मंदसौर/इंदौर.मंदसौर गोलीकांड की पहली बरसी पर शामिल होने के लिए राहुल गांधी खोखरा गांव पहुंचे। वे सबसे पहले पिछले साल किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों से मिलने पहुंचे। उनसे करीब 10 मिनट तक बात की। इस आंदोलन में मारे गए किसान अभिषेक पाटीदार के परिवार ने आरोप लगाया है कि सरकार के अफसर उन पर राहुल गांधी से मुलाकात न करने और सभा में न जाने का दवाब बना रहे हैं। परिवार वालों ने बताया- एसडीएम ने हमें राहुल गांधी से न मिलने की हिदायत दी।
पांच दिनों से हाई अलर्ट पर है जिला, आज सबसे बड़ी चुनौती
- पिछले साल किसान आंदोलन के दौरान मंदसौर में 6 लोगों की मौत की बरसी के बीच इस बार गृह मंत्रालय ने 1 जून से ही मंदसाैर को हाई अलर्ट जोन में रखा है। इस बार किसानों ने 10 दिनी आंदोलन की घोषणा की है।
- 1 जून से जारी और 10 जून तक चलने वाले इस किसान आंदोलन के बीच कई किसान संगठनों की सभाएं भी होना हैं।
- इस सभा में सुरक्षा व्यवस्था के लिए करीब 1500 अफसर और पुलिस वालों की तैनाती की गई है। ये सभी राहुल के सभा स्थल से लेकर हवाई पट्टी, हेलीपेड तक तैनात रहेंगे।
कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य पहुंचे अगवानी करने
- राहुल गांधी मंदसौर पहुंच गए हैं। उनकी अगवानी के लिए कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सबसे पहले सुबह मंदसौर पहुंचे और उन्होंने तैयारियों का जायजा लिया। जीतू पटवारी और शोभा ओझा और मीनाक्षी नटराजन भी सुबह से ही व्यवस्था में लगे हैं।
- कुर्सी खाली रहने के सवाल पर पटवारी ने कहा कि राहुल के आने के पहले इतनी भीड़ दिखेगी कि जगह कम पड़ जाएगी। शोभा ओझा ने कहा कि प्रदेश और केंद्र सरकार किसानों के दर्द को कम करने की बजाय उन्हें बढ़ाने का काम कर रही है।
फ्लैश बैक: 06 जून 2017
- पिछले साल 4 जून को रतलाम के डेलनपुर में किसानों के आंदोलन के दौरान भीड़ में से एक पत्थर उछला जिसने एएसआई पवन यादव की आंखों की रोशनी छीन ली।
- 6 जून 2017 को मंदसौर के पिपलियामंडी स्थित बही पार्श्वनाथ चौपाटी से किसान आंदोलन की आग भड़की गई। आंदोलन के तहत किसान सुबह से ही चौपाटी पर इकट्ठे हो रहे थे।
- दोपहर 12.30 बजे उन्होंने चक्काजाम कर दिया। कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इधर, प्रदर्शनकारियों ने बही पार्श्वनाथ फंटे पर टीअाई अनिल ठाकुर की पिटाई कर दी।
- दोपहर 1.30 बजे सीआरपीएफ ने मोर्चा संभाला। यह देखकर किसान और भड़क गए। कुछ लोगों ने वाहनों में आग लगाना शुरू कर दी। थाने को घेरकर उसमें भी आग लगाने की काेशिश की। सुरक्षा बलों ने गोलियां दागीं।
- इसमें 5 किसानों बरखेड़ापंथ के अभिषेक पाटीदार, लोध के सत्यनारायण धनगर, टकरावद के बबलू पाटीदार, चिलोद पिपलिया के कन्हैयालाल पाटीदार और नीमच नयाखेड़ा के चैनराम पाटीदार की मौत हो गई थी।
- इधर, पुलिस की पिटाई से बड़वन के युवा घनश्याम धाकड़ की भी मौत हो गई। इसकी प्रतिक्रिया प्रदेश के अन्य जिलों में भी नजर आई। 275 से अधिक निजी और सरकारी वाहन गुस्से की आग में फूंक दिए गए थे। सरकार ने किसानों की नाराजगी खत्म कर उनका दिल जीतने की तमाम कोशिशें की आखिरकार सीएम शिवराजसिंह चौहान ने मृतकों के परिजन को 1-1 करोड़ रुपए और 1-1 परिजन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की। इसके बाद हालात सामान्य हुए।
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