एडीजी की फर्जी बहन को ड्राइवर मुहैया करवाने वाले एमटीओ को एसपी ने सस्पेंड कर दिया। उससे तीन अफसरों ने मुलजिम की तरह घंटों पूछताछ भी की। एमटीओ ने जैसे ही बड़े अफसरों का नाम लिया एसपी ने बयान बदल डाले। उधर, विवेचक केस डायरी लेकर अन्य तथ्यों की जांच करने के लिए भोपाल गए हैं।
जेल में बंद आरोपित सोनिया शर्मा उर्फ दीदी को मंगलवार सुबह जिला कोर्ट में पेश किया गया। उसे तेजाजी नगर पुलिस को धोखाधड़ी के केस में एक दिन के रिमांड पर सौंप दिया। उसने टीआई गिरीश कवरेती को कॉल कर बिल्डर के पक्ष में कार्रवाई का दबाव बनाया था। सोनिया के वकील राम बजाड़ गुर्जर ने विरोध किया और कहा कि पुलिस अफसरों को बचा रही है। एडीजी अजय कुमार शर्मा को फरियादी नहीं बनाया गया है। उधर एसपी (मुख्यालय) मो.यूसुफ कुरैशी ने मोटर व्हीकल शाखा ऑफिसर (एमटीओ) श्यामसुंदर को सस्पेंड कर दिया।
उससे एसपी (पश्चिम) विवेक सिंह ने बयान लिए। श्यामसुंदर ने बताया पहली बार तत्कालीन आरआई सुनील दीक्षित के आदेश पर ड्राइवर वीरेंद्र कुशवाह को भेजा था। इसके बाद आरआई (सस्पेंड) अनिल राय के आदेश पर विनोद यादव, घनेंद्रसिंह और कौशल शर्मा को भेजा। उन्होंने सीएसपी ज्योति उमठ को सोनिया के साथ देखा था।
वह रिटायर डीजीपी दिलीप कापदेव व एडीजी पवन श्रीवास्तव के परिवार के साथ भी रहती थी। आरोप है एसपी ने बड़े बयानों में बड़े अफसरों का नाम लिखने से इनकार कर दिया। एमटीओ से एएसपी वाहनी सिंह और सीएसपी ज्योति उमठ ने भी बयान लिए। एसपी के मुताबिक बयानों में कोई बदलाव नहीं किया। जिन अफसरों के नाम सामने आए हैं उनसे भी पूछताछ की जाएगी। सीएसपी से बातचीत हो चुकी है।
आईजी को भेजी रिपोर्ट
उधर पुलिस ऑफिसर मैस में रुकने की जानकारी सामने आने के बाद सहायक सेनानी पंकज शर्मा ने जांच पूरी कर रिपोर्ट आईजी राकेश गुप्ता को सौंप दी। कमांडेंट मनीष अग्रवाल के मुताबिक जांच दो स्तर पर हुई है। एक उप सेनानी प्राची द्विवेदी ने की थी। उधर मैस में रुकने वालों की आईडी और अफसरों के लेटर लेना शुरू कर दिया है। मैस परिसर में चार सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
डीआरपी लाइन के कर्मचारी भी शक के घेरे में
डीआरपी लाइन का हेड कांस्टेबल संदीप बैस, सुरेंद्र यादव, अंकिता, अनिता और सुनीता भी शक के दायरे में हैं। बैस पर फर्जी बहन की कार में डीजल भरवाने और अन्य पर साथ जाने का शक है।
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