रायपुर। एट्रोसिटी एक्ट को लेकर गरमाई दलित राजनीति के बीच बहुजन समाज पार्टी ने अपनी चुनावी व्यूह रचना बना ली है। पार्टी के पदाधिकारियों ने एक मई से दलित बहुल जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र से बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र तक सत्ता प्राप्त करो यात्रा निकालने का फैसला लिया है। यह यात्रा पैदल नहीं, बल्कि कार से होगी। कार के काफिले के साथ पार्टी का रथ भी चलेगा।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती इस बार बेहद गंभीर हैं। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष तक बदल दिया है। उत्तरप्रदेश के एक नहीं, तीन नेता एमएल भारती, भीम राजभर और अजय साहू को प्रदेश प्रभारी बनाया है।
इन नेताओं ने दलित बहुल क्षेत्रों में कार रैली निकालकर भाजपा और कांग्रेस के लिए दलित वोटरों का गणित बिगाड़ने की रणनीति बनाई है। रैली में प्रदेश प्रभारियों व प्रदेश अध्यक्ष के अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दाउराम रत्नाकर भी शामिल होंगे। जांजगीर से रैली शुरू होगी और चार मई को बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र में खत्म होगी।
हर विधानसभा क्षेत्र में रैली स्र्केगी और दो-दो जगहों पर जनसभा होगी। प्रदेश में दलित वोटरों की संख्या 12 फीसदी है और 10 विधानसभा सीटें एससी आरक्षित हैं। इसके अलावा कई और सीटों में भी दलित समुदाय प्रभावी संख्या में है। इसके बावजूद, बसपा का अब तक प्रदेश में ज्यादा प्रभाव देखने को नहीं मिला है। एक-दो विधानसभा सीटों में जीतती रही है।
नोट की किल्लत, एक्ट का मुद्दा उठाएगी
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश बाचपेयी ने बताया कि सभा में नोट की किल्लत और एक्ट का मामला प्रमुखता से उठाया जाएगा। इसके अलावा पार्टी के नेता राज्य सरकार की नाकामी और जन विरोधी नीतियों को भी उठाएंगे।
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