Friday, 23rd May 2025

सुरक्षा एजेंसियों के साथ राजनाथ की बैठक, सुकमा-दंतेवाड़ा में बस्तरिया वॉरियर्स चलाएंगे नक्सल ऑपरेशन

Tue, May 22, 2018 6:28 PM

दंतेवाड़ा में एक दिन पहले नक्सली हमले में शहीद हुए थे 7 जवान

रायपुर/अंबिकापुर. बारिश से पहले सुकमा और दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ की नवगठित बस्तरिया वॉरियर्स (ब्लैक पैंथर बटालियन) बड़ा ऑपरेशन चलाएंगे। ये फैसला सोमवार को राजधानी में नक्सल अभियान की समीक्षा करने के बाद हुआ। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ राज्य और केंद्रीय सुरक्षा बलों के अफसर शामिल थे। रविवार को दंतेवाड़ा में हुए नक्सल हमले के बाद इसे बड़े ऑपरेशन के रूप में देखा जा रहा है। बैठक के बाद मीडिया से राजनाथ ने कहा कि नक्सलियों की ताकत घटी है। नक्सली हमारे जवानों से आमने-सामने की लड़ाई नहीं लड़ पा रहे। इसलिए कमजोर हो चुके नक्सली लगातार आईईडी धमाके कर हमले कर रहे हैं।

 

बस्तरिया वॉरियर्स के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राजनाथ

- इससे पहले अंबिकापुर में गृहमंत्री राजनाथ सिंह सीआरपीएफ की 241वीं बटालियन बस्तरिया वॉरियर्स के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए।

- इस दौरान राजनाथ ने कहा कि कौन कहता है कि प्रतिभाएं सिर्फ शहरों में पैदा होती हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर के वनवासियों में भी वह प्रतिभा व क्षमता मौजूद है और आज उन्होंने यह साबित कर दिया है। जरूरत पड़ने पर यह बटालियन देश में कहीं भी अपने पराक्रम का प्रदर्शन करेगी।

- राजनाथ ने कहा कि आदिवासी समाज देशभक्त है और हर चुनौती के समय उन्होंने योगदान दिया है, इसलिए नियम शिथिल कर बस्तर क्षेत्र के नौजवनों को बस्तरिया बटालियन में भर्ती होने का अवसर दिया गया।

- समारोह में बेस्ट जवानों को शील्ड व मैडल देकर सम्मानित भी किया गया। केंद्रीय सुरक्षा बल के महानिदेशक आरआर भटनागर ने कहा कि बस्तरिया वॉरियर्स का 44 सप्ताह का प्रशिक्षण पूरा हो गया है। अब ये माओवाद प्रभावी बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ लोहा लेने के लिए तैयार हैं।


बस्तरिया वॉरियर्स ही क्यों?

- इस बटालियन में बस्तर के ही अधिकांश युवा आदिवासी युवा शामिल किए गए हैं। सभी युवा पूरे इलाके की भौगोलिक परिस्थितियों से अच्छी तरह परिचित हैं।

ये भी बोले गृहमंत्री

- शहीदों के परिजन को मिलेगी एक करोड़ सहायता राशि
- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह तो विकास करना चाहते हैं, पर माओवादी नहीं चाहते कि विकास हो। हालांकि, माओवाद तेजी से सिमट रहा है।

- माओवादियों का जहां प्रभाव है वहां गरीबी बनी रहती है और वहां विकास न हो यह उनका प्रयास रहता है। 
- देश में पिछड़े जिलों की सूची में 35 नक्सल प्रभावित हैं। माओवादी खुद करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। इनकी विदेशों में करोड़ों की सम्पति है, इनके बच्चे विदेशों में पढ़ाई कर रहे है. हम इस पर नजर बनाए रखे है। अब ये ये नहीं चलेगा, नक्सलियों की फंडिंग के सभी रास्ते बंद किए जाएंगे। पड़ताल पूरी होने के बाद इनकी सम्पति भी जब्त की जाएगी।
- हम किसी के खाेने की कमी तो पूरी नहीं कर सकते लेकिन मदद करना सरकार की जिम्मेदारी है। अब शहीद होने वाले जवानों के परिवार को 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।

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