इंदौर. देश के छह राज्यों में जारी किसान आंदोलन के दूसरे दिन में दूध और सब्जी की सप्लाय में कोई परेशानी नहीं आई। आंदोलन के मुख्य केंद्र मंदसौर में भी लोगों को दूध और सब्जी के लिए भटकना नहीं पड़ा। कई जगह पर बंद का आंशिक असर देखने को मिला है। कुछ गांव से लोग दूध और सब्जी लेकर नहीं पहुंचे। आंदोलन को देखते हुए मंदसौर, नीमच, इंदौर सहित प्रदेश के 8 जिलों में धारा 144 लागू है। प्रदेश में यह राहत की बात है कि अब तक कोई अप्रिय घटना कहीं नहीं हुई है।
32 मांगों को लेकर आंदोलन
- बता दें कि कर्जमाफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने सहित 32 मांगों को लेकर 1 से 10 जून तक के किसान आंदोलन पर हैं। आंदोलन के समर्थन में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में किसानों ने शुक्रवार को सड़कों पर दूध बहाया और सब्जियां फेंकीं।
मप्र में सब्जी के बढ़े दामों को लेकर सरकार सख्त
- मध्यप्रदेश सरकार ने पहले ही दिन सब्जियों की कीमतें बढ़ते देख थोक और रिटेल की कीमतों की पड़ताल शुरू कर दी है। पता चला है कि बंद के कारण प्रदेश में कई जगह सब्जियों की कीमतों में 20 से 50 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हो गई। लिहाजा सरकार लहसुन, प्याज, टमाटर समेत अन्य सब्जियों के लाइसेंसी थोक कारोबारियों के गोदामों की तलाशी की तैयारी कर रही है कि कहीं सब्जियां स्टॉक तो नहीं की जा रहीं। ऐसा पाए जाने पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।
सीएम ने लिया आंदोलन का फीडबैक
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को स्टेट हैंगर पर ही किसान आंदोलन का फीडबैक लेने के लिए सीएम सचिवालय और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को बुलाया। इधर, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने कहा है कि 10 जून को दोपहर दो बजे तक किसानों की मांगों के हित में भारत बंद किया जाएगा। पिछले साल ग्रीष्मकालीन मूंग के दाम गिरने और खरीदी को लेकर किसानों में भारी आक्रोश था, जिसका असर किसानों के आंदोलन के दौरान भी दिखाई दिया।
- स्टेट हैंगर पर मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों से कहा कि इस बार यह नहीं होना चाहिए। इसलिए 6 से 20 जून तक ग्रीष्मकालीन मूंग के किसानों का पंजीयन होगा। इस समय ग्रीष्मकालीन मूंग की कीमत मंडियों में एक हजार रुपए तक गिर गई है। इसलिए सरकार 5575 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर खरीदी करेगी। सीएम के निर्देश पर शुक्रवार को ही आदेश जारी कर दिए गए। जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, सीहोर, रायसेन, विदिशा, गुना, देवास, इंदौर, धार और बालाघाट में इसकी खरीदी होनी है।
पुलिस ने दूध वालों से कहा- कोई रोके तो फोन करना
- रतलाम से लेकर राजस्थान बॉर्डर तक हाईवे पर पुलिस के वाहन पेट्रोलिंग करते रहे। पुलिस बल को जहां भी दूधवाले नजर आए उन्हें रोकते हुए उन्होंने सबको अपने मोबाइल नंबर दिए और कहा- कोई भी दूध बेचने से रोके तो सीधे फोन करना। नयागांव-मंदसौर सड़क मार्ग पर सुबह किसानों ने एकत्र होकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। सब्जियां छीन कर सड़कों पर भी फेंकी। भोपाल स्थित पुलिस मुख्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है जो हर स्थिति पर नजर रखे हुए है।
मंदसौर और नीमच में बंद का नहीं दिखाई दिया असर
- किसान आंदोलन के मुख्य केंद्र रहे तीन जिलों मंदसौर, रतलाम और नीमच में भी बंद का कुछ ज्यादा असर दिखाई नहीं दिया। मंदसौर और रतलाम में दूध और सब्जियों की आवक घटी, लेकिन नीमच में डिमांड से ज्यादा 20 हजार लीटर दूध और 50 क्विंटल सब्जी पहुंच गई। मंदसौर में आंदोलन समर्थकों ने दूध बांट रहे लोगों से हाथ जोड़कर और माला पहनाकर आंदोलन में शामिल होने की अपील की।
ऐसे चलेगा पूरा आंदोलन...
