Monday, 26th May 2025

किसान आंदोलन : मंदसौर, नीमच और रतलाम में हाई अलर्ट पर, बंद के बाद भी मंदसौर सहित कई जिलाें में जारी है दूध-सब्जी की बिक्री

Fri, Jun 1, 2018 5:34 PM

आंदोलन के मुख्य केंद्र मंदसौर में सुबह सब्जी और दूध की सप्लाई अन्य दिनों की तरह ही हुई।

इंदौर.किसानों का प्रदेशव्यापी आंदोलन शुक्रवार से शुरू हो गया जो 10 दिन तक चलने की संभावना है। पिछले साल के किसान आंदोलनसे सबक लेते हुए प्रशासन ने प्रदेशभर के कई जिलाें में धारा 144 लगा दी गई है, वहीं मंदसौर, नीमच, रतलाम सहित कई जिले हाई अलर्ट पर हैं। बंद के बावजूद अच्छी खबर ये रही कि आंदोलन के मुख्य केंद्र मंदसौर में सुबह सब्जी और दूध की सप्लाई हुई। बता दें कि पिछले साल भी 1 जून से किसान आंदोलन पर चले गए थे, जिसके बाद प्रदेशभर में आगजनी और जमकर उपद्रव हुआ था। मंदसौर में तो 6 किसानों की मौत हो गई थी।

 

बंद में अब तक के हाल...

इंदौर :शहर की चोइथराम सब्जी मंडी और राजकुमार मिल सब्जी मंडी में अन्य दिनों की तरह ही सब्जी पहुंची। लोगों ने आंदोलन के चलते ज्यादा मात्रा में सब्जी खरीदी। पुलिस शहर सहित हाईवे पर गश्त कर रही है।

मंदसौर : किसान आंदोलन की घोषणा के बावजूद शुक्रवार सुबह नई आबादी स्थित गाड़ी अड्डा में होल सेल सब्जी मंडी में नीलामी हुई और बाहर रिटेल में भी सब्जियां बिकीं। वहीं दूध की सप्लाई भी अन्य दिनों की तरह ही हुई। मंदसौर के अलावा इंदौर उज्जैन संभाग के सभी जिलों में सुबह सब्जी और दूध की ब्रिकी हुई। पुलिस हाईवे सहित शहरभर में चेक प्वाइंट और पेट्रोलिंग कर रही है।

नीमच :शहर में बंद का आंशिक असर दिखाई दिया। जीरन में कुछ गांव से आने वाले दूध की सप्लाई नहीं हो पाई। वहीं नीमच में राजस्थान और ग्रामीण इलाकों से सुबह दूध पहुंचा। वहीं सब्जी मंडी में भी सब्जी की खरीदी-बिक्री जारी है। सुवासरा, शामगढ़, गरोठ, भानपुरा सब्जी और दूध की सप्लाई जारी है। वहीं गांधीसागर में इसका असर दिखाई दे रहा है। यहां सुबह से ग्रामीण इलाकों से अब तक सब्जी नहीं पहुंच पाई हैं।

रतलाम : रतलाम में भी बंद का कुछ खास असर दिखाई नहीं दे रहा है। आम दिनों की तरह ही दूध सब्जी और फल की की सुबह सप्लाई हुई। कुछ क्षेत्रों में सब्जी बेचने वाले नहीं पहुंचे। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस हर चौक पर तैनात है। इसके अलावा लगातार पेट्राेलिंग भी की जा रही है।

उज्जैन : छत्री चौक सब्जी मंडी, मक्सी रोड सब्जी मंडी सहित सभी जगह पर सब्जी की खरीदी-बिक्री की गई। सुबह दूध भी अन्य दिनों की तरह ही घरों तक पहुंचा। पुलिस एहतियात के तौर पर शहर में गश्त कर रही है।

