Sunday, 25th May 2025

आसाराम की गिरफ्तारी से पहले इंदौर में ऐसे चला था 7 घंटे ड्रामा, एक लड़की को लेकर आए थे मीडिया के सामने

Wed, Apr 25, 2018 5:58 PM

इंदौर।आसाराम मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल में विशेष अदालत से बुधवार को फैसला आने वाला है। फैसला सुनाने वाले जज मधुसूदन शर्मा सेंट्रल जेल पहुंच चुके हैं। साढ़े चार साल से जोधपुर जेल में बंद अासाराम के खिलाफ अपनी ही शिष्या से दुष्कर्म करने का अारोप है। ​पॉक्सो एक्ट के तहत ये पहला बड़ा फैसला होगा। केस के फैक्ट से लगता है कि आसाराम को कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है, प्रावधान उम्रकैद तक का है। फैसले को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान, गुजरात और हरियाणा को हिदायत दी है कि किसी भी सूरत में हिंसा नहीं होनी चाहिए। इन राज्यों में आसाराम के अनुयायी काफी संख्या में हैं।


इंदौर आश्रम से पकड़ाए थे आसाराम
- दुष्कर्म के आरोपी आसाराम की तलाश में 31 अगस्त 2013 की दोपहर जोधपुर पुलिस इंदौर के खंडवा रोड स्थित आश्रम पहुंची थी। आश्रम के पदाधिकारियों ने आसाराम के इंदौर में न होने की बात दोहराते हुए, उनके देवास के आसपास किसी गोपनीय स्थान पर ठहरने की बात कही थी। पदाधिकारियों ने बताया था कि आश्रम में केवल आसाराम के पुत्र नारायण स्वामी ही हैं। आसाराम के इंदौर आश्रम पहुंचने और उनकी गिरफ्तारी को रोकने के लिए दो लाख समर्थकों को इंदौर आने का आह्वान किया गया था, जिस कारण खंडवा रोड स्थित आश्रम के बाहर समर्थकों का भारी जमावड़ा लगा हुआ था। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया था। गिरफ्तारी के पहले 27 अगस्त की सुबह इंदौर पुलिस आश्रम पहुंची और कुछ देर बाद चली गई। इसके बाद वे पुन: 30 अगस्त की रात भोपाल से देवास होते हुए इंदौर आश्रम आ गए थे। जहां से जोधपुर पुलिस ने उन्हें कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया था।


बापू ने नहीं किया बलात्कार - नारायण सांई
- सबसे पहले आशाराम के बेटे मीडिया के सामने आए थे और स्पष्ट कहा था कि बापू कहीं भागे नहीं हैं, इंदौर के ही आश्रम में हैं। सांई ने स्पष्ट किया कि बापू को लेकर जो बात फैलाई जा रही है, मैं दावे से कहता हूं बापू ने न कोई रेप किया है न बलात्कार। मैं भक्तों से भी अपील करता हूं कि वे इस घड़ी में शांति बनाए रखें और दुआ करें कि पहले की तरह बापू फिर विवादों से उभरेंगे। बापू के स्वास्थ्य को लेकर सांई ने कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और डॉक्टर लगातार चेक कर रहे हैं। बापू खुद जोधपुर पुलिस का इंतजार कर रहे हैं, और खुद जाना भी चाहते हैं। यदि पुलिस यहां आती है तो बापू उनके हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं। मीडिया के साथ भोपाल-जोधपुर में हुई घटना पर नारायण सांई ने माफी भी मांगी।



ऐसे बीते थे आशाराम के गिरफ्तारी से पहले के वो 7 घंटे
- आसाराम सामने आसन पर बैठे थे और सामने समर्थकों का हुजूम। प्रवचन शुरू हुए। इतने में एक टीवी चैनल का संवाददाता आ पहुंचा और फिर शुरू हुआ सवाल पर सवाल।
आप पर गंभीर आरोप हैं?
- आसाराम ने कहा-सब झूठ है। जोधपुर की उस कुटिया में ऐसा कुछ हो ही नहीं सकता। आपस में बोलो तो वहां से दूर तक आवाज जाती है। मैंने डेढ़ घंटे मुंह दबाया और किसी को आवाज ही नहीं आई! ऐसा कैसे हो सकता है। मैं मिला होउंगा। कई लोगों से मिलता हूं। लेकिन वैसा नहीं मिला, जैसा कहा जा रहा है।

सवाल तीखे हुए। आपको गिरफ्तार किया जा सकता है?
- जवाब - नहीं, फिर कहा 17 साल के लिए जेल में डाल दो। सांच को आंच नहीं।
संवाददाता ने पूछा - आप खुद को निर्दोष कैसे साबित करेंगे?
- भक्तों ने जयघोष शुरू किया। आसाराम ने कहा-थोड़ा कैमरा उधर भी घुमा दो। मुझे तो रोज 20 देश के लोग देखते और सुनते हैं। गुस्सा चेहरे पर साफ था।
- संवाददाता ने फिर सवाल किया ?
आसाराम ने कहा-अब जरा भक्तों से बात कर लो। बोलने लगे- सुबह उठकर पानी पीना बहुत जरूरी है। सुबह 9 से 11 के बीच भोजन सर्वोत्तम।
- संवाददाता के सवाल पर - गुस्से के बावजूद हंसते हुए आसाराम ने भक्तों से कहा-रात को 1 से 3 बजे के बीच जागना खतरनाक है।
- संवाददाता ने कहा-जवाब तो दीजिए। अनसुना करते हुए भक्तों से फिर कहा-टेंशन तीन प्रकार के होते हैं। शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक।
- संवाददाता ने फिर तेज आवाज में सवाल किया। आसाराम ने माइक से ही शुरू किया-ओम..ओम..ओम..। भक्त भी यही दोहराने लगे।
- संवाददाता ने फिर जवाब मांगा। आसाराम ने फिर कहा-हंसते रहिए। हंसने से ऊपर बताए सारे टेंशन भाग जाते हैं। फ्लाइट का टाइम हो गया है। चलो एयरपोर्ट। और आसाराम मुंबई होते हुए सूरत की फ्लाइट के लिए निकल गए।

