Friday, 23rd May 2025

चूड़ियां, घड़ी और अंगूठी बैन फिर भी डॉक्टर ने पहनकर किया मोतियाबिंद का ऑपरेशन, इसलिए संक्रमण

Fri, May 4, 2018 6:11 PM

रायपुर।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद पांच लोगों की आंखों में संक्रमण की जांच करने वाली कमेटी ने गुरुवार को रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे ऑपरेशनों के दौरान चूड़ियां, घड़ी और अंगूठी वगैरह पहनना बैन रहता है, लेकिन देश के इस प्रतिष्ठित संस्थान में भी महिला सर्जन ने यह सब पहनकर ऑपरेशन किया। एम्स के डीन डॉ. एसपी धनेरिया की अध्यक्षता में बनी कमेटी की जांच रिपोर्ट में इसी को संक्रमण की वजह माना है।

- एम्स पहले ही नेत्र सर्जन पर ऑपरेशन के मामले में बैन लगा चुका है। भास्कर की पड़ताल में पता चला है कि डॉ. धनेरिया ने डायरेक्टर डॉ. नितिन एम. नागरकर को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें नेत्र सर्जन डॉ. लिपि चक्रवर्ती पर गंभीर टिप्पणी की गई है।

- रिपोर्ट के मुताबिक डाॅक्टर ने ऑपरेशन के दौरान प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए चूड़ियां व घड़ी पहन रखी थीं। यह घोर लापरवाही है। जबकि किसी भी सर्जन को चाहे वह पुरुष हो अथवा महिला, ऑपरेशन के दौरान घड़ी, अंगूठी, चूड़ी व कड़े पहनने की मनाही होती है।

- ये चीजें ओटी में संक्रमण फैला सकती हैं। यहां तक कि ऑपरेशन थियेटर में इसी डर से मरीजों की भी यह सब चीजें उतार ली जाती हैं। ऐसे में डॉ. लिपि ने कैसे लापरवाही बरती? इस पर कमेटी भी हैरान है।

- नेत्र रोग विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. लिपि के साथ सीनियर रेसीडेंट डॉ. एकता बघारिया ने असिस्ट किया था। हालांकि जांच कमेटी ने इस डॉक्टर पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है न ही कोई प्रतिकूल टिप्पणी की है।


यह है मामला

- 5 अप्रैल को एम्स में रामकृष्ण सोनी (67), कुशाल सिंह (58), मानवेंद्र बनवाल (67), तिलक कोठारे (69) व योगेश पांडेय (67) के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था। ऑपरेशन सुबह 11 बजे से किया गया। शाम 4 बजे के बाद ही मरीजों ने आंख में दर्द की शिकायत कर दी थी, लेकिन डाक्टरों ने यह कहकर ध्यान नहीं दिया कि दर्द कुछ देर में ठीक हो जाएगा।

- 6 अप्रैल को सभी मरीजों की पट्टी खोली गई तो आंखें सूजकर लाल हो गई थीं। इसके बाद आनन-फानन में मरीजों का फिर ऑपरेशन किया गया। इसके बाद भी आंखों में कोई सुधार नहीं हुआ और 7 अप्रैल को मरीजों की छुट्टी कर दी। केस बिगड़ने की खबर पर कांग्रेसियों ने हंगामा किया, इसके बाद सभी मरीजों को राजधानी के एक निजी अस्पताल में रिफर किया गया था।

जिम्मेदारों का ये कहना है


- कोई सर्जन घड़ी व चूड़ी पहनकर ऑपरेशन नहीं करता। जांच रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि सर्जन ने प्रोटोकाल का पालन नहीं किया। संबंधित डाक्टर के आपरेशन करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय को कार्रवाई के लिए भी लिखा है। डॉ. नितिन एम नागरकर, डायरेक्टर एम्स

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