Sunday, 25th May 2025

आईएनएक्स मीडिया केस: पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर 3 जुलाई तक रोक, पूछताछ जारी रहेगी

Thu, May 31, 2018 7:05 PM

नई दिल्ली. आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को राहत मिल गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 3 जुलाई तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। दरअसल, सीबीआई ने उन्हें पूछताछ के लिए समन जारी किया था। आशंका थी कि इस दौरान उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। ऐसे में चिदंबरम ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। हालांकि, सीबीआई उनसे पूछताछ कर सकती है। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट एयरसेल-मैक्सिस मामले में भी पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर 5 जून तक की रोक लगा चुका है।

 

सीबीआई मुख्यालय में होगी पूछताछ

- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चिदंबरम को दक्षिणी दिल्‍ली के लोधी रोड इलाके में स्‍थित सीबीआई मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

- इस मामले में पी चिदंबरम के बेटे कार्ति भी आरोपी हैं। उन्हें 28 फरवरी को चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।

एयरसेल-मैक्सिस मामले में भी 5 जून तक मिली राहत

- इससे पहले बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर 5 जून तक रोक लगाई थी। इस केस में भी चिदंबरम ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। कोर्ट ने उन्हें 5 जून को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होने का आदेश दिया। ईडी पूछताछ के लिए चिदंबरम को पहले ही समन जारी कर चुकी है।

क्या है आईएनएक्स मामला?

- मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला आईएनएक्स मीडिया कंपनी से जुड़ा है। इसकी डायरेक्टर शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी थी।

- इस मामले में पी चिदंबरम के बेटे कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया के लिए गलत तरीके से फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी ली। इसके बाद आईएनएक्स को 305 करोड़ का फंड मिला। इसके बदले में कार्ति को 10 लाख डॉलर की रिश्वत मिली।

- इसके बाद आईएनएक्स मीडिया और कार्ति से जुड़ी कंपनियों के बीच डील के तहत 3.5 करोड़ का लेनदेन हुआ।

- कार्ति पर यह भी आरोप है कि उन्होंने इंद्राणी की कंपनी के खिलाफ टैक्स का एक मामला खत्म कराने के लिए अपने पिता के रुतबे का इस्तेमाल किया।

पी चिदंबरम की क्या भूमिका थी?

- आईएनएक्स मामले में दर्ज एफआईआर में पी चिदंबरम का नाम नहीं है। हालांकि, आरोप है कि उन्होंने 18 मई 2007 की फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की एक मीटिंग में आईएनएक्स मीडिया में 4.62 करोड़ रुपए के फॉरेन इन्वेस्टमेंट को मंजूरी दी थी।

एयरसेल-मैक्सिस केस क्या है?

- ईडी का यह केस फॉरेन इन्‍वेस्‍टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से जुड़ा है। एयरसेल-मैक्सिस डील को पी चिदंबरम ने बतौर वित्त मंत्री 2006 में मंजूरी दी थी।

- ईडी का कहना है कि पी चिदंबरम को 600 करोड़ रुपए तक के प्रोजेक्‍ट प्रपोजल्‍स को मंजूरी देने का अधिकार था। इससे ऊपर के प्रोजेक्‍ट के लिए कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की मंजूरी की जरूरत थी। यह मामला 3,500 करोड़ रुपए की एफडीआई की मंजूरी का था, इसके बावजूद एयरसेल-मैक्सिस एफडीआई मामले में चिदंबरम ने मंजूरी दी।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery