चेन्नई। तूतीकोरिन में स्टरलाइट प्लांट के खिलाफ भड़की हिंसा गुरुवार को भी नजर आई और भीड़ ने बसों को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान फायरिंग में एक और शख्स की मौत हो गई जिसके बाद हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा 12 पर पहुंच गया। हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने शहर में गुरुवार रात से ही इंटरनेट पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है।
इस बीच मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि तूतीकोरिन में मारे गए लोगों के शव अगले आदेश तक सुरक्षित रखे जाएं।जस्टिस टी रविंद्रन व पी वेलमुरगन की अवकाश बेंच ने कहा कि राज्य सरकार 30 मई तक जवाबी हलफनामा दायर करे। तीन अधिवक्ताओं की तरफ से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने यह फैसला दिया। तीनों को आदेश दिया गया कि पीड़ित परिवारों को कानूनी सहायता देने के लिए वह नियमों के तहत काम करें।
याचिका में मांग की गई थी कि मृतकों का पोस्टमार्टम निजी चिकित्सकों से कराने के लिए सरकार को आदेश दिया जाए। इसमें पीड़ितों को मुआवजा, दोषी अफसरों पर कार्रवाई, सभी गिरफ्तार लोगों को रिहा करने के साथ मामले की न्यायिक जांच की मांग भी की गई। याचिका में कहा गया कि पुलिस की कार्रवाई सुनियोजित थी। सरकार की तरफ से पेश अतिरिक्त एडवोकेट जनरल नर्मदा संपथ ने कहा कि सरकार लोगों के साथ है। चार मजिस्ट्रेट पोस्टमार्टम की निगरानी कर रहे हैं। जांच के लिए सरकार ने एक सदस्यीय आयोग का गठन तत्काल प्रभाव से कर दिया है।
इंटरनेट बंद, सुरक्षा बढ़ी
गुरुवार को फिर भड़की हिंसा को देखते हुए सरकार ने इंटरनेट सेवाएं गुरवार रात 9 बजे से अगले आदेश तक के लिए बंद कर दी हैं। वहीं शहर में सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है वहीं धारा 144 लागू है।
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