बेंगलुरु। कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके कुमारस्वामी आज विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने वाले हैं। इससे पहले कांग्रेस के उम्मीदवार रमेश कुमार को विधानसभा स्पीकर चुन लिया गया है। पहले इस रेस में भाजपा ने एस सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्होंने अपना नाम वापिस ले लिया।
दूसरी तरफ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक रमेश कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने भी गुरुवार को नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। वह पहले भी 1994-99 तक विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन का दावा है कि उसके पास 117 विधायकों का समर्थन है।
विधानसभा में स्पीकर के चुनाव और बहुमत परीक्षण के लिए विधायक पहुंच चुके हैं और भाजपा नेता येदियुरप्पा भी सदन में मौजूद हैं।
जी परमेश्वरा के बयान से गरमाई राजनीति
इससे पहले उपमुख्यमंत्री बनाए गए जी परमेश्वर के बयान से राजनीतिक माहौल गया है। उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वरा ने गुरुवार को दिए एक बयान में कहा कि जेडीएस के नेतृत्व में पांच साल तक सरकार चलाने पर फैसला नहीं हुआ है। कांग्रेस कोटे से उप-मुख्यमंत्री बने जी परमेश्वरा ने कहा, पांच साल तक किन शर्तों के साथ कर्नाटक में गठबंधन की सरकार चलेगी, यह अभी तय नहीं हुआ है। साथ ही किस पार्टी को किन विभागों की जिम्मेदारी मिलेगी, यह भी अभी तय नहीं हुआ है। परमेश्वरा कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं।
येदियुरप्पा के निर्देश पर भरा पर्चा
सुरेश कुमार ने कहा-"मैंने कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा और अन्य नेताओं के निर्देश पर पर्चा भरा है। विधायकों की ताकत और कई अन्य कारणों से हमारे पार्टी नेताओं को विश्वास है कि मैं चुनाव जीत जाऊंगा।" यह पूछने पर कि कैसे जीतेंगे, जबकि भाजपा के 104 ही विधायक हैं? तो कुमार ने कहा कि शुक्रवार दोपहर के बाद सब साफ हो जाएगा।
विधायकों को फिर होटल भेजा
-विश्वास मत पर मतदान से पहले कांग्रेस और जेडीएस ने अपने विधायकों को फिर से होटल भेज दिया है।
- विधायकों को उनके परिवार से संपर्क करने नहीं दिया जा रहा। उनके मोबाइल फोन भी ले लिए गए हैं।
-कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि हमारे विधायक विस अध्यक्ष चुनाव तक ऐसे ही रहेंगे। विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के बाद ही उन्हें घर जाने दिया जाएगा।
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