रायगढ़. वन परिक्षेत्र रायगढ़ के बंगुरसिया सर्किल में पिछले दिनों कूप जलने का मामला सामने आया था। जिसमें लाखों रुपए का नुकसान शासन को हुआ और इस मामले में प्रांरभिक रिपोर्ट वन विभाग ने दर्ज की, पर पीओआर करते दौरान भी कूप जलने का उल्लेख न करते हुए वनकर्मियों ने सिर्फ जंगल व सूखे घासफुस जलने का रिपोर्ट दर्ज कर उच्चाधिकारियों को गुमराह कर दिया। इसके बाद भी अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है और जांच के नाम पर मामले में लेटलतिफी की जा रही है।
विभागीय सूत्रों ने बताया कि जब कभी दावानाल या किसी प्रकार का वन अपराध घटित होता है, तो सबसे पहले पीओआर (प्रारंभिक रिपोर्ट) दर्ज किया जाता है। ताकि विभाग में आगे की कार्रवाई की जा सके। जब बंगुरसिया सर्किल में दावानाल के कारण कूप जल कर राख हो गया, तो मामले में प्रारंभिक रिपोर्ट तो दर्ज की गई, पर सिर्फ जंगल व सूखे पत्ते, घासफुस जलने का उल्लेख कर मामले को छिपाने का प्रयास करते हुए डीएफओ, एसडीओ को गुमराह करने का काम किया गया। हांलाकि बाद में मिडिया के द्वारा कूप जलने का खुलासा किया गया। ऐसे में विभाग के अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम तो गठित कर दी, लेकिन अब अपने अधिनस्थ लापरवाह कर्मचारियों को बचाने के लिए अब तक कोई कार्रवाई नहीं किया गया। विभागीय जानकारों ने बताया कि मामला इतना गंभीर है कि उच्चस्तरीय जांच होने पर रेंजर से उपर के अधिकारी भी इस मामले में निपट जाएंगे, पर विभाग के अधिकारियों के द्वारा खुद को बचाने के लिए जांच दल तो गठित कर दिया, लेकिन इतने गंभीर मामले में जल्द जांच कर कार्रवाई करने में कोताही बरतने में लगे हुए हैं।
मामले को छिपाना भी अपराध
विभागीय जानकारों ने बताया कि बंगुरसिया में कूप जल गया और करीब दस दिनों तक रेंजर, सर्किल प्रभारी और ना ही बीटगार्ड ने मामले की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दी। यही नहीं पीओआर में कूप जलने का भी उल्लेख न करते हुए मामले को छिपाने का प्रयास किया गया और विभाग के अधिकारी बताते हैं कि मामले को छिपाना भी अपराध की श्रेणी में आता है।
वर्सन
मामले में पीओआर दर्ज किया गया, लेकिन पीओआर नंबर एक-दो दिन बाद बता दूंगा। पीओआर में जंगल व घासफुस जलने का उल्लेख किया गया है। कूप जलने का उल्लेख नहीं किया गया है।
आरसी यादव
रेंजर, वन परिक्षेत्र रायगढ़
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