भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालने के बाद कमलनाथ अपने सबसे ज्यादा ध्यान कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को एकजुट करने में लगा रखा है खेसारी वरिष्ठ नेताओं को साथ लेकर चल रहे हैं पिछले एक दशक में जिन कांग्रेस नेताओं को कांग्रेस ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था उनकी वापसी हो रही है वही कमलनाथ की कोशिश हर भ्रष्ट नेताओं को साद के चलने की है इसके पीछे आलाकमान के निर्देश महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं इसी का परिणाम है कि मध्य प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योति राजे सिंधिया पहली बार राघोगढ़ किले में पहुंचे और दिग्विजय सिंह की कि मैं मेहमानदारी की जयवर्धन सिंह ने उनका स्वागत किया पूरा परिवार महाराज के साथ इस मौके पर सिंधिया ने पूरे महल महल को देखा ऐसा पहली बार हुआ है इंद्रजीत पटेल को चुनाव घोषणा पत्र की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है प्रदेश प्रवक्ताओं प्रदेश प्रवक्ताओं की नियुक्ति भी हुई है दिग्विजय सिंह से लंबी चर्चा कर सारे भ्रष्ट नेताओं को एकजुटता का संदेश भी दिया गया है कमलनाथ अनुभवी है जिसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा अब अगले सप्ताह भर मेमध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की घोषणा हो रही है छोटी बनने वाली इस कमेटी में सभी अनुभवी और भ्रष्ट नेताओं को को महत्व दिया जा रहा है वही युवाओं और महिलाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व रहेगा कुल मिलाकर कमलनाथ यदि मध्य प्रदेश में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी पर लगाम लगाने में सफल साबित हो जाएंगे तो विधानसभा चुनाव में वे अच्छे परिणाम दे सकेंगे क्योंकि पिछले दो चुनाव में कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेताओं की गुटबाजी के कारण ही चुनाव चुनाव हारी है कांग्रेस की रणनीति सबको साथ लेकर चलने की बन रही है जिसमें किसी की उपेक्षा अथवा गुटबाजी की संभावना से इनकार किया जा रहा है कमलनाथ वरिष्ठ नेताओं के साथ जून महीने में प्रदेशव्यापी थोड़ा आराम कर रहे हैं जो चुनावी रणनीति का हिस्सा होगी और शहर शहर गांव गांव में कांग्रेस जनों को सकरी किया जाएगा यदि यदि कमलनाथ प्रदेश स्तर पर कांग्रेस जनों को सक्रिय करने में सफल हो जाते हैं तो वह आने वाले चुनाव में भाजापा को कड़ी चुनौती दे पाएंगे अब तक देखा जा रहा था शिवराज के सामने कोई दूसरा चेहरा नजर नहीं आ रहा था लेकिन कमलनाथ के आने के बाद सारी स्थिति परिस्थितियों में बदलाव नजर आ रहा है
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