Sunday, 25th May 2025

नीरव हमारे यहां: ब्रिटेन; सीबीआई ने इंटरपोल से की रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील

Tue, Jun 12, 2018 6:49 PM

13,000 करोड़ के पीएनबी घोटाले में नीरव और मेहुल चौकसी मुख्य आरोपी हैं

  • फरवरी में घोटाले के खुलासे के बाद से फरार हैं नीरव मोदी और मेहुल चौकसी
  • दोनों के पासपोर्ट रद्द हो चुके हैं, गैरजमानती वारंट भी जारी

 

नई दिल्ली.पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ जल्द रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा सकता है। सीबीआई ने इंटरपोल से इसके लिए अपील की है। वहीं, ब्रिटेन सरकार ने पुष्टि की है कि नीरव उनके देश में हैं। साथ ही ब्रिटेन सरकार ने शराब कारोबारी विजय माल्या, नीरव और ललित मोदी के प्रत्यर्पण कार्रवाई में भारत को पूरी तरह से सहयोग देने का वादा किया है।

प्रत्यर्पण कार्रवाई में भारत की मदद करेगा ब्रिटेन

- केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने सोमवार को बताया कि ब्रिटेन सरकार ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि विजय माल्या, नीरव और ललित मोदी के प्रत्यर्पण कार्रवाई में भारत सरकार की पूरी तरह से मदद की जाएगी।

- मंत्रालय के अफसर ने बताया, " ब्रिटेन सरकार ने पुष्टि की है कि नीरव उनके देश में है।"

- ब्रिटेन की मंत्री बेरोनेस विलियम्स ने कहा, "मैं कोर्ट में चल रहे किसी भी केस के बारे में टिप्पणी नहीं करूंगी, उचित नियमों के आधार पर कार्रवाई चल रही है। मैंने भारत के मंत्री किरण रिजिजू से बात की है और उन्हें आश्वासन दिया है।"

नीरव मोदी ब्रिटेन में राजनीतिक शरण पाना चाहता है- रिपोर्ट

एक मीडिया रिपोर्ट में भारतीय और ब्रिटिश अफसरों के हवाले से ये दावा किया गया है।

- फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के हवाले से रॉयटर्स ने बताया कि नीरव मोदी लंदन में है और वह शरण चाहता है। इसकी वजह वह राजनीतिक रूप से खुद को सताया जाना बता रहा है।

- हालांकि ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायुक्त ने किसी भी मामले में कोई जानकारी नहीं दी है। रिपोर्ट की मानें तो इस मामले में नीरव मोदी ने भी बयान जारी कर कोई जानकारी नहीं दी।
- भारतीय विदेश मंत्रालय ने फाइनेंशियल टाइम्स को बताया कि भारत सरकार खुद उसका इंतजार कर रही है। देश की लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियां उसका प्रत्यर्पण कराने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन यह हो नहीं पाया।

सीबीआई 25 लोगों के खिलाफ दायर कर चुकी है आरोप पत्र

- सीबीआई मई में 25 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर चुकी है। इसमें नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, पीएनबी की पूर्व प्रमुख उषा अनंत सुब्रह्मणियन, पीएनबी के दो डायरेक्टर और नीरव की तीन कंपनियां शामिल हैं।
- उधर, नीरव और चौकसी लगातार इस बात से इनकार कर रहे हैं कि उन्होंने कुछ भी गलत किया है।
- बता दें कि भारत सरकार लंदन में रह रहे विजय माल्या का भी प्रत्यर्पण चाहती है। वो पिछले साल मार्च में लंदन भाग गया। उस पर भारतीय बैंकों का 9 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है।

अब तक नीरव-मेहुल के ठिकानों पर 251 छापे
- प्रत्यर्पण निदेशालय (ईडी) देश भर में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के ठिकानों पर 251 छापे मार चुका है। इसमें करीब 7,638 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी अटैच की गई।
- नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ लुकआउट/ब्लू कॉर्नर नोटिस के साथ गैरजमानती वारंट भी जारी हो चुके हैं। दोनों के पासपाेर्ट रद्द कर दिए गए हैं।

कब और कैसे हुआ घोटाला?
- घोटाले की शुरुआत पीएनबी की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में 2011 से हुई। फ्रॉड फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) के जरिए किया गया। 
- फर्जी एलओयू तैयार कर 2011 से 2018 तक हजारों करोड़ की रकम विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई।

घोटाले का खुलासा कब हुआ?
- फ्रॉड का खुलासा फरवरी के पहले हफ्ते में हुआ। पंजाब नेशनल बैंक ने सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले की जानकारी दी। 
- बाद में पीएनबी ने सीबीआई को बैंक में 1300 करोड़ के नए फ्रॉड की जानकारी दी। इस तरह घोटाला करीब 13 हजार करोड़ तक जा पहुंचा।

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