भोपाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ की प्रदेश अध्यक्ष बन जाने के बाद मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब कांग्रेस और भाजपा या फिर शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ के बीच कांटे की टक्कर होने के आसार नजर आ रहे हैं 14 साल से वनवास भोग रही कांग्रेस के पास ऐसा कोई विचार नहीं था जो कमलनाथ के रूप में मध्यप्रदेश को मिला है को मिला है इसका किसको मिला है मध्य प्रदेश में भाजापा 14 साल से सत्तारूढ़ है शिवराज सिंह चौहान लगातार 12 साल से प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं उनके नेतृत्व में 2 विधानसभा चुनाव एक लोकसभा चुनाव और एक दर्जन उपचुनाव हुए हैं जिस में अधिकांश सीटों पर भाजापा ने सफलता हासिल की है जिसका जिसका श्रेय सीधे सीधे तौर पर शिवराज को जाता है देखा जाए तो मध्यप्रदेश में 14 साल से शिवराज को चुनौती देने वाला कोई नहीं था दातों का जापा में था और ना कांग्रेस में जिस कारण हर चुनाव में शिवराज सिंह चौहान का ही डंका बजता चला रहा है लेकिन कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष बन जाने के बाद कांग्रेस जनों में नई आशा जगी है और भाजापा कमलनाथ के अध्यक्ष बनने के बाद चिंतित है कुल मिलाकर आने वाले विधानसभा और उसके बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच लड़ाई होगी अगर यह कहे तो यह लड़ाई शिवराज सिंह के बीच रहेगी तो कोई अतिशयोक्ति ना होगी 1977 से मध्यप्रदेश में स्थापित हैं पूरे प्रदेश के कांग्रेस जनों को पहचानते हैं और उनका अच्छा खासा नेटवर्क है जिससे कांग्रेस मजबूत होगी और कमलनाथ कमल और शिवराज के लिए चुनौती बनेंगे कमलनाथ यदि वरिष्ठ नेताओं के बीच चल रही गुटबाजी को रोक लेंगे तो फिर प्रदेश में कांग्रेस को लाभ दिला पाएंगे अन्यथा शिवराज की स्थिति मेरे कोई ज्यादा फर्क दिखाई नहीं देता लेकिन वह विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए चुनौती जरूर बनेंगे कुल मिलाकर आने वाले समय में शिवराज और कमलनाथ के बीच सीधी टक्कर होगी और यह फाइट टाइट होती रहेगी
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