काठमांडू। भारतीय दूतावास के उस दफ्तर को नेपाल सरकार बंद करने जा रही है जो कोसी में आई बाढ़ के बाद 2008 में खोला गया था। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल की पहली संसदीय बैठक में नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने कहा कि यह ऑफिस अब किसी काम का नहीं है, लिहाजा इसे बंद करना ही उचित है।
गौरतलब है कि बाढ़ के बाद इस आशय के लिए यह ऑफिस खोला गया था, क्योंकि 17 किमी लंबा पूर्व-पश्चिम हाइवे क्षतिग्रस्त हो गया था। भारतीय सड़कों से गुजरने वाले वाहनों को पास देने के लिए 2008 में यह खुला था।
हाइवे का निर्माण होने के बाद नेपाल सरकार ने भारत से इस दफ्तर को बंद करने के लिए कहा पर भारत ने इस पर अमल नहीं किया। बाद के दौर में सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए यहीं से छात्रवृत्ति देने का काम होने लगा।
2014 में भारत सरकार ने इसको अपग्रेड करके बिराटनगर में कांस्यूलेट जनरल के दफ्तर के लिए नेपाल से अनुमति मांगी, लेकिन नेपाल सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
इससे पहले 2011 में बाबुराम भट्टाराई की सरकार ने इसे बंद करने के लिए नई दिल्ली में दो राजनयिक नोटिस भी भेजे थे। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल के नेता जनार्दन शर्मा के हवाले से काठमांडू पोस्ट ने लिखा है कि ओली नहीं चाहते कि यह दफ्तर अब और काम करे।
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