Monday, 26th May 2025

प्रोफेशनल स्पोर्ट्स या विज्ञापन से कमाई का 33% हिस्सा खेल परिषद काे दें: हरियाणा सरकार ने एथलीट्स से कहा

Fri, Jun 8, 2018 8:07 PM

बबीता फोगाट समेत राज्य के कई खिलाड़ियों ने इस फैसले को सही नहीं बताया है।

पानीपत.हरियाणा सरकार ने सरकारी नौकरी करने वाले खिलाड़ियों से कहा कि अगर वे किसी प्रोफेशनल स्पोर्ट्स में हिस्सा लेते हैं या किसी कंपनी का विज्ञापन करते हैं तो उसकी कमाई का 33% हिस्सा खेल परिषद को देना होगा। इसके लिए स्पोर्ट्स एंड यूथ अफेयर डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी किया गया। सरकार का कहना है कि इस फैसले का मकसद खेल को और बेहतर बनाना है। जो पैसा आएगा वह खिलाड़ियों पर खर्च किया जाएगा। रेसलर बबीता फोगाट ने फैसले को सही नहीं बताया। सुशील कुमार ने भी कहा कि इस पर दोबारा विचार करना चाहिए।

 

बिना विभागीय मंजूरी केविज्ञापन किया तो देना होगी पूरी कमाई

- सरकार ने इसके लिए दो नियम बनाए हैं। पहले नियम के मुताबिक, अगर कोई खिलाड़ी हरियाणा सरकार में नौकरी करते हुए बिना सैलरी के छुट्टी लेकर प्रोफेशनल स्पोर्ट्स या किसी विज्ञापन करता है तो उसे अपनी कमाई का एक तिहाई हिस्सा हरियाणा स्टेट स्पोर्ट्स काउंसिल को जमा करवाना होगा।

- वहीं, अगर कोई खिलाड़ी अॉन ड्यूटी रहते हुए बिना किसी विभागीय मंजूरी के प्रोफेशनल स्पोर्ट्स खेलता है या विज्ञापन करता है तो उसे इनसे होने वाली पूरी कमाई हरियाणा स्टेट स्पोर्ट्स काउंसिल को देनी होगी।

खेल और खिलाड़ियों के पैसे पर खर्च किया जाएगा पैसा
- नोटिफिकेशन में जिक्र किया गया है कि 33% पैसे का इस्तेमाल खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए किया जाएगा। यह नोटिफिकेशन हरियाणा के चर्चित आईएएस औरस्पोर्ट्स एंड यूथ अफेयर डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अशोक खेमका ने जारी किया है।

बबीता फोगाट ने कहा- मैं इसका समर्थन नहीं करती
- पहलवान बबीता फोगाट का कहना है कि सरकार को अहसास नहीं है कि एक खिलाड़ी कितनी मेहनत करता है। वह कैसे एक तिहाई कमाई उन्हें दे सकता है। मैं इसका कतई समर्थन नहीं करती। सरकार को कम से कम खिलाड़ियों से पूछना चाहिए था।

सुशील कुमार ने कहा- फैसले पर दोबारा विचार हो

- रेसलर सुशील कुमार ने कहा, "इस फैसले पर दोबारा विचार होना चाहिए। सरकार को वरिष्ठ खिलाड़ियों की एक समिति बनानी चाहिए और इस तरह की पॉलिसी बनाने से पहले उनकी भी राय लेनी चाहिए। ये फैसला खिलाड़ियों के आत्मविश्वास और हो सकता है कि उनके प्रदर्शन पर भी असर डाले।"

बॉक्सर विजेंद्र का विवाद हो सकता है इस फैसले केपीछे की वजह

- ऐसा कहा जा रहा है कि इस फैसले के पीछे की वजह बॉक्सर विजेंद्र का सरकार के साथ हुआ विवाद है। दरअसल, वे हरियाणा सरकार में डीएसपी पद पर कार्यरत हैं। कुछ दिनों पहले विजेंद्र ने पेशेवर कुश्ती में शामिल के लिए छुट्टी के लिए आवेदन दिया था। हरियाणा सरकार ने मंजूरी देने में देरी कर दी।

- विजेंद्र हाईकोर्ट पहुंच गए। लेकिन कोर्ट ने राहत देने से मना कर दिया था। कोर्ट ने कहा फैसला सरकार ही लेगी। अगर आपको जल्दी है, तो नौकरी छोड़कर जा सकते हैं। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद हरियाणा सरकार ने विजेंद्र की छुट्टी मंजूर कर दी थी।

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