नई दिल्ली. तीन राज्यों की चार लोकसभा और नौ राज्यों की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी है। लोकसभा सीटों में- उत्तर प्रदेश की कैराना, महाराष्ट्र की- पालघर और भंडारा-गोंदिया और नगालैंड सीटें शामिल हैं। पालघर में 11 बजे तक 10.27% मतदान हुआ है। इसी तरह कैराना में 9 बजे तक 10.2% होने की खबर थी। 2014 में नगालैंड को छोड़कर बाकी तीन सीटें भाजपा ने बड़े अंतर से जीती थीं। लेकिन इस बार इन तीनों पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। सभी नतीजों का एलान 31 मई को किया जाएगा।
अपडेट्स:
12:08 AM:नगालैंड की लोकसभा सीट पर 11 बजे तक 44% मतदान रहा।
11:59 AM:पंजाब की शाहकोट विधानसभा सीट के उपचुनाव में 11 बजे तक 31% मतदान।
11:58 AM:यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने 175 पोलिंग बूथों पर ईवीएम मशीनों के खराब होने की शिकायत पर फौरन सुनवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि फिर भी मतदाताओं को वोट डालने के लिए जरूर जाना चाहिए।
11:57 AM: पालघर में 11 बजे तक 10.27% मतदान हुआ।
11:35 AM:कर्नाटक के आरआर नगर असेंबली सीट पर 11 बजे तक 21% मतदान। बता दें कि इस सीट के तहत एक इलाके के फ्लैट से मतदान के पहले 10 हजार वोटर आईडी और 1 लाख पर्चियां मिली थीं। इसके बाद इस सीट पर मतदान स्थगित कर दिया था।
11:32 AM: रालोद उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर शिकायत की। उन्होंने कहा कि कैराना, शामली और नूरपुर में 175 बूथ पर ईवीएम और वीवीपीएटी खराब हैं। इसकी जांच होनी चाहिए।
11:20 AM: तबस्सुम हसन ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में सत्ता का दुरूपयोग हो रहा है और अधिकारी मशीनों को खराब कर वोट डालने आ रहे लोगों को रोक रहे हैं। दलित और मुस्लिम समाज के वोट बैंक के लोगों के मतदान केंद्र तक पहुंचने से सत्ता पक्ष के लोग घबरा गए हैं जिसके चलते मशीन खराब होने की बातें सामने आ रही है। शासन-प्रशासन कुछ भी कर ले, जीत हमारी होगी।
11:00 AM:महाराष्ट्र में 11 जगह से ईवीएम में खराबी की खबर आई हैं।
10:43 AM:: उत्तर प्रदेश की नूरपुर असेंबली सीट पर 9 बजे तक 6% मतदान हुआ।
10:30 AM: गोंदिया जिले के नक्सल प्रभावित इलाके के अर्जुनी-मोरगांव तहसील के 170 बूथ क्रमांक में सुबह से ईवीएम मशीन बंद होने से अभी तक मतदान शुरू नहीं हो पाया। इस नक्सल क्षेत्र में मतदान का वक्त सुबह 7 बजे से 3 बजे तक ही है।
09:30 AM: उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर 9 बजे तक 10.20% मतदान हुआ।
09:20AM: महाराष्ट्र के पालघर लोकसभा सीट पर 9 बजे तक 7% मतदान हुआ।
09:00 AM:कैराना में गंगोह विधानसभा के ग्राम गांधीनगर, कलालहति, बल्लमजरा, तातारपुर, गंगोह ब्लॉक, बेगी, सांगाठेड़ा, हुसैनपुर में ईवीएम खराब। कई बूथों पर ईवीएम खराबी के कारण मतदान 9.30 बजे तक शुरू नहीं हो सका।
07:00 AM:तीन राज्यों की चार लोकसभा और नौ राज्यों की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग शुरू। इसके अलावा, कर्नाटक की आरआर सीट पर भी वोटिंग शुरू हुई। राज्य की इस सीट पर एक फ्लैट से फर्जी वोटर आईडी और वोटर पर्चियां मिलने से चुनाव स्थगित कर दिया गया था।
चार लोकसभा सीट:
तबस्सुम हसन, रालोद v/s मृगांका सिंह, भाजपा
क्यों खाली हुई: भाजपा सांसद हुकुम सिंह के निधन से।
भाजपा के लिए 5 दल लामबंद
- यहां 2014 में हुकुम सिंह को 5 लाख 65 हजार 909 वोट मिले थे। यह कुल मतदान का 50.6% था। उन्होंने समाजवादी पार्टी की नाहिद हसन को 2 लाख 36 हजार 636 वोटों से शिकस्त दी थी। उन्हें कुल मतदान के सिर्फ 29% वोट मिले थे।
- इस बार भाजपा उम्मीदवार की तगड़ी घेराबंदी है। रालोद उम्मीदवार तबस्सुम को सपा, बसपा, कांग्रेस और आप ने समर्थन दे दिया है।
- 2014 में इनमें से रालोद उम्मीदवार को 3.8%, सपा उम्मीदवार को 29.4%, बसपा उम्मीदवार को 14.3% और आप उम्मीदवार को 0.2% वोट मिले थे। रालोद से गठजोड़ की वजह से कांग्रेस ने यहां उम्मीदवार नहीं उतारा था। इस बार एकजुट हुए 4 दलों का वोट शेयर मिला दिया जाए तो यह 47.7% होता है। कुल वोट मिलाए जाएं तो यह 5 लाख 34 हजार 864 होते हैं। जो हुकुम सिंह को मिले
