Sunday, 25th May 2025

आज लाए जा सकते हैं दो अध्यादेश, 12 साल तक की नाबालिग से रेप पर फांसी की तैयारी; आज कैबिनेट मीटिंग

Sat, Apr 21, 2018 7:07 PM

गैंगरेप और एससी-एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हुए बवाल को थामने के लिए केंद्र सरकार दो अध्यादेश ला सकती है

नई दिल्ली.कठुआ-उन्नाव गैंगरेप और एससी-एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हुए बवाल को थामने के लिए केंद्र सरकार शनिवार को दो महत्वपूर्ण अध्यादेश ला सकती है। नरेंद्र मोदी विदेश दौरे से लौट आए हैं और आज इस पर कैबिनेट की बैठक होगी। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सरकार बाल यौन अपराध निरोधक कानून (पॉस्को एक्ट) में संशोधन का अध्यादेश ला सकती है। इसमें 12 साल तक की नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को फांसी की सजा का प्रावधान जोड़ा जाएगा। अभी पॉक्सो में अधिकतम ताउम्र कैद और कम से कम सात साल कैद की सजा का प्रावधान है।

 

एससी/एसटी एक्ट में बदलाव पर भी अध्यादेश

- वहीं, दूसरा अध्यादेश एससी-एसटी एक्ट से जुड़ा है। यह अध्यादेश भी तैयार है। इससे एससी-एसटी एक्ट को पुराने स्वरूप में लाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा कानून में बदलाव करते हुए इसमें जेल भेजने से पहले कुछ शर्तें लगा दी थीं। इसके बाद पूरे देश में दलित आंदोलन हुआ था।

- कानून मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, ''इस तरह के मामलों से निपटने के लिए आज एक अध्यादेश सबसे अच्छा तरीका है। इस संसोधन बिल के लिए मानसून सत्र शुरू (जुलाई) होने तक का इंतजार करना पड़ेगा।"

सरकार ने कोर्ट को बताया- बदलाव की प्रक्रिया शुरू

- सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया कि पॉक्सो एक्ट में बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 12 साल तक की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले में अधिकतम फांसी की सजा का प्रावधान करेगी।

- फिलहाल, पॉक्सो एक्ट में जघन्य अपराधों में अधिकतम उम्रकैद की सजा वहीं, कम से कम 7 साल की सजा का प्रावधान है।

यूपीए-2 सरकार से ज्यादा अध्यादेश मोदी सरकार के कार्यकाल में

साल अध्यादेश
2017 07
2016 10
2015 09
2014 (मई से) 07
कुल 33
औसत 8.25 अध्यादेश सालाना

- 2009 से 2014 के बीच यूपीए-2 सरकार चुनाव से एक साल पहले 2013 में रिकॉर्ड 11 अध्यादेश लाई थी। हालांकि, पांच साल में वह 23 अध्यादेश लाई।
- 2004 से 2009 के बीच यूपीए-1 सरकार के वक्त 36 अध्यादेश लाए गए थे।

निर्भय केस के बाद क्रिमिनल एक्ट में हुआ था बदलाव

- 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप मामले के बाद क्रिमिनल एक्ट में को अध्यादेश लाकर परिवर्तन किया गया था। इसके मुताबिक, दुष्कर्म मामले में महिला की मौत होने या न होने दोनों स्थितियों में दोषी को मौत की सजा का प्रावधान जोड़ा गया है। इसे आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम के नाम से जाना जाता है।

मेनका गांधी ने दिए थे संकेत

- कुछ दिन पहले केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा था- हम पॉक्सो एक्ट में संशोधन पर विचार कर रहे हैं। इस तरह के जुर्म में मौत की सजा पर विचार किया जा रहा है। बच्चों के साथ गलत करने वालों में कानून का डर होना चाहिए।

इन राज्यों में कानून को मिल चुकी है मंजूरी

- राजस्थान सरकार ने इसी साल मार्च में 12 साल तक की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को मौत की सजा वाले कानून को मंजूरी दी थी।
- इससे पहले मध्यप्रदेश ऐसा कानून बनाने वाला पहला राज्य था। वहीं, हरियाणा में इससे जुड़े प्रावधान को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

दुष्कर्म के मामलों से घिरी सरकार

- बता दें कठुआ-उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या का मुद्दा देशभर में सुर्खियों में है। पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं उन्नाव में भाजपा के विधायक पर युवती के साथ गैंगरेप के आरोप हैं। इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है।

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