बिल्डिंग" शिखर वार्ता का आधिकारिक मीडिया केंद्र है। पत्रकारों को सिंगापुर, मलेशिया, वियतनाम, थाईलैंड, कोरिया प्रायद्वीप, अमेरिका, फ्रांस समेत कई अन्य देशों के व्यंजन भी परोसे जाएंगे।
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