20 जोन में बंटा मंदसौर, हाईवे को 10 सेक्टर में बांटकर फोर्स की तैनाती

- आईजी इंटेलिजेंस मकरंद देउस्कर के मुताबिक, मंदसौर पुलिस ने 20 जोन में शहर को बांट दिया हैं। 100 जगह कैमरे लगाए गए हैं। मंदसौर, रतलाम, नीमच को जोड़ने वाले हाईवे को 10 सेक्टर में बांटकर फोर्स तैनात किया गया है। उधर, आंदोलन के पहले ही दिन प्रदेश किसान कांग्रेस कमेटी कर्ज के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों के खेत की मिट्‌टी लेकर रतलाम पहुंचेगी। इसके बाद इस कलश यात्रा को आसपास के गांवों में घुमाया जाएगा। यह यात्रा 6 जून को मंदसौर पहुंचेगी।

आंदोलन के दौरान तोड़फोड़ की आशंका

- इंटेलीजेंस को ऐसे इनपुट मिले हैं कि आंदोलन के दौरान 6 जून को मंदसौर में तोड़फोड़ की आशंका है। इसके लिए पुलिस ने प्रदेश की सीमाओं पर चेकिंग पाइंट लगा दिए है। चेकिंग पाइंट पर प्रदेश में प्रवेश करने वाले किसानों पर नजर रखी जाएगी। स्टेट और नेशनल हाईवे पर पेट्रोलिंग होगी और मॉनिटरिंग की जाएगी।

सरकार की तैयारी: सीएम ने देर रात पुलिस अफसरों संग की बैठक
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार रात करीब 10 बजे प्रदेश के आला पुलिस अफसरों के साथ बैठक की। इसमें आंदोलन से निपटने की तैयारियों पर मंथन किया। पुलिस अफसरों से कहा गया है कि किसानों को कोई तकलीफ न हो। इससे पहले मुख्य सचिव बीपी सिंह ने गुरुवार को 15 जिलों के कलेक्टर और एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इसमें परोक्ष रूप से मुख्य सचिव ने सभी कलेक्टर व एसपी से कहा कि अनाज व दलहन खरीदी के दौरान किसी भी किसान को कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। मंडियों में किसानों की लाइन न लगे।

तीन जिलों में दूध पाउडर का स्टॉक
- किसानों ने ऐलान किया है कि आंदोलन में न तो दूध बेचेंगे और न ही फल-सब्जी मंडी में लाएंगे। इसलिए पुलिस का दस्ता गांवों में सुबह 5.30 बजे से ही प्रभात संवाद के जरिए किसानों को उपज मंडी ले जाने की समझाइश देगा। प्रशासन ने दिल्ली जाने वाले दूध को मंदसौर में ही 10 दिनों के लिए रोक दिया है। अलग से 60 टन पाउडर की भी व्यवस्था की गई है। रतलाम में भी 10 दिनों के लिए दूध का स्टॉक किया गया है। यहां 125 टन दूध पाउडर स्टॉक में रखा है।

ये जिले हैं सबसे ज्यादा संवेनशील

- मंदसौर, रतलाम, नीमच, शाजापुर, आगर-मालवा, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, भोपाल, होशंगाबाद, हरदा, राजगढ़, रायसेन, सीहोर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, ग्वालियर, श्योपुर और मुरैना शामिल हैं। पुलिस ने अंदरूनी रिपोर्ट में किसानों की सक्रियता के बाद इन्हें इस लिस्ट में शामिल किया है।

ऐसे चलेगा पूरा आंदोलन...
- 1 से 4 जून तक गांवों में युवाओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम और पुरानी खेल गतिविधियां होंगी।
- 5 जून को धिक्कार दिवस मनाएंगे। गांवों में ही चौपालें होंगी, जिसमें किसान विरोधी फैसलों पर चर्चा की जाएगी।
- 6 जून को पिछले साल मारे गए किसानों को शहीद मानते हुए श्रद्धांजलि सभा होंगी।
- 8 जून को असहयोग दिवस मनाया जाएगा।
- 10 जून को भारत बंद रहेगा।

