Sunday, 25th May 2025

शेख हसीना के साथ शांति निकेतन पहुंचे मोदी, कहा- पहला मौका जब दीक्षांत समारोह में 2 देशों के पीएम मौजूद

Fri, May 25, 2018 6:31 PM

कोलकाता/रांची.नरेंद्र मोदी शुक्रवार को विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि ये पहला मौका है जब किसी देश के दो प्रधानमंत्री एक साथ ऐसे समारोह में शामिल हो रहे हैं।उन्होंने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। इस कार्यक्रम के अलावा बांग्लादेश भवन के उद्घाटन के लिए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत आई हैं। इससे पहले शांति निकेतन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हेलीपैड पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस दौरान रास्ते में कीचड़ देखकर पीएम ने उन्हें इशारा से सही रास्ता दिखाया। इसके बाद मोदी झारखंड जाएंगे और करीब 27 हजार करोड़ की परियोजनाओं की नींव रखेंगे।

 

मोदी बोले- गुरुदेव के विचार 21 सदी की चुनौतियों के लिए प्रासंगिक हैं

- नरेंद्र मोदी ने कहा- ''भारत में वैदिक ऋषियों की परंपरा रही है। गुरुदेव के विचार ही विश्व भारती की आधारशिला है। सारा विश्व एक घौंसला है। गुरुदेव चाहते थे कि ये जगह एक घौंसला बने, जिसे दुनिया अपना घर बनाए। यही भारत भूमि की विशेषता है। इसके लिए गुरुदेव ने अपना जीवन समर्पित किया था। 21 सदी की चुनौतियों के लिए उनके विचार प्रासंगिक हैं।''

- ''हमारे बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना मौजूद हैं। यह पहला मौका है जब एक दीक्षांत समारोह में दो देशों के प्रधानमंत्री आए हैं। बांग्लादेश यूं तो हमारा पड़ोसी देश है, लेकिन उनका लगाव भारत से ज्यादा है। यहां बना बांग्लादेश भवन दोनों देशों को जोड़ता है। बांग्लादेश में हर शख्स खुद को टेगौर से जुड़ने की कोशिश करता है।''

गुरुदेव कहते थे कि भारतीयता को नहीं भूलना चाहिए

- नरेंद्र मोदी ने कहा- ''दुनिया के लिए टैगोर अध्ययन का विषय हैं। उनका गुजरात से भी खास नाता है। उनके बड़े भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर सिविल सेवा में शामिल होने वाले पहले भारतीय थे। काफी वक्त तक वे अहमदाबाद में कमिश्नर भी रहे। गुरुदेव लंदन जाने से पहले 6 महीने तक गुजरात में रहे। काफी कविताएं उन्होंने वहां लिखीं।''
- ''गुरुदेव कहते थे कि शिक्षा केवल वो नहीं जो स्कूल में दी जाए। बल्कि यह तो संपूर्ण विकास है, जो उन्हें दिया जा सकता है। गुरुदेव कहते थे कि दूसरे देशों की परंपराओं को जानना चाहिए, लेकिन भारतीयता को नहीं भूलना चाहिए। गुरुदेव ने अपने दामाद को एक चिट्ठी में लिखा था कि पढ़ाई के अलावा स्थानीय लोगों से मिलना चाहिए। उनकी परंपराओं को जानें, पर अगर ऐसा लगने लगे कि उनकी परंपरा भारतीयता पर हावी हो रही है तो बेहतर है कि कमरे में ही रहना। ''

गुरुदेव की धरती पर आने का सौभाग्य मिला

- मोदी ने दीक्षांत समारोह में कहा, ''मैं शांति निकेतन आ रहा था तो बच्चे इशारे से मुझे बता रहे थे कि पीने का पानी भी नहीं है। इसके लिए क्षमा मांगता हूं कि विश्व भारती विश्वविद्यालय का चांसलर होने के नाते यहां आने में देरी की।''

- ''मुझे आज यह सौभाग्य मिला है कि इतने आचार्यों के बीच समय बिताने का मौका मिला। इस भूमि पर गुरुदेव रबिंद्रनाथ टैगोर के कदम पड़े हैं। आज हम उनकी परंपरा को निभाने के लिए एकत्र हुए हैं।''

37 दिन बाद फिर मिलेंगे मोदी-हसीना

- नरेंद्र और शेख हसीना के बीच 37 दिन में यह दूसरी मुलाकात होगी। इससे पहले दोनों नेताओं के बीच 18 अप्रैल को कॉमनवेल्थ समिट के दौरान लंदन में द्विपक्षीय बातचीत हुई थी।

- प्रधानमंत्री शेख हसीना शुक्रवार और शनिवार के लिए भारत दौरे पर आ रही हैं। माना जा रहा है कि इस दौरान वे रोहिंग्या मुद्दे और नदी जल समझौते को लेकर नेताओं से बात करेंगी।

ऐसा है मोदी का कार्यक्रम

- प्रधानमंत्री पहले दिल्ली से कोलकाता पहुंचे। शांति निकेतन में कार्यक्रम के बाद हेलिकाॅप्टर से दोपहर बाद 3:20 बजे सिंदरी के बलियापुर हवाई पट्टी पहुंचेंगे और 10 मिनट बाद सभास्थल पर। इसके बाद शाम 4:20 बजे सभा को संबोधित करेंगे।
- 5 बजे रांची एयरपोर्ट पहुंचेंगे। एयरपोर्ट के पुराने टर्मिनल पर राज्य के 19 पिछड़े जिलों के कलेक्टरों के साथ करीब 6:20 बजे से बैठक करेंगे। इसी दौरान पीएम रांची गैस पाइप लाइन योजना का भी शिलान्यास करेंगे। करीब 7:30 बजे एयरफोर्स के विशेष विमान से दिल्ली रवाना हो जाएंगे।

सिंदरी में सभा को संबोधित करेंगे मोदी

- प्रधानमंत्री झारखंड के सिंदरी में केंद्र और झारखंड सरकार की करीब 27 हजार करोड़ की परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इनमें उर्वरक, गैस, थर्मल पावर के जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। मोदी देवघर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (एम्‍स) की नींव भी रखेंगे। पीएम मोदी जन औषधि‍ केंद्रों के जुड़े कार्यक्रम में जनसमुदाय को संबोधित भी करेंगे।

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