Saturday, 6th September 2025

आसाराम केस में पीड़िता की मां बोली- साढ़े चार साल से अपने ही घर में जेल की तरह जी रहे

Wed, Apr 25, 2018 5:48 PM

- पीड़िता की मां ने कहा- 24 घंटे सिक्युरिटी में रहना पड़ता है। हम आम आदमी की तरह घर से बाहर नहीं जा पाते।

 

- 21 अगस्त 2013 को आसाराम के खिलाफ नाबालिग छात्रा ने दिल्ली में यौन उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था।

शाहजहांपुर(यूपी). आसाराम केस में बुधवार को जोधपुर कोर्ट ने फैसला सुनाया। आसाराम समेत 2 लोगों को कोर्ट ने दोषी करार दिया। 2 आरोपियों को बरी कर दिया गया। उससे पहले यूपी के शाहजहांपुर में पीड़िता के घर के घर पहुंचे भास्कर संवाददाता ने देखा कि वहां सन्नाटा था। घर के बाहर पुलिस तैनात थी। फैसले के मद्देनजर सरगर्मी बढ़ी तो महिला पुलिस भी लगा दी गई। किसी बाहरी को जाने नहीं दिया जा रहा। शक है कि शहर में आसाराम के समर्थक छुपे हो सकते हैं। इस बीच प्रशासन ने पीड़िता के भाई को दो दिन पहले हथियार का लाइसेंस दे दिया। पीड़िता की मां ने बताया कि वो साढ़े चार साल से अपने ही घर में जेल की तरह रह रहे हैं। इस दौरान बेटी ने मोबाइल तक नहीं छुआ। वह काफी तकलीफों से गुजरी, लेकिन हिम्मत नहीं हारी।

अपना ही घर जेल जैसा लगता है- पीड़िता का परिवार

- पीड़िता के परिवार ने बताया कि कि साढ़े चार साल से हमारे परिवार के दिन कैद में गुजर रहे हैं। हम इन सालों के बारे में क्या बताएं। हमारी बेटी तो किसी बाहरी आदमी से बात तक नहीं करती। मैं भी किसी तरह दिनभर के कामों में खुद को उलझाए रखती हूं। पहले की तरह हम घर के बाहर घूम नहीं सकते। 24 घंटे सिक्युरिटी में रहना पड़ता है। आम आदमी की तरह कहीं जा नहीं पाते। अपना ही घर जेल जैसा लगता है।

उसे बहुत तकलीफ होती है, लेकिन बेटी ने हिम्मत नहीं हारी है

- पीड़िता की मां के मुताबिक, "मेरी बेटी ने तो साढ़े चार साल से मोबाइल तक नहीं छुआ। जब बेटी घर से बाहर ही नहीं निकल पाती तो करेगी क्या? उसे बहुत तकलीफ होती है, लेकिन बेटी ने हिम्मत नहीं हारी है।"

बेटे को तो आए दिन मिलती है धमकी

- पीड़िता की मां का कहना है कि हम तो जल्द से जल्द चाहते हैं कि इस केस से पीछा छूटे... बस। बेटे को तो आए दिन धमकी मिलती रहती है। हम बाहर होते हैं, तो डर लगा रहता है। लोग कहते हैं कि फैसले के बाद मेरी बेटी अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करेगी... पर मैं कहती हूं कि अपनी जिंदगी में इतना पीछे होने के बाद कोई कैसे आगे बढ़ सकता है। अगर फैसला हमारे पक्ष में भी आ गया तो क्या होगा... हमारे सोचने से कुछ नहीं होता है। ईश्वर साथ है।

पुलिस छावनी बना पीड़िता का घर

- शाहजहांपुर में पीड़िता का घर पुलिस छावनी बना हुआ है, यहीं से पांच-छह किमी दूर बरेली रोड पर आसाराम का आश्रम भी पुलिस से घिरा हुआ है। जोधपुर जैसा है आशंकित शाहजहांपुर भी है।

- यहां की पुलिस बताती है कि शहर में कई जगह आसाराम के समर्थक छुपे हो सकते हैं। इसलिए उन्होंने पूरे परिवार को सुरक्षा घेरे में ले रखा है।

