Thursday, 22nd May 2025

राहुल ने मोदी सरकार की कृषि नीति को दिया 'एफ' ग्रेड, कहा- कर्नाटक के किसानों के लिए केंद्र ने कुछ नहीं किया

Thu, May 3, 2018 5:27 PM

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के तहत 12 मई को मतदान होना है और 15 मई को नतीजे आएंगे।

नई दिल्ली. राहुल गांधी ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी के उस आरोप का जवाब दिया जिसमें उन्होंने सिद्धारमैया सरकार पर किसानों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने की बात कही थी। राहुल ने कहा कि केंद्र ने राज्य के किसानों के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने इसके लिए बकायदा एक रिपोर्ट कार्ड भी जारी किया, जिसमें मोदी सरकार को 'एफ' ग्रेड दिया। बता दें कि मोदी ने बुधवार को ऐप के जरिए पार्टी के किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं से बात की थी।

 

किसानों के मुद्दे समझने वाली सरकार की जरूरत
मोदी ने कहा, यह समय कर्नाटक में ऐसी सरकार बनाने का है जो किसानों के मुद्दों को समझती हो। हमारा वार्षिक बजट अब तक किसानों को लाभ पहुंचाने के उपायों को लेकर सराहा गया है। देश की अर्थव्यवस्था में कृषि के महत्व को बताते हुए पीएम ने कहा कि केंद्रीय बजट 2018-19 में हमने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उत्पादन लागत के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 1.5 गुना बढ़ोतरी की है।

कांग्रेस राज्य होने की वजह से कर्नाटक से भेदभाव

- इधर राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा- "प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ। इसके जरिए निजी बीमा कंपनियां बड़ा मुनाफा कमा रही हैं और किसान परेशान हैं।"
- "कर्नाटक कांग्रेस सरकार ने किसानों के 8500 करोड़ का कर्ज माफ किया। इसमें केंद्र का कोई योगदान नहीं था।" 
- राहुल ने कहा कि केंद्र सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी कोई योगदान नहीं दिया। इस ट्वीट में खरीफ की 12 फसलों का जिक्र किया।

मोदी ने कहा था- येद्दियुरप्पा सुनिश्चित करेंगे किसानों की दोगुनी आय
- नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नमो ऐप के जरिए पार्टी के किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं से बातचीत की। उन्होंने कहा- "किसान' नेता बीएस येद्दियुरप्पा सुनिश्चित करेंगे कि राज्य में किसानों की आय 2022 तक दोगुनी हो सके। कर्नाटक में किसानों की तरक्की के लिए संवेदनशील सरकार की जरूरत है। किसान नेता येद्दियुरप्पा नये उत्साह के साथ किसानों की आय दोगुनी करने के लिए हमारी कोशिशों के साथ मिलकर काम करेंगे।'' 
- प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए पर्याप्त काम न करने का सिद्धारमैया सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई जगहों पर जल स्रोतों को सुखा दिया गया और उन्हें मकान बनाने वालों को सौंप दिया गया।

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