वाॅशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन के बीच एक बार फिर 12 जून को सिंगापुर में मुलाकात तय हो गई है। व्हाइट हाउस में शुक्रवार को तानाशाह के करीबी जनरल किम योंग-चोल से मिलने के बाद ट्रम्प ने इस मीटिंग का ऐलान किया। बता दें कि पिछले महीने ही ट्रम्प ने एक ट्वीट कर किम जोंग के साथ मुलाकात की तारीख और जगह तय किए थे। हालांकि, पिछले हफ्ते उत्तर कोरिया के भड़काऊ रवैये का हवाला देते हुए उन्होंने निर्धारित मीटिंग को रद्द कर दिया था।
किम जोंग के करीबी से मिलने के बाद बदला फैसला
- गौरतलब है कि किम के करीबी और उत्तर कोरिया के वरिष्ठ अधिकारी किम योंग-चोल गुरुवार को अमेरिका पहुंचे थे। यहां उन्होंने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और कई अधिकारियों से मुलाकात की थी। माना जा रहा था कि वे किसी भी तरह ट्रम्प और किम के बीच दोबारा मीटिंग तय कराने के लिए अमेरिका आए हैं।
- शुक्रवार को व्हाइट हाउस में ट्रम्प से मिलने के बाद किम योंग ने उन्हें तानाशाह के हाथ का पत्र भी दिया। इसी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार रिपोर्टर्स के सामने किम के साथ मुलाकात का ऐलान कर दिया। बता दें कि अगर ये मुलाकात होती है तो ये किसी अमेरिकी राष्ट्रपति और उत्तर कोरियाई शीर्ष नेता के बीच पहली मुलाकात होगी।
कभी हां-कभी ना के बीच रही है ट्रम्प और किम की मुलाकात
- 10 मई: अमेरिकी राष्ट्रपति ने सबसे पहले ट्वीट कर तानाशाह से सिंगापुर में मिलने की बात कही थी। इसी संदेश में उन्होंने मीटिंग की तारीख का भी जिक्र किया था।
- 16 मई: उत्तर कोरिया ने अमेरिका को समिट से पीछे हटने की धमकी दी। सरकारी मीडिया में चले कुछ अधिकारियों के बयान में ये भी कहा गया था कि अमेरिका एकतरफा तौर पर उत्तर कोरिया पर कार्रवाई कर रहा है और इसलिए तानाशाह का हाल लीबिया के गद्दाफी जैसा हो सकता है।
- 24 मई: ट्रम्प ने पत्रा जारी कर समिट को रद्द कर दिया। उन्होंने इसके पीछे उत्तर कोरिया के भड़काऊ रवैये को वजह बताया था।
- 26 मई: मुलाकात रद्द होने के बाद किम जोंग-उन दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन से मिलने पहुंचा। दोनों ने पनुन्जोम समझौते पर बातचीत की।
- 31 मई: किम जोंग और ट्रम्प के बीच बातचीत की कोशिशों को आगे बढ़ाने के लिए उत्तर कोरिया का कोई वरिष्ठ अधिकारी 18 साल बाद अमेरिका पहुंचा। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से हुई मुलाकात
- 1 जून: जनरल किम योंग-चोल व्हाईट हाउस में ट्रम्प से मिले। बातचीत के बाद ट्रम्प ने एक बार फिर दोनों देशों बीच 12 जून को सिंगापुर में मुलाकात का ऐलान कर दिया।
उत्तर कोरिया की कोशिशों के बाद ही ट्रम्प ने जता दी थी मुलाकात की उम्मीद
- बता दें कि ट्रम्प की ओर से पत्र जारी किए जाने के बाद उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने किम जोंग-उन का बयान भी जारी किया था। इसमें कहा गया था कि किम अमेरिका के साथ हर हाल में 12 जून की मुलाकात में हिस्सा लेना चाहते हैं। उत्तर कोरिया के उप विदेश मंत्री किम काए-ग्वान ने भी अमेरिका के फैसले पर निराशा जताते हुए कहा था कि वे कभी भी और किसी भी हालात में अमेरिका से मुलाकात के लिए तैयार हैं।
- उत्तर कोरिया के इन्हीं कदमों के बाद ट्रम्प ने शुक्रवार को एक बार फिर किम से मुलाकात की उम्मीद जताई। उन्होंने अच्छे व्यवहार के लिए उत्तर कोरिया की तारीफ भी की थी। व्हाईट हाउस ने मुलाकात के आयोजन के लिए एक दल को सिंगापुर भी भेजा है।
मध्यस्थता में दक्षिण कोरिया की रही है अहम भूमिका
- अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच मुलाकात कराने में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने बेहद भूमिका निभाई है। सबसे पहले उन्होंने ही ट्रम्प को किम से मिलने के लिए मनाया था।
- मून जे-इन और किम जोंग-उन ने अप्रैल के आखिर में अपनी लंबी दुश्मनी को भुलाते हुए बॉर्डर पर ऐतिहासिक मुलाकात की थी। माना जाता है कि इसके बाद ही अमेरिका उत्तर कोरिया से मिलने के लिए तैयार हुआ था।
- वहीं ट्रम्प की ओर से पिछले हफ्ते मुलाकात रद्द किए जाने के बाद किम दूसरी बार फिर मून जे-इन से मिले थे। दोनों के बीच कोरियाई प्रायद्वीप की एकता, परमाणु कार्यक्रम बंद करने और शांति समझौते पर वार्ता हुई थी। उत्तर कोरिया की ओर से बार-बार शांति के प्रयासों को देखते हुए दुनियाभर ने किम की तारीफ की थी।
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