नई दिल्ली. भाजपा के शासन में संविधान और दलितों पर कथित रूप से हो रहे हमलों के खिलाफ कांग्रेस सोमवार से 'संविधान बचाओ' अभियान शुरू करने जा रही है। इसका आगाज यहां के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी करेंगे। यह अभियान अगले साल भीमराव अंबेडकर की जयंती (14 अप्रैल) तक जारी रहेगा। कहा जा रहा है कि कांग्रेस इस अभियान से मोदी सरकार को दलित विरोधी बताकर इस समुदाय में पैठ बढ़ाना चाहती है, ताकि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में इसका फायदा मिल सके। बता दें कि देश में 17% दलित वोटर हैं।
अभियान अभी से क्यों किया जा रहा?
- कांग्रेस इसका फायदा कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव में भी उठाना चाहती है। इन राज्यों में इसी साल चुनाव होने हैं।
कांग्रेस के कौन-कौन नेता शामिल हो सकते हैं?
- 'संविधान बचाओ' अभियान शुरू किए जाने के कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और सुशील कुमार शिंदे शामिल हो सकते हैं।
- सोनिया गांधी के इसमें शामिल होने को लेकर पार्टी की तरफ से कोई बात नहीं कही गई है। इसमें पंचायत, स्थानीय निकाय और जिला स्तर के पार्टी पदाधिकारी भी भाग ले सकते हैं।
कांग्रेसी अपने-अपने इलाके में चलाएंगे अभियान
- कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यह अभियान अपने-अपने इलाकों में चलाने का निर्देश दिया जाएगा।
- कार्यकर्ता लोगों को यह भी समझाएंगे कि कांग्रेस दूसरी पार्टियों की तुलना में दलितों और निचले तबके के हितों की लड़ाई ज्यादा मजबूती से लड़ रही है।
कहां से उठा दलितों का मुद्दा?
- सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में एससी/एसटी एक्ट के तहत आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इसके लिए एक नई गाइडलाइन जारी की गई थी।
- इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया था। 2 अप्रैल को बुलाए गए देशव्यापी बंद में बड़े पैमाने पर दलित सड़कों पर उतरे थे। इस दौरान 14 राज्यों में हुई हिंसा में 15 लोगों की मौत हो गई थी।
कांग्रेस खोई हुई जमीन वापस पाने की जुगत में
- कांग्रेस को लगता है कि 2019 के आम चुनाव में दलित हितों का मुद्दा उठाकर वह अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन हासिल कर सकती है। इसकी वजह है कि देश में 17% दलित वोट है। इनका 150 से ज्यादा लोकसभा सीटों पर असर है। 2 अप्रैल के हिंसक आंदोलन पर किसी भी पार्टी ने सख्त प्रतिक्रिया नहीं की थी।
देश की राजनीति में दलितों का क्या असर है?
- देश में एससी/एसटी की आबादी 20 करोड़ और लोकसभा में इस वर्ग से 131 सांसद हैं। इस बड़े वर्ग से जुड़े इस मामले से हर दल के हित हैं। भाजपा के सबसे ज्यादा 67 सांसद इसी वर्ग से हैं।
दलितों के खिलाफ बढ़ते जा रहे अपराध
- एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, हर 15 मिनट में एक दलित के साथ अपराध होता है। रोजाना 6 दलित महिलाओं के साथ रेप होता है। 10 साल में दलितों के साथ अपराध 60% तक बढ़े।
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