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नरोदा पाटिया दंगा केस: गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी हाईकोर्ट से बरी, बजरंगी समेत 31 दोषियों को राहत नहीं

Fri, Apr 20, 2018 6:22 PM

अहमदाबाद. गुजरात हाईकोर्ट ने 2002 में हुए नरोदा पाटिया दंगा मामले में पूर्व मंत्री माया कोडनानी को बरी कर दिया है। स्पेशल कोर्ट ने उन्हें 28 साल की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने बाबू बजरंगी की आखिरी सांस तक जेल की सजा बरकरार रखी है। बाकी 30 दोषियों की सजा भी बरकरार रखी गई है। इन सभी ने स्पेशल कोर्ट की ओर से सुनाई गई सजा को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। गोधरा कांड के बाद भड़का यह सबसे बड़ा दंगा था। इसमें 97 लोगों की मौत हुई थी।

 

कोडनानी को क्यों बरी किया गया?

- कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि घटना वाली जगह पर माया कोडनानी की मौजूदगी साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। ऐसे में उन्हें संदेह का लाभ दिया गया।

- जस्टिस हर्षा देवानी और जस्टिस एएस सुपेहिया की बेंच ने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद पिछले साल अगस्त में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

कितने आरोपी, कितने दोषी, कितने बरी

कुल आरोपी: 62 (इनमें से 1 की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।)

दोषी: 32

बरी: 29

दोषी/आरोपी स्पेशल कोर्ट का फैसला हाईकोर्ट का फैसला
माया कोडनानी 28 साल सबूतों के अभाव में बरी
बाबू बजरंगी आखिरी सांस तक जेल सजा बरकरार
7 दोषी 21 साल जेल सजा बरकरार
22 दोषी 14 साल जेल सजा बरकरार

गोधरा कांड और नरोदा पाटिया दंगा क्या था?

- 25 फरवरी 2002 को अयोध्या से बड़ी तादाद में कारसेवक साबरमती एक्सप्रेस से अहमदाबाद जाने के लिए सवार हुए थे। 
- 27 फरवरी 2002 को गोधरा में भीड़ ने ट्रेन को आग के हवाले कर दिया। इसमें 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी।
- 28 फरवरी 2002 को विश्व हिंदू परिषद ने इस घटना के विरोध में बंद बुलाया। इस दौरान नरोदा पाटिया इलाके में भीड़ ने अल्पसंख्यकों पर हमला कर दिया था। इसमें 97 लोगों की मौत हो गई।

- यह गुजरात दंगों से जुड़े 9 मामलों में एक है, जिसकी जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने की थी।

7 साल बाद शुरू हुआ था मुकदमा
- नरोदा पाटिया दंगों के मामले में अगस्त 2009 में मुकदमा शुरू हुआ था। 62 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान एक आरोपी विजय शेट्टी की मौत हो गई। 327 गवाहों के बयान दर्ज हुए।

आज किसका फैसला आया?

- दोषी ठहराए गए 32 लोगों ने हाईकोर्ट में अपनी सजा के खिलाफ अपील की थी। शुक्रवार को इसी पर फैसला आया।

बरी किए गए 29 लोगों का क्या हुआ?
- एसआईटी ने स्पेशल कोर्ट से बरी किए गए 29 लोगों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।

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