प्योंगयोंग. उत्तर कोरिया ने उसके एटमी हथियार खत्म करने का एकतरफा दबाव बनाने की स्थिति में ट्रम्प के साथ किम जोंग की अगले महीने प्रस्तावित वार्ता रद्द करने की धमकी दी है। वह दक्षिण कोरिया से वार्ता पहले ही रद्द कर चुका है। ट्रम्प और किम की वार्ता 12 जून को होनी है। इससे पहले उत्तरी कोरिया अपने एटमी हथियार खत्म करने की प्रतिबद्धता जता चुका है।
नॉर्थ कोरिया ने कहा- अमेरिका बेतुके बयान देकर उकसा रहा
- नॉर्थ कोरिया की न्यूज एजेंसी केसीएनए के मुताबिक, उप विदेश मंत्री किम काई-ग्वान ने कहा है कि अमेरिका अपना रुख नहीं बदलता है तो हमें फिर से सोचना पड़ेगा कि अमेरिका के साथ प्रस्तावित समिट में शामिल हों या नहीं।
- नॉर्थ कोरिया का कहना है कि उसे उम्मीद थी कि इस वार्ता से हालात सामान्य होने में मदद मिलेगी, लेकिन अमेरिका बेतुके बयान देकर हमें उकसा रहा है।
- बीबीसी के मुताबिक, वार्ता के लिए बेहतर तरीके से तैयारियां चल रही थीं, लेकिन इस बयान के बाद इस पर संदेह पैदा हो गया है।
अमेरिका वार्ता की तैयारी बंद नहीं करेगा
- अमेरिका ने कहा है कि नॉर्थ कोरिया के रुख में बदलाव की हमें कोई जानकारी नहीं है। ट्रम्प-किम की वार्ता के लिए तैयारी जारी रहेगी।
- कोरिया नेशनल डिप्लोमेटिक एकेडमी के प्रोफेसर किम ह्यून-वुक का कहना है कि शायद उत्तर कोरिया वार्ता की शर्तें नए सिरे से तय करने की कोशिश कर रहा है।
- उन्होंने कहा, "लगता है कि किम जोंग उन परमाणु निशस्त्रीकरण के लिए पहले अमेरिका की मांगें मानने के लिए मजबूर था। लेकिन चीन से रिश्ते सामान्य होने और आर्थिक मदद का भरोसा मिलने के बाद वो अपना रुख बदलने की कोशिश कर रहा है।"
दक्षिण कोरिया के साथ वार्ता रद्द
- दक्षिण कोरिया के साथ बुधवार को प्रस्तावित अपनी वार्ता को भी उत्तर कोरिया रद्द कर चुका है। उत्तर कोरिया का कहना है कि दक्षिण कोरिया के साथ अमेरिका के युद्धाभ्यास की वजह से ये फैसला लिया गया है।
- साउथ कोरिया ने उत्तर कोरिया के साथ होने वाली उसकी वार्ता एकतरफा रद्द किए जाने पर अफसोसजनक जताया है।
- उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया 27 अप्रैल को हुई वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए एक बार फिर मुलाकात करने वाले थे।
निवेशकों की चिंता बढ़ी
- उत्तरी कोरिया के बदले रुख से निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। एशियाई शेयर बाजारों पर इसका असर देखा गया। जानकारों का मानना है कि अगर उत्तरी कोरिया और अमेरिका की वार्ता रद्द होती है तो अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर फिर से तनाव बढ़ सकता है।
18 साल बाद बातचीत का मौका
-अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच मुलाकात कराने में साउथ कोरिया ने ही मध्यस्थ की भूमिका निभाई। साउथ कोरिया के नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर (एनएसए) चुंग यूई-योंग ने ही इस बात की जानकारी दी कि ट्रम्प मुलाकात के लिए राजी हो गए हैं।
- अक्टूबर 2000 में बिल क्लिंटन की विदेश मंत्री रहीं मेडलीन अलब्राइट ने किम जोंग उन के पिता और तब नॉर्थ कोरिया के शासक रहे किम जोंग II से बात की थी।
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