वोट और वोट शेयर से कम हैं।
श्रीनिवास वनगा, शिवसेना v/s राजेंद्र गावित, भाजपा
क्यों खाली हुई: भाजपा सांसद चिंतामण वनगा के निधन से।
कांग्रेस-शिवसेना ने की भाजपा की घेराबंदी
- श्रीनिवास भाजपा के दिवंगत सांसद चिंतामण वनगा के बेटे हैं, लेकिन इस बार एनडीए से अलग हुई शिवसेना उन्हें अपने पाले में करने में कामयाब हो गई। तब भाजपा को राजेंद्र गावित को टिकट देना पड़ा। वो पहले कांग्रेस में थे।
- 2014 में इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार चिंतामण वनगा को 5 लाख 33 हजार 201 वोट मिले थे। यह कुल मतदान का 53.7% था। उन्होंने बहुजन विकास अघाडी पार्टी के बलीराम सुकुर जाधव को 2 लाख 39 हजार 520 वोटों से शिकस्त दी थी। जाधव को 29.6% वोट मिले थे।
- कांग्रेस-एनसीपी ने 2014 में इस सीट से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था, लेकिन इस बार साझेदारी करके दामोदर शिंगदा को टिकट दिया है। वो कांग्रेस में रहे भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र गावित के वोट काट सकते हैं।
मधुकर कुकड़े, एनसीपी v/s हेमंत पाटले, भाजपा
क्यों खाली हुई: भाजपा के बागी सांसद नाना पटोले के इस्तीफे से। वे कांग्रेस में शामिल हो गए।
भाजपा से बगावत का पटोले को कांग्रेस ने नहीं दिया इनाम
- नाना पटोले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इस सीट पर कांग्रेस का एनसीपी से समझौता हुआ है। माना जा रहा था कि कांग्रेस पटोले को टिकट देती तो एनसीपी का एक धड़ा उनका समर्थन नहीं करता।
- 2014 में यहां नाना पटोले को 6 लाख 6 हजार 129 वोट (50.6%) मिले थे। उन्होंने एनसीपी के दिग्गज नेता प्रफुल्ल पटेल को करीब डेढ़ लाख वोटों से शिकस्त दी थी।
तोखेयो येपथोमी, पीडीए v/s सीए अपोक जमीर, एनपीएफ
क्यों खाली हुई: मौजूदा मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के इस्तीफ से। वे भाजपा के समर्थन वाले नगा पीपुल्स फ्रंट से हैं।
कभी 86% वोट हासिल करने वाली कांग्रेस 3 चुनावों से नहीं कर पा रही वापसी
- इस सीट पर सिर्फ दो ही उम्मीदवार हैं। राज्य की यह इकलौती लोकसभा सीट है।
- इस सीट पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस के समर्थन वाले पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीए) और भाजपा के समर्थन वाले नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के बीच है।
- तीन बार से इस सीट पर एनपीएफ को जीत मिली है। इससे पहले इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था।
- 1998 के चुनाव में यहां कांग्रेस उम्मीदवार को 86.70% वोट और 1999 में 71.18% वोट मिले थे। इसके बाद 2004 के चुनावों में एनपीएफ ने कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
विधानसभा उपचुनाव: 2-2 सीट पर भाजपा, झामुमो और कांग्रेस, 1-1 पर जदयू, अकाली, सीपीएम और टीमएसी
1) जोकीहाट (बिहार): यह सीट जदयू के पास थी। विधायक सरफराज आलम के राजद में जाने से खाली हुई।
2-3) गोमिया और सिल्ली (झारखंड): दोनों सीटें झामुमो के पास थीं। विधायकों को अयोग्य घोषित करने की वजह से खाली हुईं।
4) चेंगन्नूर (केरल): सीपीएम के पास थी। विधायक केके रामचंद्रन नायर के निधन से खाली हुई।
5) पलूस कडेगांव (महाराष्ट्र): कांग्रेस के पास थी। विधायक पतंगराव कदम के निधन से खाली हुई।
6) अंपाती (मेघालय): कांग्रेस के पास थी। पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के इस्तीफे से खाली हुई।
7) शाहकोट (पंजाब): अकाली दल के पास थी। विधायक अजीत सिंह कोहड़ के निधन से खाली हुई।
8) थराली (उत्तराखंड): भाजपा के पास थी। विधायक मगनलाल शाह के निधन से खाली हुई।
9) नूरपुर (उत्तर प्रदेश): भाजपा के खाते में थी। विधायक लोकेन्द्र सिंह के निधन से खाली हुई।
10) महेश्ताला (पश्चिम बंगाल): टीएमसी के पास थी। विधायक कस्तूरी दास के निधन से खाली हुई।
Comment Now