रायगढ़. एकादशी व्रतोद्यापन के लिए भव्य कलश यात्रा और श्रद्धालुओं की वृहद उपस्थिति के साथ श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ कथास्थल में भक्तिमय वातावरण, भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी के रूप में कलाकारों की मनभावन झांकी एवं मनोहारी दृश्य ग्राम दूलोपुर में प्रत्यक्ष रूप से वृन्दावन धाम का आभास करा रहा था।
18 अप्रैल से प्रारंभ होकर 27 अप्रैल तक चलने वाले श्रीमद्भागवत कथा एवं ज्ञानयज्ञ में वृन्दावन धाम से पधारे पंडित अमितकृष्ण शास्त्री द्वारा अत्यंत ही भावपूर्ण ढंग से संगीतमय कथा के माध्यम से श्रीमद भागवत महापुराण के विविध प्रसंगों की शुरुआत 18 अप्रैल को मांगलिक पूजापाठ एवं 19 अप्रैल को देव स्थापना, कथामहात्म्य के बाद 20 अप्रैल से क्रमश: परीक्षित जन्म, सुकदेव दर्शन, कपिल उपाख्यान, ध्रुव प्रहलाद चरित्र, वामन अवतार ,श्री राम एवं कृष्ण जन्म उत्सव , श्रीकृष्ण की बाल लीला, गोवर्धन पूजा श्रीकृष्ण रुकमणी विवाह, सुदामा चरित्र, सुकदेव विदाई, इत्यादि कथा को क्रम से प्रस्तुत किया गया। 26 अप्रैल को तुलसी वर्षा एवं गीतापाठ का कार्यक्रम हुआ। इसी दिन विशाल कलश यात्रा भी एकादशी उद्यापन के लिए किया गया।
श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के इस संगीतमय आयोजन का विश्राम 27 अप्रैल को पूर्णाहुति, सहस्त्रधारा स्नान एवं आत्माभोज के साथ हो रहा है।
श्रीमद्भागवत कथा एवं ज्ञानयज्ञ को भव्यतम रुप प्रदान करने में कथा के मुख्य यजमान श्यामकुमार पटेल एवं उनके कुटुंबीजनों तथा ग्राम दूलोपुर के समस्त ग्रामवासी सहयोगियों का विशेष योगदान रहा वही कथास्थल को भव्यता प्रदान करने एवं रूपसज्जा देने में क्षेत्र में पदस्थ कृषि विभाग के अधिकारी छबि नायक की समर्पित सेवाभावना रही। जिन्होंने अपने हाथों से कलाकारी कर कथास्थल को आकर्षक एवं मनभावन रूप देकर श्रद्धालुओं को विशेष रूप से प्रभावित किया। श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ को ग्रामवासी दूलोपुर निवासियों के साथ-साथ भातपूर से बाबूराम पटेल, हस्तिना पटेल, विनोद पटेल, चंद्रमणि पटेल, श्यामकुमार, ग्राम सरवानी से टेकराम पटेल , छबिलाल पटेल, चंद्रिका पटेल, गिरी पटेल, कौशल पटेल, शिवनारायण पटेल ग्राम लिटाईपाली से राकेश पटेल, गोविंद पटेल नौरंगपुर से लीलेश पटेल, भातपुर सेवा सहकारी समिति में पदस्थ समस्त स्टाफ की ओर से भागवत कथा में विशेष सहयोग प्रदान किया गया।
श्रद्धालुओं को प्रतिदिन कराया भोजनप्रसाद
भागवत कथा के मुख्य यजमान श्यामकुमार पटेल परिवार की ओर से प्रतिदिन कथा विश्राम के बाद भोजनप्रसाद की व्यवस्था की जाती रही। इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्तगण भागवत कथा के पश्चात भोजन प्रसाद का आनंद ले कर भजन एवं भोजन दोनों का रसास्ववादन किए एवं मुख्य यजमान श्यामकुमार पटेल व आयोजकों की मुक्तकंठ से प्रसंशा की गयी।
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