- पुलिस ने हमें भी अपनी पहचान छुपाकर रखने की हिदायत दी ताकि हम भी हमले का शिकार न हो जाएं।

5 साल से जेल में तो हम हैं- पीड़िता का पिता

- भास्कर संवाददाता ने जैसे ही उसके घर में जाने की कोशिश की, बुलेट प्रूफ जैकेट पहने और हाथ में एके-47 लिए गार्ड ने रोक लिया। कहा- इस घर मालिक की इजाजत के बिना कोई प्रवेश नहीं कर सकता। वहां खड़े इंस्पेक्टर ने काफी आग्रह के बाद पीड़िता के पिता से बात करवाई।

- पिता ने कहा कि पांच साल से आसाराम क्या जेल में है? जेल में तो हम हैं। मेरी बेटी इस घटना की बात करने मात्र से गुस्से में आ जाती है। फैसले को लेकर पूरा परिवार भयभीत और डिप्रेशन में है। बच्ची सो नहीं पाती है, कई मीडिया वाले आ चुके हैं, किसी से बात नहीं की, और क्या बात करें? अदालत से अर्ज करते हैं कि आरोपियों को उम्रकैद की सजा दे, ताकि जिन्हें लोग भगवान माने वे शैतान न बन पाए।

इधर, आसाराम के लिए जेल भी आश्रम जैसा

- पीड़ित परिवार और गवाह पांच साल से दहशत में है। आसाराम के खिलाफ कई मामलों में अब तक 9 गवाहों पर हमले हो चुके हैं, लेकिन आसाराम खुद जेल में सुरक्षित, बिंदास और स्वस्थ है। जेल का एक पुराना वीडियो है जिसमें आसाराम गाते और तालियां बजाते हुए दिखता है। जबकि, उसने त्रिनाड़ीशूल बीमारी का बहाना बना कर जमानत लेने की नाकाम कोशिश की थी।

- उसका खाना आश्रम से आता है। कैदियों को प्रसाद में देने के लिए उसके पास टॉफियां और ड्राइफ्रूट भी उपलब्ध है। इस केस का आरोपी प्रकाश फरवरी 14 में जमानत होने के बावजूद बाहर नहीं आया, हर वक्त उसकी सेवा में लगा रहता है।

- जेल में उसका समानांतर सिक्युरिटी सिस्टम चलता था। पहले दो साल तक तो समर्थक शहर में उत्पात मचाकर धारा 151 में गिरफ्तार होकर जेल पहुंच जाते थे और आसाराम से बदतमीजी करने वालों की पिटाई करते थे। यह बात पुलिस को पता चली तो समर्थकों को जेल भेजना बंद कर दिया।

- जेल डीआईजी विक्रमसिंह बताते हैं कि सुरक्षा के कारणों से आसाराम को दूसरे कैदियों से अलग रखा है, तीन साल पहले ऐसी घटनाएं होती थी।

मामले में फैसला आज: जोधपुर सेंट्रल जेल में लगेगी अदालत

- बता दें कि जोधपर जेल में बनी अदालत बुधवार को 80 साल के आसाराम के खिलाफ फैसला सुनाएगी। 21 अगस्त 2013 को आसाराम के खिलाफ नाबालिग छात्रा ने दिल्ली में यौन उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था।

- 31 सितंबर को इंदौर से उसे गिरफ्तार किया गया था। मामले में सेवादार शिवा, शरतचंद्र, शिल्पी और प्रकाश भी आरोपी हैं। कानूनी विशेषज्ञ कह रहे हैं कि आसाराम को 10 साल तक की सजा हो सकती है। इस बीच राजस्थान, गुजरात और हरियाणा हाईअलर्ट पर हैं।

- पीड़ित लड़की ने 27 दिन की लंबी जिरह में 94 पेज के बयान दिए। पीड़ित पक्ष ने 107 दस्तावेज पेश किए। 58 गवाहों की सूची दी। इनमें से 44 के बयान दर्ज हुए।

-आसाराम ने 12 बार जमानत की अर्जी दी। 6 अर्जी ट्रायल कोर्ट ने खारिज कीं, 3 राजस्थान हाईकोर्ट ने और 3 सुप्रीम कोर्ट ने।

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