- 1 से 4 जून तक गांवों में युवाओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम और पुरानी खेल गतिविधियां होंगी।
- 5 जून को धिक्कार दिवस मनाएंगे। गांवों में ही चौपालें होंगी, जिसमें किसान विरोधी फैसलों पर चर्चा की जाएगी।
- 6 जून को पिछले साल मारे गए किसानों को शहीद मानते हुए श्रद्धांजलि सभा होंगी।
- 8 जून को असहयोग दिवस मनाया जाएगा।
- 10 जून को भारत बंद रहेगा।
सरकार की तैयारी पर एक नजर
- सुरक्षा व्यवस्था के लिए 11 जोनल आईजी को अतिरिक्त फोर्स दिया गया है। इसमें उज्जैन, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर जैसे बड़े जोन में लगभग 500-500 रंगरूट (नव आरक्षक) और एसएएफ की दो कंपनियां (लगभग एक कंपनी में 100 जवान) दिए गए हैं।
-अइस प्रकार बड़े जोन को लगभग 700 जवान अतिरिक्त दिए गए हैं। जिन जिलों में आंदोलन का असर नहीं होगा, वहां एक-एक कंपनी दी गई है। इसके अतिरिक्त एसएएफ की 89 कंपनियां कानून व्यवस्था के लिए दी गई हैं।
- आंदोलन को देखते हुए मुख्य केंद्र मंदसौर को पुलिस ने 20 जोन में बांट दिया है। 100 जगह कैमरे लगाए गए हैं। मंदसौर, रतलाम, नीमच को जोड़ने वाले हाईवे को 10 सेक्टर में बांटकर फोर्स तैनात किया गया है।
- मंदसौर, नीमच, रतलाम सहित प्रदेश के 35 संवेदनशील जिलों में उपद्रवियों से निपटने के लिए पुलिस को 10 हजार अतिरिक्त लाठियां दी गई हैं। इसके अलावा जल्द पहुंचने के लिए 100 अतिरिक्त गाड़िंया भी दी गई हैं। पुलिसकर्मियों को 20 हजार हेलमेट और चेस्ट गार्ड भी दिए गए हैं।
- इंदौर में 8, राजगढ़ में 8, मुरैना में 7, भोपाल में 6, दतिया में 6, शिवपुरी में 5, गुना में 5 सतना में 5 अतिरिक्त गाड़ियां दी गई हैं।
- भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, रतलाम, नीमच, मंदसौर और खरगोन।
6 जून 2017 को हुआ था गोलीकांड
- मंदसौर गोलीकांड 6 जून 2017 को हुआ था। उसके तीन दिन पहले 3 जून से किसानों ने फसल का सही दाम नहीं मिलने सहित कई मुद्दों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया था। 6 जून को भीड़ ने उग्र रूप ले लिया था, जिसका असर प्रदेशभर में देखने को मिला था। भीड़ ने घटना के दिन मंदसौर के पिपलिया मंडी थाने का घेराव और पथराव के साथ लोहे और लाठियों से तोड़फोड़ की थी। भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने गोली चलाई थी, जिसमें अाधा दर्जन से ज्यादा लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस घटना से कई दुकानों और मकानों को भारी क्षति हुई थी। वहीं कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गय था।
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