31 अगस्त को गिरफ्तारी के लिए पहुंची थी जोधपुर पुलिस
- जोधपुर पुलिस का दल सुबह खंडवा रोड स्थित आसाराम आश्रम में पहुंचा था। पुलिस दल को पहले आश्रम में दाखिल होने से ही रोक दिया गया। जब पुलिस वाले अंदर पहुंचे तो आसाराम योग कर रहे थे। बाद में ध्यान में लीन हो गए। आश्रम में समन तामील होने के दो घंटे पहले कुछ स्थानीय नेता आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने खुलकर आसाराम का बचाव किया। बोले- बापू धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाते हैं, इसलिए देशी-विदेशी ताकतें उन्हें षड्यंत्रपूर्वक फंसाने में लगी हुई हैं। नेताओं ने कहा इस मामले की निष्पक्ष जांच होना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि जांच में अगर बापू दोषी पाए गए तो? नेताजी बोले पहले जांच हो जाने दो सब सामने आ जाएगा। नेता जी दोपहर 12.30 बजे आश्रम पहुंचे और करीब ढाई बजे तक वे बापू के साथ रहे।


ऐसे चला घटनाक्रम
- सुबह सवा सात बजे जोधपुर पुलिस के सब इंस्पेक्टर भंवरसिंह और हेडकांस्टेबल सुरेंद्रसिंह नोटिस लेकर खंडवा रोड स्थित आश्रम पहुंचे।
- पुलिस को देख सेवादारों ने आश्रम का मुख्यद्वार बंद रखते हुए पुलिस को अंदर जाने से मना कर दिया।
- जोधपुर पुलिस करीब आधे घंटे तक आश्रम के बाहर ही खड़ी रही।
- सुबह 8 बजे भंवरकुआं थाने से टीआई अशोक तिवारी पुलिस दल के साथ आश्रम पहुंचे।
- कुछ देर तक बातचीत के बाद टीआई ने जोधपुर पुलिस के जवानों को अंदर दाखिल करवाया। - - करीब आधे घंटे तक आश्रम के भीतर पुलिस से ना ही किसी ने बात की और ना ही कोई नोटिस लेने आया वे यहां इंतजार करते रहे।
- काफी देर तक इंतजार के बाद करीब 8.30 बजे पुलिसवालों को आसाराम के सेवादारों ने बापू के योग में बैठे होने की जानकारी दी।
- सुबह नौ बजे आसाराम की ओर से एक वकील ने जोधपुर पुलिस से चर्चा की।
- सवा नौ बजे पुलिस को सचिव ने जानकारी दी की बापू ध्यान में लीन हो गए हैं।
- साढ़े 10 बजे के करीब इंदौर पुलिस आश्रम से बाहर आ गई, जबकि जोधपुर पुलिस वहीं बापू के बाहर आने का इंतजार करती रही।
- दोपहर साढ़े बारह बजे के करीब एक स्थानीय विधायक कुछ लोगों के साथ आश्रम पहुंचे।
- दोपहर करीब एक बजे बजे जोधपुर पुलिस ने नोटिस तामील करवाया। इसके बाद पुलिस जवान आश्रम से बाहर आ गए।
- दोपहर करीब चार बजे आसाराम ने चर्चा के लिए मीडिया को आश्रम में बुलाया।
- सफाई देने के बाद करीब सवा चार बजे मीडिया के सामने एक युवती आई, जिसका परिचय पीड़िता की सहेली के रूप में करवाया गया। युवती ने बापू के बचाव में मीडिया से बातें की।


आश्रम वालों ने पीड़िता की सहेली से कहलवाया था, सब साजिश
- आसाराम के सत्संग के बाद आश्रम से जुड़े पदाधिकारी एक युवती को मीडिया के सामने लाए। युवती ने कहा-मैं पीड़िता (जिसने दुष्कर्म का आरोप लगाया है) की सहेली हूं। पिछले साल हम दोनों आसाराम बापू के छिंदवाड़ा आश्रम में साथ-साथ रहते थे। ताजा मामला सामने आया तो दो दिन पहले मैंने उससे फोन पर बात की। उसने कहा कि माता-पिता के दबाव में उसने आसाराम बापू पर दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाया है। युवती से जब मीडिया ने नाम पूछा तो उसने नाम बताने से इनकार किया। हालांकि आश्रम से जुड़े लोगों का कहना है कि उसका नाम अश्विनी है।

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