Sunday, 25th May 2025

मोदी का कश्मीर दौरा: 14 किमी लंबी जोजिला सुरंग की नींव रखीं, कहा- इससे क्षेत्र के आर्थिक विकास को ताकत मिलेगी

Sat, May 19, 2018 6:30 PM

  • जिस दूरी को तय करने में 3.5 घंटे लगते थे वह इस सुरंग से 15 मिनट में होगी पूरी
  • परियोजना को पूरा करने के लिए सात साल का लक्ष्य तय किया गया है

 

नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में लेह-लद्दाख क्षेत्र से जोड़ने वाली एशिया की सबसे लंबी टू-लेन जोजिला सुरंग परियोजना का शिलान्यास किया। वे लेह में बौद्ध धर्मगुरु की जन्मशती के समापन समारोह में भी शामिल हुए। मोदी ने कहा कि मैं पहला प्रधानमंत्री था जिसे मंगोलिया जाने का मौका मिला। वहां के लोग भारत के बारे में नहीं जानते लेकिन लेह के आध्यात्मिक गुरु कुशक बकुला को जानते हैं। साथ ही मोदी जम्मू-श्रीनगर में रिंग सड़क परियोजनाओं का भी शिलान्यास करेंगे।

लेह की इकोनॉमी को ताकत मिलेगी

- मोदी ने कहा, "केंद्र की योजनाओं से इस क्षेत्र की इकोनॉमी को नई ताकत मिलेगी।"
- "जोजिला टनल प्रोजेक्ट उन्नत टेक्नोलॉजी का भी बड़ा उदाहरण है। मुझे बताया गया कि टनल में सात कुतुबमीनार ऊंचाई वाली व्यवस्था बनाई गई है ताकि अंदर की हवा शुद्ध रह सके।" 
- "कुशक बकुला जी ने दिलों को जोड़ने का काम किया, ये टनल बकुला जी के सपने को पूरा करेगी।"
- "लेह-लद्दाख की महिलाओं में जो सामर्थ्य है वो देखने लायक है। देश की यूनिवर्सिटी को अध्ययन करना चाहिए कि ऐसे दुर्गम इलाके जो 6-7 महीने के लिए दुनिया से कट जाते हैं
उन परिस्थितियों में यहां की माताएं और बहनें जीवन भी चलाती हैं, अर्थव्यवस्था भी चलाती हैं, ये देश के लिए गौरव की बात है, मैं इन्हें नमन करता हूं।"

जम्मू-कश्मीर में 80 हजार प्रोजेक्ट पर काम चल रहा
- "लेह-लद्दाख में हर साल 2 लाख पर्यटक आते हैं। 12 महीने से कनेक्टिविटी में बहुत बड़ा काम हो रहा है। जम्मू-कश्मीर में 80,000 करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, इसका लाभ लेह-लद्दाख के विकास को भी मिल रहा है।"
- "यहां कुछ चीजें ऐसी पैदा होती हैं जो हिंदुस्तान के किसी कोने में नहीं मिलतीं। आज लोग एरोमा थैरेपी की ओर बढ़ रहे हैं। एरोमा लेह की विरासत है। ये पूरे दुनिया के बाजार में जाए, इस दिशा में काम करके हम उसे आगे ले जाएंगे।"
- "2014 में सत्ता में आने के बाद से हमने देश को समस्याओं से मुक्ति दिलाने का काम किया है। आजादी के बाद से 18 हजार गांव जो अंधेरे में जी रहे थे, वहां हमने एक हजार दिन में बिजली पहुंचाई। ये किसी सरकार की प्राथमिकता में नहीं था। आज जम्मू-कश्मीर समेत हिंदुस्तान के हर गांव में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य पूरा हो गया"

कल्चरल सेंटर-म्यूजियम बनाया जाएगा
- मोदी ने कहा कि जो लंबे समय से कल्चरल सेंटर की मांग है, मैं भरोसा देता हूं आपके सपने के मुताबिक ही बनाया जाएगा। एक वर्चुअल म्यूजियम भी लेह में बनाया जाएगा।
- "यहां के लोगों की इच्छा है कि मेडिकल कॉलेज होना चाहिए, आपके प्रस्ताव को गंभीरता से लूंगा।"

3.5 घंटे से घटकर सिर्फ 15 मिनट का रह जाएगा सफर

- सुरंग बनने के बाद जोजिला से गुजरने में लगने वाला वक्त 3.5 घंटे से घटकर सिर्फ 15 मिनट रह जाएगा। श्रीनगर-कारगिल व लेह के बीच हर मौसम की कनेक्टिविटी बनाए रखने में भी यह सुरंग बेहद अहम होगी। आमतौर पर सर्दियों के मौसम में बर्फबारी व हिमस्खलन के चलते श्रीनगर व लेह-लद्दाख के लिए कनेक्टिविटी ज्यादातर समय बाधित रहती है।

रणनीतिक तौर पर सेना के लिए यह सुरंग काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। 14.2 किमी लंबी इस सुरंग की अनुमानित लागत 6,809 करोड़ रुपए है। परियोजना को पूरा करने के लिए सात साल का लक्ष्य तय किया गया है।

हाईटेक सुविधाओं से लैस होगी जोजिला सुरंग

- केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के मुताबिक, "जोजिला सुरंग परियोजना की प्लानिंग एक स्मार्ट सुरंग के तौर की गई है। इसमें सुरक्षा के नए व लेटेस्ट फीचर्स हैं। सुरंग में वेंटिलेशन, विद्युत आपूर्ति, इमरजेंसी लाइटिंग, सीसीटीवी, वैरिएबल मैसेज साइन, ट्रैफिक लॉगिंग इक्विपमेंट, ओवर हाइट व्हीकल डिटेक्शन, टनल रेडियो सिस्टम जैसे फीचर्स होंगे।" 
- इसमें पैदल राहगीरों के लिए प्रति 250 मीटर में रोड क्रॉस करने की व्यवस्था होगी। वहीं, मोटर वाहनों के लिए प्रति 750 मीटर में ले-बाई क्रॉस के पास बनाए जाएंगे। 
-सुरंग में प्रति 125 मीटर की दूरी पर आपातकालीन टेलीफोन व फायर फाइटिंग केबिन की व्यवस्था की भी जाएगी।
- नेशनल हाइवे-1ए पर श्रीनगर-लेह खंड में बालटाल और मिनामर्ग को जोड़ने वाली यह सुरंग समुद्र तल से 11,578 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। 
- इसी सड़क पर गगनगीर में 6.5 किलोमीटर जेड मोड़ सुरंग का निर्माण तेजी से हो रहा है।
- नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 03 जनवरी 2018 को इस दो लेन की सुरंग परियोजना (पैरलल एस्केप के साथ) को मंजूरी दी थी।

सेना के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण

- यह सुरंग सेना के लिए बेहद अहम बताई जा रही है। परियोजना को पूरा करने के लिए सात साल का लक्ष्य तय किया गया है। इस क्षेत्र में सर्दियों के मौसम में पारा माइनस 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। बर्फबारी व हिमस्खलन से मार्ग अक्सर बाधित रहता है। ऐसे में सेना के लिए कारगिल व बॉर्डर की अन्य सैन्य पोस्ट के लिए खाद्य-रसद सामग्री ले जाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। सुरंग बन जाने के बाद 12 महीने आवागमन सुचारू रहेगा।

- मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि यह सुरंग मौजूदा हाईवे से लगभग 400 मीटर नीचे बनाई जाएगी। भारी बर्फबारी के चलते सर्दियों के मौसम में सेना को बॉर्डर पर कई महत्वपूर्ण चौकियों से हटना पड़ता है या सैनिकों की तैनाती कम करनी पड़ती है या फिर वहां तैनात जवानों को बेहद विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।

श्रीनगर में रिंग रोड का शिलान्यास करेंगे

- पीएम मोदी श्रीनगर में शहर के अंदर ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए 42.1 किमी. लंबी व चार लेन की रिंग रोड का शिलान्यास भी करेंगे। यह पश्चिमी श्रीनगर के गालांदर से संभल को लिंक करेगी। परियोजना की लागत 1860 करोड़ रुपए है।

-प्रस्तावित रिंग रोड श्रीनगर से कारगिल व लेह के मध्य नया वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराएगी। यात्रा में लगने वाला वक्त भी कम होगा। इस रिंग रोड पर बड़े ब्रिज, तीन फ्लाईओवर, 23 टनल और दो डक्ट होंगे।


जम्मू रिंग रोड
- जम्मू में बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए यहां 58.25 किमी लंबी रिंग रोड बनाई जाएगी। फोर लेन की इस रिंग रोड की लागत 2,023 करोड़ रुपए है। यह पश्चिमी जम्मू के जागती को राया मोड़ से लिंक करेगी। 
- सुचारू परिवहन के लिए इस रिंग रोड में आठ बड़े ब्रिज, 6 फ्लाईओवर, 2 टनल व 4 डक्ट का निर्माण किया जाएगा। 
- केंद्रीय राजमार्ग व सड़क मंत्रालय का कहना है, "रिंग रोड से यात्रा के समय में कटौती होगी। अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर इन रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा।"

सांस्कृतिक व आर्थिक विकास में सहायक होंगी परियोजनाएं
- परिवहन मंत्रालय का कहना है कि सुरंग समेत रिंग रोड की इन परियोजनाओं से क्षेत्र में सामाजिक व आर्थिक विकास की गति को तेज करने में मदद मिलेगी। 
- परियोजनाओं के निर्माण के दौरान बड़ी संख्या में युवाओं के लिए रोजगार सृजित होंगे। इसके साथ ही क्षेत्र में अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। 
- राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में आवश्यक चीजों मसलन शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति भी आसान होगी।

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