पटना.बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार होने की जदयू की शर्त पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस पर कोई विवाद नहीं है। राज्य में नीतीश कुमार ही हमारा चुनावी चेहरा हैं। हम उनके नेतृत्व में ही सरकार चला रहे हैं। केंद्र में भी नरेंद्र मोदी जी हैं। नीतीशजी हमारे लिए हर तरह से बड़े हैं। उनके पास सीटें भी ज्यादा हैं और वे उम्र में भी बड़े हैं। जदयू ने रविवार को साफ कर दिया था कि बिहार में चुनाव चाहे लोकसभा का हो या विधानसभा का, चेहरा तो नीतीश कुमार ही रहेंगे। कहा जा रहा है कि पार्टी ने राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 25 सीटों पर 2019 में चुनाव लड़ने का मन बनाया है। बता दें कि 7 जून को पटना के ज्ञान भवन में एनडीए का महासम्मेलन है। इसमें जदयू, भाजपा, लोजपा और आरएलएसपी के स्थानीय नेता शामिल होंगे।
पहले भाजपा के साथ 25-15 के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ा था, जदयू इस बार भीयही चाहती है
- दरअसल, लोकसभा की सीटों की शेयरिंग को लेकर विवाद जदयू की रविवार को हुई मीटिंग के बाद शुरू हुआ।
- जदयू सांसद पवन वर्मा ने कहा कि बिहार में एनडीए का गठन जदयू, भाजपा, लोजपा और आरएलएसपी से मिल कर हुआ है। लेकिन बिहार में नेता सिर्फ नीतीश कुमार ही हैं। वह इसी वजह से अभी भी सीएम हैं। बिहार में नीतीश ही सबकी प्राथमिकता हैं। राज्य में हम बड़े भाई की भूमिका में हैं।
- बता दें कि 2009 में जदयू और भाजपा ने 25-15 सीट शेयरिंग फार्मूले पर लोकसभा चुनाव लड़ा था।
सुशील मोदी ने कहा- हमारे बड़े भाई हैं नीतीश
- सुशील कुमार मोदी ने कहा- "बिहार में नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे। बिहार के अंदर जो वोट मिलेगा वो नरेंद्र मोदी के चेहरे के नाम पर और मुख्मंत्री नीतीश कुमार के काम पर मिलेगा। इसमें कहीं कोई विरोधाभास नहीं है।"
- "बिहार में नीतीश कुमार ही चेहरा हैं। पहले भी जब हमने साथ लड़े थे तो नीतीश कुमार के चेहरे पर ही लड़े थे। सीट शेयरिंग को लेकर कोई विवाद नहीं है। जब दिल मिल गया तो सीट मिलना कौन सी बड़ी चीज है। जब दिल मिला है तभी तो हम लोग साथ में आए हैं।"
त्यागी ने कहा- जदयू एनडीए से अब कभी नहीं होगा अलग
- जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि जदयू के अब कभी एनडीए से अलग होने का सवाल ही नहीं उठता है। हमारा लक्ष्य लोकसभा चुनाव में बिहार में अधिक से अधिक सीटों को जीतना है। अब फिर से राजद या कांग्रेस के साथ जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। हमने राजद का साथ भ्रष्टचार के मसले पर छोड़ा था, अब दोबारा उनके साथ जाने की बात कहां से आ गई? हम क्या उनसे समझौता करेंगे जो जेल में बंद हैं। मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक के बारे में उन्होंने कहा कि यह समय-समय पर होने वाली रूटीन बैठक थी।
जोकिहाट ने बिगाड़ा गठबंधन का गणित
- बिहार में एक के बाद एक उपचुनावों में मिली हार से एनडीए के घटक दल भी चिंतित है। हाल ही में जोकिहाट में हुई हार ने एनडीए गठबंधन की इस चिंता को और बढ़ा दिया है।
- हालांकि, एनडीए में किसी भी तरह की टूट से सभी पार्टियां इनकार कर रही हैं। उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि कुछ उपचुनावों को जीत कर एनडीए में टूट का सपना देखने वाले खुद टूट जाएंगे।
बिहार में एनडीए में चार बड़ी पार्टियां
-जदयू, भाजपा, लोजपा और रालोसपा।
2015 में क्या थी सीटों की स्थिति
कुल सीट: 243
पार्टी | सीटें |
राजद | 80 |
जदयू | 71 |
भाजपा | 53 |
कांग्रेस | 27 |
निर्दलीय | 04 |
अन्य | 08 |
- जदयू ने पहले कांग्रेस और राजद वाले महागठबंधन के साथ सरकार बनाई थी। लेकिन 2017 में यह गठबंधन टूट गया था। जदयू अभी एनडीए के सहयोग से सत्ता में है।
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें, भाजपा के पास 22
पार्टी |
सीटें (2014 चुनाव के मुताबिक) |
भाजपा | 22 |
लोजपा | 06 |
रालोसपा | 03 |
राजद | 04 |
कांग्रेस | 02 |
जदयू | 02 |
अन्य | 01 |
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