सीने पर ही लिख दिया था एससी-एसटी, मामले ने पकड़ा तूल तो गृहमंत्री ने दिए जांच के आदेश
Mon, Apr 30, 2018 8:19 PM
इंदौर।आरक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत कराए गए मेडिकल परीक्षण में अभ्यर्थियों के सीने पर एससी-एसटी लिखने की गंभीर लापरवाही में गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने जांच के आदेश दिए है। इससे पहले पुलिस अधिक्षक और सीएमओ ने भी मामले में अधिकारियों की लापरवाही स्विकारते हुए जांच की बात कही थी। गौरतलब है कि धार में आरक्षकों की चयन प्रक्रिया के दौरान उनके सीने पर ही एससी-एसटी लिख दिया गया था।
- मामले में धार पुलिस अक्षीक्षक बीरेन्द्र सिंह ने अजाक थाने के डीएसपी एस मालवीय को जांच के आदेश दे दिए है।
- मेडिकल टेस्ट के दौरान मौजूद टीआई एनआर वर्मा ने इस घटना के लिए मेेडिकल बोर्ड के सदस्य डॉक्टर जितेन्द्र चौधरी को जिम्मेदार बताया। टीआई का कहना है कि डॉ. चौधरी के कहने पर ही यह कदम उठाया गया था। वहीं दूसरी ओर डॉक्टर चौधरी ने टीआई के इस आरोप को सिरे से नकार दिया है। डॉक्टर चौधरी का कहना है कि मेरा काम परीक्षण करना है।
यह था मामला
- आरक्षक चयन के लिए बुधवार (25 अप्रैल) को धार के जिला अस्पताल में अभ्यर्थियों का मेडिकल परीक्षण किया गया था। इस परीक्षण के दौरान अभ्यर्थियों के सीने पर पेन से उनकी जातियों का उल्लेख कर दिया गया।
- मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉक्टरों व अन्य अधिकारियों का कहना है कि कुछ माह पहले महिला आरक्षक की ऊंचाई में गड़बड़ी सामने आने के बाद चयन प्रक्रिया में अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है।
- आरक्षक पद के लिए सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 168 सेमी की ऊंचाई तय की गई है। वहीं एससी और एसटी वर्ग के लिए 165 सेमी ऊंचाई तय है। आरक्षित वर्ग की ऊंचाई नापने में कोई गड़बड़ ना हो इसलिए उनके सीने पर पेन से एससी-एसटी लिख दिया गया था।
- आरक्षण चयन की यह प्रक्रिया 30 अप्रैल तक जारी रहेगी। इसके तहत 206 महिला-पुरुष अभ्यर्थियों का मेडिकल किया जाना है। अब तक 194 अभ्यर्थियों का परीक्षण किया जा चुका है।
सफाई दे रहे जिम्मेदार
हर वर्ग के लिए शारीरिक माप के मापदंड अलग-अलग होते है। इसलिए ऐसी पहचान करना होती है। पन्ना जिले में आरक्षित वर्ग की एक महिला प्रत्याशी की माप में गड़बड़ी हो गई थी, इसलिए एहतियातन यह कदम उठाया गया था। फिर भी मामले की जांच कराएंगे। - ऋषि कुमार शुक्ला, पुलिस महानिदेशक
- पुलिस की ओर से अभ्यर्थियों के सीने पर जातियां लिखने का निर्देश नहीं है। भर्ती में सहूलियत के लिए ऐसा लिखा गया होगा। इसके पीछे गलत भावना नहीं है। जाचं के आदेश दे दिए है। - बीरेन्द्र सिंह, पुलिस अधिक्षक
मुझे नहीं मालूम कि जिला अस्पताल में किसी भर्ती का मेडिकल चल रहा है। लेकिन किसी भी कैंडिडेट के शरीर पर एससी-एसटी लिखा है तो ये गंभीर है। दोषी के खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी। - डॉक्टर आरसी पनिका, सीएमओ
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