नई दिल्ली.आरके पुरम सेक्टर-12 में स्थित सरकारी क्वार्टर में मंगलवार देर रात आग लग गई। जहरीले धुएं की चपेट में आने की वजह से पहली मंजिल पर रहने वाले पंकज कुमार के पौने चार साल के बेटे अभिनव की मौत हो गई। पंकज कॉमर्स मिनिस्ट्री में स्टेनोग्राफर हैं। हादसे के वक्त पंकज के अलावा घर में मौजूद उनकी पत्नी स्वाति और मां दर्शना देवी बेहोश हो गए। आग बुझाने के बाद जब दमकल कर्मी अंदर पहुंचे तब चारों बेहोश पड़े थे। उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया पर तब तक अभिनव की मौत हो चुकी थी। हादसा ग्राउंड फ्लोर पर बिजली मीटर के जंक्शन में शॉट सर्किट से हुआ। इसकी चिंगारी से नजदीक खड़ी दो बाइकों ने आग पकड़ ली। पूरी बिल्डिंग में धुआं भर गया।
4 साल में फेफड़ा ज्यादा विकसित नहीं होता
- टायर जलने से फैला धुआं दो मिनट भी न झेल पाने के कारण बच्चे की जान गई। साइंटिस्ट डॉ. अब्बास अली मेहंदी ने बताया कि चार साल के बच्चे का फेफड़ा इतना विकसित नहीं होता है कि वह तुरंत शरीर के अंदर जाने वाली टॉक्सिक गैस को बाहर निकाल सके।
- ऐसे में एक वयस्क की तुलना में कार्बन मोनो ऑक्साइड के संपर्क में आने से बच्चों पर तुरंत असर होता है। जैसे ही यह धुआं खून में मिलता है तो नर्व ब्लॉक होनी शुरू हो जाती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा घटती है, जिससे दम घुटता है और मौत हो जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि कार्बन मोनो ऑक्साइड के साथ सल्फर डाइऑक्साइड, सायनाइड और ब्यूटाडीन नाम की गैसें भी निकलती हैं, जो जहरीली होती हैं।
खुले बिजली के तारों से निकली चिंगारी से हुआ हादसा
- आरके पुरम की सरकारी कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने शिकायत की कि यह बिजली विभाग की लापरवाही का नतीजा है, जिससे यहां आग लगी। वे खुले बिजली के तारों को ठीक से कवर नहीं करते, इस वजह से अक्सर बिजली के मीटरों में यहां स्पार्किंग होती रहती है।
- इस घटना से कुछ देर पहले ही पास ही बिजली के एक अन्य जंक्शन बाॅक्स में भी चिंगारी निकली थी। घटनास्थल पर पुलिस के साथ जिले की क्राइम टीम ने तफ्तीश की। आग किस कारण से लगी, यह पता लगाने के लिए पुलिस ने एफएसएल और बिजली एक्सपर्ट से जांच करवायी। रिपोर्ट के बाद ही सही कारण पता चलेगा।
कार्बन मोनो ऑक्साइड तब तक निकलती है, जब तक आग न बुझे
- डॉ. अब्बास अली मेंहदी ने बताया कि आग लगने के बाद खासकर जब प्लास्टिक, रबर या टायर चलता है तो बड़ी मात्रा में कार्बन मोनो ऑक्साइड निकलती है। यह तब तक निकलती है जब तक आग पूरी तरह खत्म नहीं हो जाती।
- कार्बन मोनो ऑक्साइड एक स्लो पॉयजन की तरह ह्यूमन बॉडी पर असर डालती है। दो मिनट भी लगातार यह शरीर में जाए तो इससे मौत हो सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आखिर जले हुए पदार्थ से कार्बन मोनो ऑक्साइड निकलने की मात्रा कितनी है।
कमरे में एसी लगा है तो बाहर कोई ज्वलनशील पदार्थ बिल्कुल न रखें
- सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. वेद प्रकाश के मुताबिक, एसी चलाते वक्त बहुत अधिक सावधानी बरतना जरूरी है। जिस कमरे में एसी लगा हो उस कमरे के अंदर या उसके बाहर किसी भी तरह का ज्वलनशील पदार्थ न रखें। न ही इसके आस-पास कोई धुंआ होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि कमरे को ठंडा करने के लिए एसी बाहर की हवा को अंदर भेजता है। ऐसा करने में ही कार्बन मोनो ऑक्साइड कमरे में घुसी होगी, जिससे बच्चे की मौत हुई होगी।
पुलिसवालों ने चारों लोगों को नीचे उतारा
- आग लगने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे दो पुलिसकर्मी मुंह को रुमाल से कवर करके दमकलकर्मियों के साथ ग्राउंड फ्लोर वाले घर के रास्ते से अंदर घुसकर सीढ़ियों से पहली मंजिल पर पहुंचे। लोहे की गैती से थोड़ी सी दीवार तोड़कर अंदर हाथ डालकर दरवाजा का लॉक खोलकर अंदर घुसे।
- घर में पूरी तरह धुआं भरा था। पहले कमरे में कोई नहीं मिला। फिर वे दूसरे कमरे में पहुंचे, जहां दरवाजे के पास चारों लोग अचेत हालत में जमीन पर पड़े मिले। पुलिसकर्मियों ने उन्हें फौरन नीचे उतारा और अस्पताल पहुंचाया।
- सफदरजंग के डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। पंकज एम्स ट्रॉमा सेंटर और सास-बहू अभी सफदरजंग के आईसीयू में भर्ती हैं।
- धुआं इतना जहरीला था कि इनमें से एक पुलिसकर्मी को ऑक्सीजन देनी पड़ी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घर में एसी लगा है। आशंका है कि एसी के जरिए भी धीरे-धीरे धुंआ कमरे के अंदर घुस गया। परिवार को सांस लेने में दिक्कत हुई तो उन्होंने बाहर निकलने की कोशिश भी की लेकिन शरीर में ज्यादा धुंआ चले जाने के कारण वे अचेत होकर वहीं गिर पड़े।
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