सैन फ्रांसिस्को। फेसबुक ने सालों बाद 'ट्रेंडिंग फीचर' को खत्म करने का फैसला कर लिया है। इसकी जगह फेसबुक पर ब्रेकिंग न्यूज नोटिफिकेशन को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है।
फेसबुक के समाचार सामग्री प्रमुख ने कहा कि, हम अगले हफ्ते से ट्रेंडिंग को फेसबुक से हटा लेंगे और ट्रेंड्स एपीआई पर निर्भर सामग्री और थर्ड-पार्टी एकीकरण भी हटा लेंगे। फेसबुक ने 4 साल पहले 2014 में ट्रेंडिंग फीचर पेश किया था, जिसका मकसद यूजर्स को ऐसी खबरें खोजने में मदद करना था, जो लोगों के बीच ज्यादा लोकप्रिय होती थी।
इस फीचर में कई चर्चित खबरें एक जगह नजर आती थीं। हालांकि इस फीचर के लिए सोशल नेटवर्किंग दिग्गज को जल्द ही राजनीतिक पूवार्ग्रह के आरोपों का सामना करना पड़ा। एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट में बताया गया कि, शुरू में टॉपिक्स संपादक चुनते थे। ऐसा दावा किया गया कि, फेसबुक इस फीचर का प्रयोग उदारवादी मुद्दों को बढ़ाने और कट्टर सोच को दबाने के लिए करती थी।
फेसबुक ने बाद में संपादकों को हटा दिया और इसकी जगह नए एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया, जो ये फैसला लेता था कि किन टॉपिक्स को ट्रेंडिंग सेक्शन में रखा जाए, लेकिन एल्गोरिदम द्वारा शीर्षकों की छंटाई करने से कई फर्जी खबरें और आपत्तिजनक सामग्री भी फेसबुक के ट्रेंडिंग फीचर में जगह पाने लगी थी।
इस सेक्शन को हटाने का फैसला ताजा उदाहरण है कि,फेसबुक अपने प्लेटफॉर्म पर न्यूज देने की प्रक्रिया को बदलने के बारे में सोच रहा है। ऐसा उस वक्त हो रहा है, जब पिछले साल भर से फेक न्यूज और चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के मामले में फेसबुक पर कई तरह के सवाल खड़े हुए हैं।
इस साल जनवरी में फेसबुक ने न्यूज फीड में बदलाव करते हुए फ्रेंड्स, परिवार के सदस्यों और ग्रुप को पब्लिशर और अलग-अलग ब्रांड की प्रचार सामग्री के ऊपर तरजीह दी थी। फेसबुक अब स्थानीय न्यूज स्टोरीज को तरजीह दे रहा है। ताकि खुद यूजर्स पब्लिकेशन हाउस की साख को परख सकें।
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