Wednesday, 3rd September 2025

कश्मीर भारत-पाक का आपसी मसला, गिलगित आदेश से इकोनॉमिक कॉरिडोर पर असर नहीं: चीन

Wed, May 30, 2018 7:28 PM

भारत ने रविवार को पाक उपउच्चायुक्त को तलब कर गिलगित-बाल्टिस्तान आदेश-2018 पर विरोध जताया।

- पाकिस्तान सरकार ने 21 मई को गिलगित-बाल्टिस्तान आदेश- 2018 जारी किया था

 

बीजिंग. गिलगित-बाल्टिस्तान आदेश-2018 को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद से चीन ने खुद को अलग कर लिया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर मुद्दा दोनों देश के बीच का है, इसे आपसी बातचीत से हल करना चाहिए। साथ ही पाकिस्तान के नए आदेश से चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बता दें कि 21 मई को पाकिस्तानी सरकार की ओर से गिलगित (पीओके) को लेकर एक आदेश लाया गया। इसमें पाक प्रधानमंत्री को इस इलाके में संवैधानिक, न्यायिक और प्रशासनिक फेरबदल के अधिकार दिए गए हैं। भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।

भारत और पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को बातचीत से हल करें

- चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ''कश्मीर भारत और पाकिस्तान का ऐतिहासिक मसला है। इस विवाद को दोनों देश बातचीत और परामर्श से हल करें।''

- उन्होंने कहा कि हम यह पहले भी कह चुके हैं कि इस क्षेत्र से होकर गुजरने वाला सीपीईसी प्रोजेक्ट आर्थिक सहयोग की पहल है। यह पहल यहां के आर्थिक विकास और लोगों की अजीविका का साधन बनेगी। हमारे प्रोजेक्ट पर कश्मीर मसले का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

भारत ने पाक आदेश पर जताया था विरोध
- भारत ने रविवार को पाक उपउच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को तलब कर कथित 'गिलगित-बाल्टिस्तान आदेश 2018' पर विरोध जताया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि 1947 के बंटवारे के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर समेत गिलगित-बाल्टिस्तान भारत का अभिन्न अंग है। इसमें किसी भी प्रकार का बदलाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बलपूर्वक और गैरकानूनी छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं

- विदेश मंत्रालय ने कहा था, "पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर की सीमा के किसी भी हिस्से में बलपूर्वक और गैरकानूनी रूप से की गई छेड़छाड़ कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पाकिस्तान गैरकानूनी तौर से कब्जे में लिए क्षेत्र में बदलाव करने की बजाए इसे तुरंत खाली करे। इस तरह के आदेश जारी कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों को छिपाया नहीं जा सकता है। भारत अब भी उसी स्थिति में है, जो 1994 में संसद द्वारा पारित प्रस्ताव के मुताबिक तय हुई थी।"

आदेश की आड़ में गिलगित को 5वें प्रांत का दर्जा दे सकता है पाक

- पाकिस्तान सरकार ने 21 मई को गिलगित-बाल्टिस्तान आदेश- 2018 आदेश पारित किया था। इसके मुताबिक, पाक प्रधानमंत्री को इस इलाके के संवैधानिक, न्यायिक और प्रशासनिक अधिकार दिए हैं। अब वे यहां किसी भी मौजूदा कानून में बदलाव या नया कानून लागू कर सकते हैं।

- बता दें कि सीपीईसी पाकिस्तान के कब्जे वाले विवादित इलाके गिलगित-बाल्टिस्तान से गुजरता है। भारत इस परियोजना को लेकर पहले ही आपत्ति जता चुका है। कहा जा रहा है कि चीन को खुश करने के लिए पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान को 5वें प्रांत का दर्जा दे सकता है। पाकिस्तान में अभी चार प्रांत- बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और सिंध हैं।

- आदेश के मुताबिक, खनिज, हाइड्रोपावर और पर्यटन के जो फैसले गिलगित-बाल्टिस्तान की स्थानीय परिषद लेती थी, वे अब यहां की विधानसभा में लिए जाएंगे।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery