रायपुर।बुधवार को सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं। सूरज और बादलों के बीच लुका-छिपी चल रही है। कुल मिलाकर बुधवार की सुबह राहत भरी है। मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी बिहार व उसके आसपास ऊपरी हवा में एक चक्रवात बना हुआ है। दक्षिणी उत्तरप्रदेश और दक्षिण मध्य महाराष्ट्र तक मध्यप्रदेश विदर्भ होते हुए एक द्रोणिका है। इसकी वजह से नमी बनी हुई है। रायपुर समेत छत्तीसगढ़ में कहीं-कहीं आसमान में बादल रहेंगे। दक्षिणी छत्तीसगढ़ में कहीं-कहीं हल्की बारिश या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। रायपुर में शाम-रात को आसमान में हल्के बादल रहेंगे। दिन का तापमान 40 डिग्री के आसपास रहे की संभावना है। बुधवार की सुबह तापमान 38 डिंग्री सेल्सियस के आसपास है।
- रायपुर में पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले इस साल मई राहत भरा गुजर रहा है। हालांकि राजधानी में आमतौर पर मई काफी गर्म रहता है। हर साल इस महीने में औसतन 16 से 18 दिन तापमान 44 डिग्री के पार रहता है। इतना तापमान यानी लू जैसे हालात। ये सामान्य से करीब तीन-चार डिग्री ज्यादा होता है। मई के पंद्रह दिन गुजर चुके हैं, लेकिन इस साल अब तक तापमान एक बार भी 44 डिग्री के पार नहीं गया है।
- मई के पहले दिन तापमान 43 डिग्री तक पहुंच गया था। उस समय मौसम की स्थिति देखकर अनुमान लगाया जा रहा था कि तापमान अब इससे ऊपर बढ़ेगा और गर्मी लोगों को परेशान करेगी। अनुमान गलत साबित हुआ और अगले ही दिन बारिश और तेज हवा ने तापमान को गिरा दिया। पिछले पखवाड़ेभर में जब-जब तापमान बढ़ा या 42-43 डिग्री करीब पहुंचा है उसी दिन शाम होते तक लोकल डेवलपमेंट से बने सिस्टम के कारण बारिश हो गई और तापमान कम हो गया। मौसम विज्ञानियों के अनुसार इसी वजह से तापमान एक भी बार 44 डिग्री या उससे ऊपर ही नहीं पहुंच पाया।
सबसे ज्यादा गर्म 2009
- राजधानी में मई का महीना 2009 में सबसे ज्यादा गर्म रहा। इस साल सबसे ज्यादा 18 दिनों तक तापमान 44 डिग्री से ऊपर रहा। इसके अगले साल यानी 2010 भी काफी गर्म रहा। इस साल 16 दिनों तक तापमान 44 डिग्री के पार पहुंचा। इन दोनों वर्षों में महीने का अधिकतम तापमान 46 डिग्री से ऊपर तक पहुंच गया था। 2008 से 2017 के दस वर्षों में पांच साल ऐसे बीते जिनमें 10 से ज्यादा दिनों तक तापमान 44 डिग्री से ऊपर रहा।
लगातार बन रहे हैं सिस्टम
- मौसम विज्ञानियों के अनुसार लगातार बन रहे सिस्टम और समुद्र से आ रही नमी तापमान को कम कर रही है। उत्तर, उत्तर-पूर्व और देश के कुछ हिस्सों में लगातार कोई ना कोई सिस्टम बन रहा है। इसकी वजह से समुद्र से लगातार नमी आ रही है। वातावरण में नमी रहने की वजह से जब जब तापमान बढ़ता है उसी दिन शाम-रात को लोकल डेवलपमेंट से बारिश हो जाती है। बरसात हो जाने से तापमान कम हो जाता है। यही वजह है कि इस साल अन्य वर्षों की अपेक्षा मई ठंडा बीत रहा है।
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