सुरक्षा व्यवस्था के लिए 11 जोनल आईजी को अतिरिक्त फोर्स दिया

- किसान आंदोलन के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए 11 जोनल आईजी को अतिरिक्त फोर्स दे दिया है। इसमें उज्जैन, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर जैसे बड़े जोन में लगभग 500-500 रंगरूट (नव आरक्षक) और एसएएफ की दो कंपनियां (लगभग एक कंपनी में 100 जवान) दिए गए हैं। इस प्रकार बड़े जोन को लगभग 700 जवान अतिरिक्त दिए गए हैं। जिन जिलों में आंदोलन का असर नहीं होगा, वहां एक-एक कंपनी दी गई है। इसके अतिरिक्त एसएएफ की 89 कंपनियां कानून व्यवस्था के लिए दी गई हैं। आंदोलन के उग्र होने की स्थिति में आरएएफ की कंपनियों को भेजा जाएगा।

इन जिलों को मिली इतनी अतिरिक्त गाड़ियां

- मंदसौर, नीमच, रतलाम सहित प्रदेश के 35 संवेदनशील जिलों में उपद्रवियों से निपटने के लिए पुलिस को 10 हजार अतिरिक्त लाठियां दी गई हैं। इसके अलावा जल्द पहुंचने के लिए 100 अतिरिक्त गाड़िंया भी दी गई हैं। पुलिसकर्मियों को 20 हजार हेलमेट और चेस्ट गार्ड भी दिए गए हैं।

- इंदौर में 8, राजगढ़ में 8, मुरैना में 7, भोपाल में 6, दतिया में 6, शिवपुरी में 5, गुना में 5 सतना में 5 अतिरिक्त गाड़ियां दी गई हैं।

6 जून 2017 को हुआ था गोलीकांड

- मंदसौर गोलीकांड 6 जून 2017 को हुआ था। उसके तीन दिन पहले 3 जून से किसानों ने फसल का सही दाम नहीं मिलने सहित कई मुद्दों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया था। 6 जून को भीड़ ने उग्र रूप ले लिया था, जिसका असर प्रदेशभर में देखने को मिला था। भीड़ ने घटना के दिन मंदसौर के पिपलिया मंडी थाने का घेराव और पथराव के साथ लोहे और लाठियों से तोड़फोड़ की थी। भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने गोली चलाई थी, जिसमें अाधा दर्जन से ज्यादा लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस घटना से कई दुकानों और मकानों को भारी क्षति हुई थी। वहीं कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गय था।

किसान बोले, घर आकर ले जाएं सब्जी-दूध

- भारतीय किसान यूनियन जिला अध्यक्ष अर्जुनसिंह बोराना का कहना है कि आंदोलन के दौरान हम सड़क पर नहीं उतरेगे। आप ये समझ लें कि गांव बंद है और किसान छुट्टी पर हैं। लोगों को दूध-सब्जी चाहिए तो वे गांव आकर ले जाएं। हम उन्हें गांव आने पर सस्ते दाम में दूध-सब्जी देंगे। उन्हें गांव में कोई हाथ भी नहीं लगाएगा।

राहुल के कार्यक्रम में बदलाव, अब दो घंटे पहले आएंगे

- मंदसौर में पिछले साल पीपल्यामंडी में जहां किसानों पर पुलिस ने गोलियां दागी थीं, राहुल गांधी 6 जून को वहीं रैली करेंगे। यहां 150 जवानों का सशस्त्र बल तैनात किया गया है। रैली के लिए राहुल पहले दोपहर 2 बजे आने वाले थे, अब वे 12 बजे ही मंदसौर पहुंच जाएंगे। इसी दिन हार्दिक पटेल भी मंदसौर पहुंचेंगे।

क्यों कर रहे हैं किसान आंदोलन

- किसान इस आंदोलन को अपनी मजबूरी बता रहे हैं। उनके अनुसार उन्हें फसल का सही दाम नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में वे परिवार का सही तरीके से भरण-पोषण और कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार की भावांतर योजना का लाभ उनकी जगह व्यापारियों मिल रहा है। इसके अलावा मंडी में उचित व्यवस्था नहीं होना भी आंदोलन का एक कारण बता रहे हैं।

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