Sunday, 25th May 2025

मोदी का चीन में दूसरा दिन: झील के किनारे जिनपिंग के साथ चाय पर चर्चा, दोनों नेताओं ने की नाव की सैर

Sat, Apr 28, 2018 6:01 PM

- दो दिन की अनौपचारिक शिखर वार्ता में चीन गए हैं मोदी

 

- मोदी-जिनपिंग के बीच सीमा विवाद, आतंकवाद, अफगानिस्तान और फिल्मों के बारे में बात हुई

बीजिंग. नरेंद्र मोदी के चीन दौरे का शनिवार को दूसरा दिन है। मोदी और शी जिनपिंग की 2 मुलाकातें हुईं। सबसे पहले दोनों नेताओं ने वुहान की ईस्ट लेक के किनारे टहलते हुए चाय पर चर्चा की। मोदी-जिनपिंग ने झील में नाव पर सैर भी की। जिनपिंग ने मोदी के लिए लंच भी रखा है। इससे पहले शुक्रवार को मोदी और जिनपिंग के बीच 3 मुलाकातें हुईं। प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा के दौरान मोदी ने जिनपिंग से कहा कि दुनिया में शांति, स्थिरता और समृद्धि लाने में भारत-चीन बड़ी भूमिका निभाएंगे। दोनों देशों में दुनिया की 40 फीसदी आबादी रहती है। हमारे पास अपने लोगों के साथ-साथ दुनिया के लिए काम करने का अवसर है। अनौपचारिक वार्ताओं की परंपरा शुरू करने की बात कहते हुए मोदी ने जिनपिंग को अगले साल भारत आने का न्यौता दिया। उन्होंने इस पर सहमति जताई।

दोनों देशों के बीच शांति बरकरार रखना मुख्य मकसद
- भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा, "दोनों नेताओं ने माना कि भारत-चीन सीमा पर शांति बरकरार रखना सबसे अहम है। दोनों नेताओं ने तय किया कि दोनों देश आपस में भरोसा बढ़ाएंगे और एक दूसरे को रणनीतिक सहयोग देंगे।"
- "भारत-चीन सीमा के संबंध में मोदी-जिनपिंग ने माना कि एक विशेष प्रतिनिधि इस विवाद का हल खोजेगा।"

- “प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी ने आतंकवाद और इससे पैदा होने वाले खतरों के मुद्दे पर बात की। दोनों ने आतंकवाद को खत्म करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर भी प्रतिबद्धता जताई।”

- गोखले ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच मनोरंजन खासकर फिल्मों के जरिए सहयोग बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा। इसके जवाब में राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि उन्होंने कई भारतीय फिल्में देखी हैं और इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना एक अच्छी सोच है। ज्यादा से ज्यादा फिल्में भारत से चीन और चीन से भारत जानी चाहिए।”
- न्यूज एजेंसी ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत और चीन के बीच अफगानिस्तान में आर्थिक परियोजना चलाने पर भी सहमति बनीं है।

मोदी ने कहा- पंचशील के नए सिद्धांत से विश्व में शांति आएगी

- शुक्रवार को डेलिगेशन बातचीत के दौरान मोदी ने चीन के सामने 21वीं सदी के पंचशील की नई व्याख्या पेश की। उन्होंने कहा- "अगर हम समान विजन, मजबूत रिश्ते, साझा संकल्प, बेहतर संवाद और समान सोच के पांच सिद्धांतों वाले पंचशील के इस रास्ते पर चलें तो इससे विश्वशांति, स्थिरता और समृद्धि आयेगी।

- इस पर शी जिनपिंग ने कहा कि उनका देश मोदी के बताए पंचशील के इन नए सिद्धांतों से प्रेरणा लेकर भारत के साथ सहयोग एवं काम करने को तैयार है।

- बता दें कि इससे पहले चीन और भारत के बीच पंचशील समझौते को लेकर 31 दिसंबर 1953 और 29 अप्रैल 1954 को बैठकें हुई थीं, जिसके बाद बीजिंग में इस पर हस्ताक्षर हुए थे। ये सिद्वांत हैं: 1. एक दूसरे की अखंडता और संप्रभुता का सम्मान, 2. परस्पर आक्रमकता से बचना , 3. एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना, 4. समान और परस्पर लाभकारी संबंध, 5. शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व

मोदी ने जताया जिनपिंग का शुक्रिया
- मोदी ने कहा कि भारत के लोग वास्तव में बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि मैं पहला ऐसा भारतीय प्रधानमंत्री हूं, जिसकी अगवानी के लिए आप (शी जिनपिंग) दो बार राजधानी से बाहर आए।
- "मुझे खुशी है कि इस समिट को आपने काफी महत्व दिया। ये इन्फॉर्मल समिट हमारी रेग्युलर व्यवस्था को विकसित करे। मुझे खुशी होगी कि 2019 में ऐसी ही एक अनौपचारिक समिट करने का हमें मौका मिले।"

मुख्यमंत्री रहने के दौरान बांधों के बारे में सुना था
- शी जिनपिंग ने भारतीय प्रधानमंत्री से अनौपचारिक बातचीत के लिए पहली बार प्रोटोकॉल तोड़ा। मोदी ने कहा- "जब मैं गुजरात का सीएम था, तब इन बांधों के बारे में सुना था। आपने जिस पैमाने पर और जिस तेजी के साथ इन्हें बनाया है, इसने मुझे प्रभावित किया। यही वजह है कि मैं स्टडी टूर पर आया हूं और एक दिन डैम पर बिताने का फैसला लिया।
- "भारत और चीन दोनों की संस्कृतियों का संबंध नदियों से हैं। यदि हम हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की प्राचीन सभ्यता की बात करें तो ये नदियों के किनारे पर ही बसी थीं।"

विवादित मुद्दे सहमति से हल करने की कोशिशें
भारत-चीन के बीच तनाव और अंतरराष्ट्रीय हालात के मद्देनजर मोदी का दौरा काफी अहम है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि डोकलाम विवाद की पृष्ठभूमि में यह मुलाकात दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली में अहम कदम होगी। भले ही कोई समझौता या संयुक्त बयान नहीं होगा, लेकिन यह दिलों को जोड़ने वाली अनौपचारिक बैठक साबित होगी।

चौथी बार चीन पहुंचे मोदी, जिनपिंग सिर्फ एक बार आए
2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की यह चौथी चीन यात्रा है। जून में वह फिर चीन जा सकते हैं। इस दौरान जिनपिंग सिर्फ एक बार भारत आए हैं। मोदी और जिनपिंग के बीच 11वीं बार मुलाकात हो रही है। इससे पहले मोदी 8 बार बराक ओबामा से मिले थे।

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